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विधानसभा में गूंजा विधायकों के उपेक्षा का मुद्दा - Case of neglect of MLA

मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने विधायकों की उपेक्षा का मुद्दा उठाया.

Congress MLA PC Sharma
कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा
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Published : Mar 8, 2021, 8:42 PM IST

Updated : Mar 8, 2021, 9:53 PM IST

भोपाल। बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने विधायकों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा का कहना है कि उनके क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों से उन्हें दूर रखा जाता है. यह विधायकों के प्रोटोकॉल का उल्लंघन है. दरअसल कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने सदन में विधायकों के अधिकारों को लेकर सदन में मांग की, उन्होंने कहा कि आखिर जब उनके क्षेत्रो में लोकार्पण, भूमिपूजन कार्यक्रम होते हैं, तो क्षेत्रीय विधायक की उपेक्षा की जाती है.

अधिकारों की हनन का मामला

पंचायतों में नारी अदालत बनाकर सुलझाए जाएंगे मामले- सीएम शिवराज

स्वेक्षानुदान राशि बढ़ाने की मांग

एक तो उन्हें कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाता है और ना ही शिलालेख में उनका नाम होता है. इसके साथ ही बजट अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक ने प्रदेश के 35 रोजगार रोजगार कार्यालयों के बंद करने का सवाल उठाया. इसके साथ ही पीसी शर्मा ने विधायकों की स्वेक्षानुदान राशि बढ़ाने की मांग की है. विधायक का कहना है कि कोरोना काल में जनता की सहायता करने के लिए विधायकों की स्वेक्षानुदान बढ़ाने की मांग की है.

Rights violation
अधिकारों की हनन का मामला

अधिकारों की हनन का मामला

दरअसल प्रदेश में सत्ता पक्ष ज्यादातर सरकारी कार्यक्रमों में विपक्ष के नेताओं को नहीं बुलाया जाता है. जब प्रदेश में कमलनाथ सरकार थी तब बीजेपी विधायक इस बात को आरोप लगाते थे और अब जब भाजपा सरकार में है तो कांग्रेस विधायक, विधायकों के अधिकारों की हनन का मामला सदन में उठा रहे है.

भोपाल। बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने विधायकों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा का कहना है कि उनके क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों से उन्हें दूर रखा जाता है. यह विधायकों के प्रोटोकॉल का उल्लंघन है. दरअसल कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने सदन में विधायकों के अधिकारों को लेकर सदन में मांग की, उन्होंने कहा कि आखिर जब उनके क्षेत्रो में लोकार्पण, भूमिपूजन कार्यक्रम होते हैं, तो क्षेत्रीय विधायक की उपेक्षा की जाती है.

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स्वेक्षानुदान राशि बढ़ाने की मांग

एक तो उन्हें कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाता है और ना ही शिलालेख में उनका नाम होता है. इसके साथ ही बजट अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक ने प्रदेश के 35 रोजगार रोजगार कार्यालयों के बंद करने का सवाल उठाया. इसके साथ ही पीसी शर्मा ने विधायकों की स्वेक्षानुदान राशि बढ़ाने की मांग की है. विधायक का कहना है कि कोरोना काल में जनता की सहायता करने के लिए विधायकों की स्वेक्षानुदान बढ़ाने की मांग की है.

Rights violation
अधिकारों की हनन का मामला

अधिकारों की हनन का मामला

दरअसल प्रदेश में सत्ता पक्ष ज्यादातर सरकारी कार्यक्रमों में विपक्ष के नेताओं को नहीं बुलाया जाता है. जब प्रदेश में कमलनाथ सरकार थी तब बीजेपी विधायक इस बात को आरोप लगाते थे और अब जब भाजपा सरकार में है तो कांग्रेस विधायक, विधायकों के अधिकारों की हनन का मामला सदन में उठा रहे है.

Last Updated : Mar 8, 2021, 9:53 PM IST
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