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कमलनाथ के एक और वचन पर संकट के बादल, मौजूदा सत्र में छात्र संघ चुनाव के आसार कम

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के छात्रों को एक वचन दिया था कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे. लेकिन सरकार की तैयारी से ये नजर नहीं आ रहा है कि मौजूदा सत्र में ही छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हो सकेंगे.

छात्र संघ चुनाव के आसार कम
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Published : Aug 29, 2019, 3:14 PM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश की जनता के सामने पार्टी के घोषणा पत्र को वचन पत्र के रूप में पेश किया था. सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने वचन पत्र के कई वचन निभा चुके हैं और कई वचनों को निभाने की तैयारी चल रही है. इसी के चलते एक वचन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के छात्रों को दिया था, कि अब प्रदेश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे.

कमलनाथ सरकार इस वचन को निभाने की तैयारी तो कर रही है, लेकिन सरकार की तैयारी से ये नजर नहीं आ रहा है कि मौजूदा सत्र में ही छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हो सकेंगे. क्योंकि एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से सितंबर माह में छात्र संघ चुनाव हो जाने चाहिए और अभी तक उच्च शिक्षा विभाग इस बारे में कोई फैसला नहीं ले पाया है. उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव की बात तो कर रहे हैं, लेकिन चुनाव कब होंगे ये नहीं बता पा रहे.

छात्र संघ चुनाव के आसार कम

छात्र संघ चुनाव को लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी का कहना है, कि सत्र कल से ही प्रारंभ हुआ है. मध्यप्रदेश में अभी प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है. पिछले 15 साल में बीजेपी ने जिस तरह से छात्र राजनीति को खत्म करने का प्रयास किया है, आज मध्यप्रदेश की छात्र राजनीति वेंटिलेटर पर है. उसको पुनर्जीवित करने के लिए कमलनाथ सरकार प्रदेश के छात्रों को उनका अधिकार दिलाने वाली है.

विवेक त्रिपाठी का कहना है कि एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से सितंबर में चुनाव होते हैं. मंत्री जीतू पटवारी इस मामले पर 24 घंटे काम कर रहे हैं. बहुत जल्द ही इस पर निर्णय लेकर मजबूत अध्यादेश लाया जाएगा. एक मजबूत गाइडलाइन के साथ पूरे मध्यप्रदेश में छात्र संघ के चुनाव होंगे. निश्चित ही मध्यप्रदेश के छात्रों को ये अधिकार मिलने वाला है.

भोपाल। विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश की जनता के सामने पार्टी के घोषणा पत्र को वचन पत्र के रूप में पेश किया था. सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने वचन पत्र के कई वचन निभा चुके हैं और कई वचनों को निभाने की तैयारी चल रही है. इसी के चलते एक वचन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के छात्रों को दिया था, कि अब प्रदेश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे.

कमलनाथ सरकार इस वचन को निभाने की तैयारी तो कर रही है, लेकिन सरकार की तैयारी से ये नजर नहीं आ रहा है कि मौजूदा सत्र में ही छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हो सकेंगे. क्योंकि एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से सितंबर माह में छात्र संघ चुनाव हो जाने चाहिए और अभी तक उच्च शिक्षा विभाग इस बारे में कोई फैसला नहीं ले पाया है. उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव की बात तो कर रहे हैं, लेकिन चुनाव कब होंगे ये नहीं बता पा रहे.

छात्र संघ चुनाव के आसार कम

छात्र संघ चुनाव को लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी का कहना है, कि सत्र कल से ही प्रारंभ हुआ है. मध्यप्रदेश में अभी प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है. पिछले 15 साल में बीजेपी ने जिस तरह से छात्र राजनीति को खत्म करने का प्रयास किया है, आज मध्यप्रदेश की छात्र राजनीति वेंटिलेटर पर है. उसको पुनर्जीवित करने के लिए कमलनाथ सरकार प्रदेश के छात्रों को उनका अधिकार दिलाने वाली है.

विवेक त्रिपाठी का कहना है कि एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से सितंबर में चुनाव होते हैं. मंत्री जीतू पटवारी इस मामले पर 24 घंटे काम कर रहे हैं. बहुत जल्द ही इस पर निर्णय लेकर मजबूत अध्यादेश लाया जाएगा. एक मजबूत गाइडलाइन के साथ पूरे मध्यप्रदेश में छात्र संघ के चुनाव होंगे. निश्चित ही मध्यप्रदेश के छात्रों को ये अधिकार मिलने वाला है.

Intro:भोपाल। विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश की जनता के सामने घोषणा पत्र को वचन पत्र के रूप में पेश किया था। सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने वचन पत्र के कई वचन निभा चुके हैं और कई वचनों को निभाने की तैयारी चल रही है। इसी कड़ी में एक वचन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के छात्रों को दिया था कि अब प्रदेश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे। कमलनाथ सरकार इस वचन को निभाने की तैयारी तो कर रही है, लेकिन सरकार की तैयारी से यह नजर नहीं आ रहा है कि मौजूदा सत्र में ही छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हो सके। क्यों कि एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से सितंबर माह में छात्र संघ चुनाव हो जाने चाहिए और अभी तक उच्च शिक्षा विभाग इस बारे में कोई फैसला नहीं ले पाया है। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव की बात तो कर रहे हैं, लेकिन चुनाव कब होंगे यह नहीं बता पा रहे हैं।


Body:छात्र संघ चुनाव को लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी का कहना है कि मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि सत्र कल से ही प्रारंभ हुआ है। मध्यप्रदेश में अभी प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है।पिछले 15 साल में भाजपा ने जिस तरह से छात्र राजनीति को खत्म करने का प्रयास किया है, आज मध्य प्रदेश की छात्र राजनीति वेंटिलेटर पर है। उसको पुनर्जीवित करने के लिए मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार प्रदेश के छात्रों को उनका अधिकार दिलाने वाली है।उसके माध्यम से मध्यप्रदेश में खत्म हो चुकी छात्र राजनीति को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है।

लेकिन कैलेंडर के हिसाब से सितंबर में चुनाव होना चाहिए और इस पर सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, इस सवाल पर विवेक त्रिपाठी का कहना है कि एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से सितंबर में चुनाव होते हैं। मंत्री जीतू पटवारी इस मामले पर 24 घंटे काम कर रहे हैं। बहुत जल्द ही इस पर निर्णय लेकर मजबूत अध्यादेश लाया जाएगा। एक मजबूत गाइडलाइन के साथ पूरे मध्यप्रदेश में छात्र संघ के चुनाव होंगे।निश्चित ही मध्यप्रदेश के छात्रों को यह अधिकार मिलने वाला है।


Conclusion:इस मामले में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि बेसिक यह कि मध्यप्रदेश की सरकार और देश में क्या लोकतंत्र है। दोनों की डिमांड है कि बच्चों में प्रत्यक्ष रूप से लोकतंत्र की शिक्षा निरूपित हो। हम कोशिश कर रहे हैं कि एकेडमिक व्यवस्था है, उसमें कोई हानि ना हो और बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की शिक्षा बच्चों को देनी है। मैं समझता हूं कि विस्तार से कार्य योजना बन रही है। बहुत जल्दी ही सकारात्मक परिणाम प्रत्यक्ष रूप से बच्चों को लोकतंत्र की शिक्षा के मिलेंगे, इसका प्रयास किया जा रहा है।

मौजूदा सत्र में छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हो पाएंगे कि नहीं इस सवाल पर जीतू पटवारी ने कहा कि जब हमने कहा है कि इस देश के लोकतंत्र में आवश्यक है कि बच्चों को प्रत्यक्ष प्रणाली से लोकतंत्र की शिक्षा दी जाए, तो हम प्रयास कर रहे हैं।
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