भोपाल। विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश की जनता के सामने पार्टी के घोषणा पत्र को वचन पत्र के रूप में पेश किया था. सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने वचन पत्र के कई वचन निभा चुके हैं और कई वचनों को निभाने की तैयारी चल रही है. इसी के चलते एक वचन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के छात्रों को दिया था, कि अब प्रदेश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे.
कमलनाथ सरकार इस वचन को निभाने की तैयारी तो कर रही है, लेकिन सरकार की तैयारी से ये नजर नहीं आ रहा है कि मौजूदा सत्र में ही छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हो सकेंगे. क्योंकि एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से सितंबर माह में छात्र संघ चुनाव हो जाने चाहिए और अभी तक उच्च शिक्षा विभाग इस बारे में कोई फैसला नहीं ले पाया है. उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव की बात तो कर रहे हैं, लेकिन चुनाव कब होंगे ये नहीं बता पा रहे.
छात्र संघ चुनाव को लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी का कहना है, कि सत्र कल से ही प्रारंभ हुआ है. मध्यप्रदेश में अभी प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है. पिछले 15 साल में बीजेपी ने जिस तरह से छात्र राजनीति को खत्म करने का प्रयास किया है, आज मध्यप्रदेश की छात्र राजनीति वेंटिलेटर पर है. उसको पुनर्जीवित करने के लिए कमलनाथ सरकार प्रदेश के छात्रों को उनका अधिकार दिलाने वाली है.
विवेक त्रिपाठी का कहना है कि एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से सितंबर में चुनाव होते हैं. मंत्री जीतू पटवारी इस मामले पर 24 घंटे काम कर रहे हैं. बहुत जल्द ही इस पर निर्णय लेकर मजबूत अध्यादेश लाया जाएगा. एक मजबूत गाइडलाइन के साथ पूरे मध्यप्रदेश में छात्र संघ के चुनाव होंगे. निश्चित ही मध्यप्रदेश के छात्रों को ये अधिकार मिलने वाला है.