भोपाल। राज्य में हुई आफत की बारिश और उसके बाद आई बाढ़ ने तबाही मचा दी थी. जिसके बाद कमलनाथ सरकार लगातार केंद्र से 11 हजार करोड़ की राशि मांग रही है. जिससे पीड़ितों को राहत और मुआवजा दिया जा सके. इसके बाद भी अब तक केंद्र सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की राशि कमलनाथ सरकार को नहीं भेजी गई है. हालांकि सर्वे टीम ने जरूर कुछ जिलों का निरीक्षण किया है.
प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि केंद्रीय दल बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए प्रदेश आया हुआ है, बाढ़ की वजह से अब तक जो अनुमान गया है उसके अनुसार 24 लाख हेक्टेयर की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है, हमारे द्वारा केंद्रीय दल के सदस्यों से 11 हजार करोड़ रुपए की सहायता देने की मांग की गई है.
सत्र बुलाने से पहले करें बाढ़ पीड़ितों की मदद
मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि नष्ट फसल का नुकसान आने वाले समय में और बढ़ सकता है. केंद्र की सर्वे टीम दोबारा आएगी तो और अच्छी वस्तु स्थिति से अवगत हो पाएगी. नुकसान की फाइल रिपोर्ट तैयार होने में अभी करीब एक हफ्ते का समय लग सकता है. विधानसभा सत्र पर गोविंद सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा के द्वारा सत्र बुलाने की बात ऐसे समय में की जा रही है, जब लोगों को तत्काल सहायता देनी चाहिए.
बीजेपी नेताओं से गोविंद सिंह की अपील
विपक्ष पर तंज सकते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल विधानसभा सत्र को बुलाना इतना जरूरी नहीं है, जितना लोगों की मदद करना है. अगर ऐसी स्थिति में सत्र बुलाया जाता है तो लोग हमारे ऊपर हसेंगे. विपक्ष के नेताओं से उन्होंने अपील करते हुए कहा कि वे केंद्र सरकार से मध्यप्रदेश के लिए फंड मांगे, जिससे बाढ़ पीड़ितों को राहत दी जा सके.
दलगत नीति से उठकर लोगों की मदद करे केंद्र सरकार
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस सरकार थी तो कांग्रेस ने अरबों रुपए का मुआवजा कई प्रदेश सरकारों को दिया है, उस समय चाहे असम हो कर्नाटक या फिर तमिलनाडु सभी की मदद की गई है. कभी भी किसी राजनीतिक दल को नहीं देखा गया है. कुछ इसी प्रकार की भावना बीजेपी के अंदर भी होनी चाहिए और दलगत राजनीति से उठकर लोगों की मदद करनी चाहिए.