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एक जुलाई से होगी चतुर्मास की शुरुआत, नहीं होंगे मांगलिक कार्य - चतुर्मास में नहीं होंगे मांगलिक कार्य

एक जुलाई से चतुर्मास की शुरुआत होगी जो 25 नवम्बर तक चलेगा. इन चार महीनों में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है. इन महीनों में जप, ध्यान करना शुभ माना जाता है.

The beginning of the quarter
चतुर्मास की शुरुआत
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Published : Jun 27, 2020, 6:51 AM IST

भोपाल । इस बार चतुर्मास की शुरुआत एक जुलाई से होने जा रही है. चतुर्मास एक जुलाई से 25 नबंवर तक रहेगा इसमें शादी, गृह प्रवेश जैसे कोई भी शुभ काम नहीं होते हैं. दरअसल सनातन धर्म में कोई भी त्योहार मास और तिथि के अनुसार मनाए जाते हैं. ज्योतिष गणना के अनुसार 1 जुलाई से 16 अक्टूबर तक अधिमास रहेगा. इन अधिमास में सावन, भादौ, अश्विन और कार्तिक का महीना आता है. इस दौरान एक महीने तक खान-पान, पूजा, ध्यान साधना और संयम का पालन करना चाहिए. अधिमास आने से त्योहार भी कुछ समय आगे बढ़ जाते हैं.

चतुर्मास की शुरुआत

अधिमास के चलते अक्टूबर में आने वाला दीपावली का त्योहार अब नवम्बर में आएगा. चतुर्मास में एक ही जगह रहकर तप और ध्यान किया जाता है. ध्यान साधना करने वालों के लिए ये महीने काफी अच्छे होते हैं. यह आषाण शुक्ल से शुरु होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है. इन चार महीनों को व्रतों का माह भी कहा जाता है. इन महीनों में लोगों की पाचनशक्ति कमजोर पड़ती है, वहीं खाना और पानी में वैक्टीरिया हो जाते हैं.

Meditate in the chaturmas
चतुर्मास में करें ध्यान

इन नियमों का करें पालन...

इस दौरान फर्श पर सोना और सूर्योदय से पहले उठना शुभ माना जाता है. ज्यादातर मौन रहना चाहिए साथ ही एक ही समय भोजन करना चाहिए.

Fast will be rewarded
व्रत से मिलेगा पुण्य

यह नहीं करें...

सावन में हरी सब्जी, भाद्रपद में दही, अश्विन में दूध और कार्तिक में दाल नहीं खाना चाहिए. चतुर्मास में पान मसाला, सुपारी, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

भोपाल । इस बार चतुर्मास की शुरुआत एक जुलाई से होने जा रही है. चतुर्मास एक जुलाई से 25 नबंवर तक रहेगा इसमें शादी, गृह प्रवेश जैसे कोई भी शुभ काम नहीं होते हैं. दरअसल सनातन धर्म में कोई भी त्योहार मास और तिथि के अनुसार मनाए जाते हैं. ज्योतिष गणना के अनुसार 1 जुलाई से 16 अक्टूबर तक अधिमास रहेगा. इन अधिमास में सावन, भादौ, अश्विन और कार्तिक का महीना आता है. इस दौरान एक महीने तक खान-पान, पूजा, ध्यान साधना और संयम का पालन करना चाहिए. अधिमास आने से त्योहार भी कुछ समय आगे बढ़ जाते हैं.

चतुर्मास की शुरुआत

अधिमास के चलते अक्टूबर में आने वाला दीपावली का त्योहार अब नवम्बर में आएगा. चतुर्मास में एक ही जगह रहकर तप और ध्यान किया जाता है. ध्यान साधना करने वालों के लिए ये महीने काफी अच्छे होते हैं. यह आषाण शुक्ल से शुरु होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है. इन चार महीनों को व्रतों का माह भी कहा जाता है. इन महीनों में लोगों की पाचनशक्ति कमजोर पड़ती है, वहीं खाना और पानी में वैक्टीरिया हो जाते हैं.

Meditate in the chaturmas
चतुर्मास में करें ध्यान

इन नियमों का करें पालन...

इस दौरान फर्श पर सोना और सूर्योदय से पहले उठना शुभ माना जाता है. ज्यादातर मौन रहना चाहिए साथ ही एक ही समय भोजन करना चाहिए.

Fast will be rewarded
व्रत से मिलेगा पुण्य

यह नहीं करें...

सावन में हरी सब्जी, भाद्रपद में दही, अश्विन में दूध और कार्तिक में दाल नहीं खाना चाहिए. चतुर्मास में पान मसाला, सुपारी, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

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