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आंदोलनरत असिस्टेंट प्रोफेसर और अतिथि विद्वानों को मुख्यमंत्री ने दी राहत, जल्द जारी होंगे नियुक्ति पत्र - छिंदवाड़ा

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार देर रात को एक ट्वीट करके आंदोलनरत असिस्टेंट प्रोफेसर और अतिथि विद्वानों को वचन निभाने का भरोसा दिया है. मुख्यमंत्री ने जहां चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर के जल्द नियुक्ति पत्र जारी होने की बात कही, तो वहीं अतिथि विद्वानों को यथावत रखे जाने का आश्वासन दिया है.

Chief Minister gives relief
असिस्टेंट प्रोफेसर और अतिथि विद्वानों को राहत
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Published : Dec 4, 2019, 12:06 PM IST

भोपाल। शासकीय महाविद्यालयों में पीएसी से चयनित किए गए असिस्टेंट प्रोफेसर जहां अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर पिछले 3 दिनों से भोपाल के नीलम पार्क में धरनS पर बैठे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अतिथि विद्वानों ने छिंदवाड़ा कूच कर मुख्यमंत्री कमलनाथ से अपना वचन पूरा करने की मांग की है. छिंदवाड़ा पहुंचे अतिथि विद्वानों को पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया था. इन परिस्थितियों के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार देर रात को एक ट्वीट करके आंदोलनरत असिस्टेंट प्रोफेसर और अतिथि विद्वानों को वचन निभाने का भरोसा दिया है. मुख्यमंत्री ने जहां चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर के जल्द नियुक्ति पत्र जारी होने की बात कही, तो वहीं अतिथि विद्वानों को यथावत रखे जाने का आश्वासन दिया है.

सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि 'मेरे द्वारा प्रदेश में पीएससी से चयनित विद्वानों के लिए नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दे दिए हैं, इसमें संशय की कोई गुंजाइश नहीं है. साथ ही जो अतिथि विद्वान पहले से कार्यरत हैं, वो भी यथावत रहेंगे.' मुख्यमंत्री के ट्वीट को लेकर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हफीज खान ने कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्देश दिए हैं कि जो असिस्टेंट प्रोफेसर पीएससी से चयनित हैं, उनके नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं. वहीं उन अतिथि शिक्षकों को यथावत रखा जाए, जो पहले से कार्यरत हैं.

असिस्टेंट प्रोफेसर और अतिथि विद्वानों को राहत

प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री हर वचन को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं. बीजेपी सिर्फ और सिर्फ एक आलोचना करने वाला विपक्ष रह गई है. बीजेपी की सकारात्मक सोच होती तो प्रदेश को आगे ले जाने के लिए हर संभव प्रयास करते ना कि सिर्फ आलोचना करते. उन्होंने कहा कि अतिथि विद्वानों को भ्रम की स्थिति के अंदर भाजपा ने नकारात्मक विपक्ष की हैसियत से आंदोलन के लिए उकसाया है, लेकिन तमाम लोगों को मध्यप्रदेश सरकार से राहत मिलती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने प्रदेश का वो हाल किया है, जिसमें सुधार करना असंभव है, लेकिन कमलनाथ जैसा मुख्यमंत्री प्रदेश को मिला है. जिनके राज में मध्यप्रदेश बेहतरी की तरफ जा रहा है.

  • मेरे द्वारा प्रदेश में पीएससी से चयनित विद्वानों के लिए नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दे दिए हैं , इसमें संशय की कोई गुंजाइश नहीं है।
    साथ ही जो अतिथि विद्वान पहले से कार्यरत हैं ,वह भी यथावत रहेंगे।

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भोपाल। शासकीय महाविद्यालयों में पीएसी से चयनित किए गए असिस्टेंट प्रोफेसर जहां अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर पिछले 3 दिनों से भोपाल के नीलम पार्क में धरनS पर बैठे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अतिथि विद्वानों ने छिंदवाड़ा कूच कर मुख्यमंत्री कमलनाथ से अपना वचन पूरा करने की मांग की है. छिंदवाड़ा पहुंचे अतिथि विद्वानों को पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया था. इन परिस्थितियों के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार देर रात को एक ट्वीट करके आंदोलनरत असिस्टेंट प्रोफेसर और अतिथि विद्वानों को वचन निभाने का भरोसा दिया है. मुख्यमंत्री ने जहां चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर के जल्द नियुक्ति पत्र जारी होने की बात कही, तो वहीं अतिथि विद्वानों को यथावत रखे जाने का आश्वासन दिया है.

सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि 'मेरे द्वारा प्रदेश में पीएससी से चयनित विद्वानों के लिए नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दे दिए हैं, इसमें संशय की कोई गुंजाइश नहीं है. साथ ही जो अतिथि विद्वान पहले से कार्यरत हैं, वो भी यथावत रहेंगे.' मुख्यमंत्री के ट्वीट को लेकर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हफीज खान ने कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्देश दिए हैं कि जो असिस्टेंट प्रोफेसर पीएससी से चयनित हैं, उनके नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं. वहीं उन अतिथि शिक्षकों को यथावत रखा जाए, जो पहले से कार्यरत हैं.

असिस्टेंट प्रोफेसर और अतिथि विद्वानों को राहत

प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री हर वचन को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं. बीजेपी सिर्फ और सिर्फ एक आलोचना करने वाला विपक्ष रह गई है. बीजेपी की सकारात्मक सोच होती तो प्रदेश को आगे ले जाने के लिए हर संभव प्रयास करते ना कि सिर्फ आलोचना करते. उन्होंने कहा कि अतिथि विद्वानों को भ्रम की स्थिति के अंदर भाजपा ने नकारात्मक विपक्ष की हैसियत से आंदोलन के लिए उकसाया है, लेकिन तमाम लोगों को मध्यप्रदेश सरकार से राहत मिलती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने प्रदेश का वो हाल किया है, जिसमें सुधार करना असंभव है, लेकिन कमलनाथ जैसा मुख्यमंत्री प्रदेश को मिला है. जिनके राज में मध्यप्रदेश बेहतरी की तरफ जा रहा है.

  • मेरे द्वारा प्रदेश में पीएससी से चयनित विद्वानों के लिए नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दे दिए हैं , इसमें संशय की कोई गुंजाइश नहीं है।
    साथ ही जो अतिथि विद्वान पहले से कार्यरत हैं ,वह भी यथावत रहेंगे।

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
Intro:भोपाल। शासकीय महाविद्यालयों में पीएसी से चयनित किए गए असिस्टेंट प्रोफेसर जहां अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर पिछले 3 दिनों से भोपाल के नीलम पार्क में धरना दे रहे हैं। तो दूसरी तरफ अतिथि विद्वान ने छिंदवाड़ा कूच कर के मुख्यमंत्री कमलनाथ से अपना वचन पूरा करने की मांग की थी। छिंदवाड़ा पहुंचे अतिथि विद्वानों को पहुंचने के पहले ही रोक दिया गया था। इन परिस्थितियों के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार देर रात को एक ट्वीट करके आंदोलनरत असिस्टेंट प्रोफेसर और अतिथि विद्वानों को वचन निभाने का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने जहां चयनित असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के जल्द नियुक्ति पत्र जारी होने की बात की थी तो वही अतिथि विद्वानों को यथावत रखे जाने की बात कही।Body:मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करके कहा है कि....

मेरे द्वारा प्रदेश में पीएससी से चयनित विद्वानों के लिए नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दे दिए हैं , इसमें संशय की कोई गुंजाइश नहीं है।
साथ ही जो अतिथि विद्वान पहले से कार्यरत हैं ,वह भी यथावत रहेंगे।

Conclusion:मुख्यमंत्री के ट्वीट को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हफीज खान ने कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्देश दिए हैं कि जिन असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियां पीएससी से की गई है, उनके नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं। वहीं उन अतिथि शिक्षकों को यथावत रखा जाए, जो पहले से कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री हर वचन को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं।मुझे हैरत होती है कि बीजेपी सिर्फ और सिर्फ एक आलोचना करने वाला विपक्ष रह गया है ।सकारात्मक सोच होती, तो प्रदेश को आगे ले जाने के लिए हर संभव प्रयास करते, ना कि सिर्फ आलोचना करते। मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनों को पूरा कर रहे हैं।किसी वर्ग को परेशान होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने हर वर्ग को राहत दी है ।अतिथि विद्वानों को भ्रम की स्थिति के अंदर भाजपा ने नकारात्मक विपक्ष की हैसियत से आंदोलन के लिए उकसाया। लेकिन आज उनके लिए भी राहत मिली है। तमाम लोगों को मध्य प्रदेश सरकार से राहत मिलती है,जबकि खजाना खाली है। बीजेपी ने प्रदेश का वह हाल किया है, जिसमें सुधार करना असंभव है। लेकिन कमलनाथ जैसे मुख्यमंत्री आज प्रदेश को मिला है। जिनके राज में मध्यप्रदेश में बेहतरी की तरफ जा रहा है। यह संकेत है कि हर वर्ग को राहत पहुंचाने मुख्यमंत्री अपना दिन रात एक करते हैं।
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