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केंद्र से आई सर्वे टीम ने किया मध्यप्रदेश का दौरा, मुलाकात के बाद मंत्री गोविंद सिंह ने बताई 'अंदर की बात'

बाढ़ से प्रभावित जिलों का दौरा केंद्र से आई एक सर्वे टीम ने किया है. जिसके बाद मंत्री गोविंद सिंह ने जांच दल से मुलाकात की और ज्यादा से ज्यादा मुआवजा राशि प्रदान करने की अपील की है.

मंत्री गोविंद सिंह का बयान
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Published : Sep 21, 2019, 11:07 AM IST

Updated : Sep 21, 2019, 11:37 AM IST

भोपाल। राज्य में हुई आफत की बारिश और उसके बाद आई बाढ़ ने तबाही मचा दी थी. जिसके बाद कमलनाथ सरकार लगातार केंद्र से 11 हजार करोड़ की राशि मांग रही है. जिससे पीड़ितों को राहत और मुआवजा दिया जा सके. इसके बाद भी अब तक केंद्र सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की राशि कमलनाथ सरकार को नहीं भेजी गई है. हालांकि सर्वे टीम ने जरूर कुछ जिलों का निरीक्षण किया है.

मंत्री गोविंद सिंह का बयान

प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि केंद्रीय दल बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए प्रदेश आया हुआ है, बाढ़ की वजह से अब तक जो अनुमान गया है उसके अनुसार 24 लाख हेक्टेयर की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है, हमारे द्वारा केंद्रीय दल के सदस्यों से 11 हजार करोड़ रुपए की सहायता देने की मांग की गई है.

सत्र बुलाने से पहले करें बाढ़ पीड़ितों की मदद
मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि नष्ट फसल का नुकसान आने वाले समय में और बढ़ सकता है. केंद्र की सर्वे टीम दोबारा आएगी तो और अच्छी वस्तु स्थिति से अवगत हो पाएगी. नुकसान की फाइल रिपोर्ट तैयार होने में अभी करीब एक हफ्ते का समय लग सकता है. विधानसभा सत्र पर गोविंद सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा के द्वारा सत्र बुलाने की बात ऐसे समय में की जा रही है, जब लोगों को तत्काल सहायता देनी चाहिए.

बीजेपी नेताओं से गोविंद सिंह की अपील
विपक्ष पर तंज सकते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल विधानसभा सत्र को बुलाना इतना जरूरी नहीं है, जितना लोगों की मदद करना है. अगर ऐसी स्थिति में सत्र बुलाया जाता है तो लोग हमारे ऊपर हसेंगे. विपक्ष के नेताओं से उन्होंने अपील करते हुए कहा कि वे केंद्र सरकार से मध्यप्रदेश के लिए फंड मांगे, जिससे बाढ़ पीड़ितों को राहत दी जा सके.

दलगत नीति से उठकर लोगों की मदद करे केंद्र सरकार
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस सरकार थी तो कांग्रेस ने अरबों रुपए का मुआवजा कई प्रदेश सरकारों को दिया है, उस समय चाहे असम हो कर्नाटक या फिर तमिलनाडु सभी की मदद की गई है. कभी भी किसी राजनीतिक दल को नहीं देखा गया है. कुछ इसी प्रकार की भावना बीजेपी के अंदर भी होनी चाहिए और दलगत राजनीति से उठकर लोगों की मदद करनी चाहिए.

भोपाल। राज्य में हुई आफत की बारिश और उसके बाद आई बाढ़ ने तबाही मचा दी थी. जिसके बाद कमलनाथ सरकार लगातार केंद्र से 11 हजार करोड़ की राशि मांग रही है. जिससे पीड़ितों को राहत और मुआवजा दिया जा सके. इसके बाद भी अब तक केंद्र सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की राशि कमलनाथ सरकार को नहीं भेजी गई है. हालांकि सर्वे टीम ने जरूर कुछ जिलों का निरीक्षण किया है.

मंत्री गोविंद सिंह का बयान

प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि केंद्रीय दल बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए प्रदेश आया हुआ है, बाढ़ की वजह से अब तक जो अनुमान गया है उसके अनुसार 24 लाख हेक्टेयर की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है, हमारे द्वारा केंद्रीय दल के सदस्यों से 11 हजार करोड़ रुपए की सहायता देने की मांग की गई है.

सत्र बुलाने से पहले करें बाढ़ पीड़ितों की मदद
मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि नष्ट फसल का नुकसान आने वाले समय में और बढ़ सकता है. केंद्र की सर्वे टीम दोबारा आएगी तो और अच्छी वस्तु स्थिति से अवगत हो पाएगी. नुकसान की फाइल रिपोर्ट तैयार होने में अभी करीब एक हफ्ते का समय लग सकता है. विधानसभा सत्र पर गोविंद सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा के द्वारा सत्र बुलाने की बात ऐसे समय में की जा रही है, जब लोगों को तत्काल सहायता देनी चाहिए.

बीजेपी नेताओं से गोविंद सिंह की अपील
विपक्ष पर तंज सकते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल विधानसभा सत्र को बुलाना इतना जरूरी नहीं है, जितना लोगों की मदद करना है. अगर ऐसी स्थिति में सत्र बुलाया जाता है तो लोग हमारे ऊपर हसेंगे. विपक्ष के नेताओं से उन्होंने अपील करते हुए कहा कि वे केंद्र सरकार से मध्यप्रदेश के लिए फंड मांगे, जिससे बाढ़ पीड़ितों को राहत दी जा सके.

दलगत नीति से उठकर लोगों की मदद करे केंद्र सरकार
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस सरकार थी तो कांग्रेस ने अरबों रुपए का मुआवजा कई प्रदेश सरकारों को दिया है, उस समय चाहे असम हो कर्नाटक या फिर तमिलनाडु सभी की मदद की गई है. कभी भी किसी राजनीतिक दल को नहीं देखा गया है. कुछ इसी प्रकार की भावना बीजेपी के अंदर भी होनी चाहिए और दलगत राजनीति से उठकर लोगों की मदद करनी चाहिए.

Intro:विधानसभा सत्र की नहीं प्रदेश में लोगों को मदद की है जरूरत सभी दलों को मिलकर आना चाहिए साथ मंत्री = गोविंद सिंह राजपूत


भोपाल | मध्यप्रदेश में कई जिलों में आई बाढ़ के बाद अब राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच राशि को लेकर लगातार कशमकश जारी है प्रदेश सरकार बार-बार केंद्र सरकार से राहत राशि देने की मांग कर रही है तो वहीं अब तक केंद्र सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की राशि कमलनाथ सरकार को नहीं भेजी गई है हालांकि सर्वे टीम ने जरूर कुछ जिलों का निरीक्षण किया है लेकिन अभी भी फाइनल रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है जिसके लिए करीब 1 हफ्ते का समय और लग सकता है ऐसी स्थिति में प्रदेश के अनेक जिलों में लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं लोग सरकार से आस लगाए बैठे हैं कि जल्द से जल्द उन्हें मुआवजा राशि मिलेगी ताकि वे एक बार फिर से बाढ़ हटने के बाद अपने घर को बना सकेंगे . लेकिन मुआवजा राशि को लेकर अभी भी कांग्रेस और बीजेपी में नूरा कुश्ती का खेल चल रहा है आम जनता की पीड़ा से किसी भी राजनीतिक दल को कोई खास सरोकार नहीं है विपक्ष सत्तापक्ष को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है तो वहीं सत्तापक्ष अपनी गलतियों को विपक्ष पर डालने में नहीं चूक रहा है लेकिन इस कशमकश के बीच आम नागरिक का नुकसान जरूर हो रहा है जिसकी शायद किसी को फिक्र नहीं है .


Body:प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि केंद्रीय दल बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए प्रदेश आया हुआ है क्योंकि प्रदेश में इस वर्ष बाढ़ की वजह से बेहद नुकसान हुआ है अभी तक बाढ़ की वजह से जो अनुमान हमने लगाया है उसके अनुसार 24 लाख हेक्टेयर की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है हमारे द्वारा केंद्रीय दल के सदस्यों से 11 हजार करोड़ रुपए की सहायता देने की मांग की गई है क्योंकि प्रदेश में फसलें भी नष्ट हुई है सड़कें भी पूरी तरह खराब हो गई है बहुत ज्यादा
संख्या में मकान भी जमींदोज हो चुके हैं केंद्रीय दल ने पांच से छह जिलों का स्वयं दौरा किया है जहां पर अत्यधिक बाढ़ आई है हमारी इच्छा थी कि वह स्वयं जाकर दौरा करें इसीलिए हमने अपने अधिकारी उनके साथ नहीं भेजे हैं और उन्होंने स्वयं अकेले जाकर वास्तु स्थिति का अवलोकन किया है .


हमारी आज मंत्रालय में भी उनसे मुलाकात हुई है उन्होंने हमें कहा है कि वह एक दौरा और करेंगे इसके बाद ही वह सही आकलन कर सकेंगे कि कितना बाढ़ की वजह से नुकसान हुआ है मध्य प्रदेश सरकार से जितना हो सकता है वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत के काम कर रही है अभी तक प्रदेश सरकार ने लोगों को राहत पहुंचाने के लिए करीब 125 करोड़ रुपए खर्च किया है लेकिन प्रदेश में उड़द की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है सोयाबीन भी आधा पीला पड़ चुका है इसलिए फसल का भी पूरा आकलन तभी हो पाएगा जब धूप निकलना शुरू हो जाएगी हमारे अनुमान से फसल का नुकसान आने वाले समय में और बढ़ सकता है केंद्र की सर्वे टीम दोबारा आएगी तो और अच्छी वस्तु स्थिति से अवगत हो पाएगी हमने उनसे आग्रह किया है कि ज्यादा से ज्यादा मुआवजा प्रदेश सरकार को मिलना चाहिए


Conclusion:मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि विधानसभा सत्र की बात हमारे द्वारा नहीं बल्कि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा के द्वारा की जा रही है लेकिन ऐसी स्थिति में जब प्रदेश के किसानों का भारी नुकसान हुआ है उनकी फसल खराब हो गई है मवेशी मर गए हैं मकान पानी में गिर गए हैं ऐसी स्थिति में उन्हें बचाना पहली प्राथमिकता में होना चाहिए बाढ़ पीड़ित को जो संभव हो सकता है वह प्राथमिक मदद देना बेहद जरूरी है इसलिए विधानसभा सत्र को बुलाना इतना जरूरी नहीं है जो लोग विधानसभा सत्र बुलाने की बात कह रहे हैं उन्हें यह बात भी समझनी चाहिए कि लोग ऐसी स्थिति में हमारे ऊपर हसाएंगे क्योंकि आज प्रदेश में लोगों को तुरंत सहयोग की आवश्यकता है आज मध्यप्रदेश में आठ हजार से ज्यादा कैंप लगाए गए हैं उस में बाढ़ पीड़ित लोग रह रहे हैं उनके खाने की व्यवस्था की जा रही है कपड़े की व्यवस्था की गई है उन्हें 50 किलो गेहूं दिया जा रहा है उन्हें अभी मदद की आवश्यकता है जो हमें करनी चाहिए .


उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने वाले नेताओं से में यही कहना चाहूंगा कि अभी आप मजाक का विषय मत बनो आप लोग स्वयं हमारे साथ चलो और देखो कि प्रदेश में क्या स्थिति है आप लोगों को तो साथ में आकर केंद्र से मुआवजे की मांग करनी चाहिए क्योंकि बीजेपी की ही सरकार केंद्र में है और बीजेपी के नेताओं को केंद्र से मदद के लिए बात करने के लिए आगे आना चाहिए ऐसी स्थिति में जब प्रदेश के लोग परेशान हैं उस समय पक्ष और विपक्ष को एक साथ खड़ा होना चाहिए मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि विपक्ष को यह भी बात समझ लेनी चाहिए कि जनता के साथ और किसान के हित में ऐसी कौन सी बात है जो की जानी चाहिए अब स्थिति यह है कि शिवराज सिंह चौहान बुधनी में धरना दे रहे हैं तो नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव रहली में धरना दे रहे हैं हम उन्हें धरना देने से मना नहीं कर रहे हैं धरना देना है दीजिए लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार से भी राहत देने के लिए मांग कीजिए जब केंद्र में कांग्रेस सरकार थी तो कांग्रेस ने अरबों रुपए का मुआवजा कई प्रदेश सरकारों को दिया है उस समय चाहे असम हो या चाहे कर्नाटक या फिर तमिलनाडु सभी की मदद की गई है कभी भी किसी राजनीतिक दल को नहीं देखा गया है कुछ इसी प्रकार की भावना बीजेपी के अंदर भी होनी चाहिए और दलगत राजनीति से उठकर लोगों की मदद करनी चाहिए .
Last Updated : Sep 21, 2019, 11:37 AM IST
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