भोपाल। चाल चरित्र और चेहरे की बात करने वाली बीजेपी की शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल विस्तार में 35 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 18 फीसदी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामले चल रहे हैं. वहीं सात मंत्री ऐसे भी हैं, जो सिर्फ 12वीं पास हैं और दो सिर्फ साक्षर हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मध्य प्रदेश को आखिर ऐसे मंत्री कैसे विकास की राह पर आगे ले जा पाएंगे. वहीं मंत्रिमंडल 34 में से 24 मंत्री करोड़पति हैं.
12 मंत्रियों पर चल रहे हैं आपराधिक मामले
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच ने नवागत मंत्रियों के शपथ पत्रों का एनालिसिस कर रिपोर्ट जारी की है. इसके मुताबिक शिवराज सिंह चौहान के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार में 28 विधायकों को मंत्री पद से नवाजा गया है. कुल मिलाकर मंत्रिमंडल में 33 सदस्य हो गए हैं. इन मंत्रियों में से 12 यानी 35 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, गिर्राज दंडोतिया, कमल पटेल, इंदर सिंह परमार, मोहन यादव, उषा ठाकुर, एंदल सिंह कंसाना, सुरेश धाकड़, ओमप्रकाश सकलेचा, तुलसीराम सिलावट, इमरती देवी, राम खिलावन पटेल के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मामले चल रहे हैं.
34 में से 30 मंत्री करोड़पति
शिवराज मंत्रिमंडल के 34 में से 30 मंत्री करोड़पति हैं. आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो मंत्रियों की औसत संपत्ति 6 करोड़ 48 लाख आंकी गई है. मंत्रिमंडल के टॉप करोड़पति मंत्रियों की बात करें तो मंत्रिमंडल में सबसे करोड़पति मंत्री भूपेंद्र सिंह हैं, जिन्होंने अपनी कुल संपत्ति 46 करोड रुपए घोषित की है. मंत्री डॉ. मोहन यादव की संपत्ति 31 करोड़ 97 लाख रुपए है. कुंवर विजय शाह की संपत्ति 16 करोड़ 64 लाख, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव की कुल संपत्ति 9 करोड़ 56 लाख और यशोधरा राजे सिंधिया की संपत्ति 9 करोड़ 25 लाख है.
ऊषा ठाकुर के पास सबसे कम संपत्ति
मंत्रिमंडल में शामिल उषा ठाकुर के पास सबसे कम संपत्ति है. इनकी कुल संपत्ति 7 लाख 35 हजार है. वहीं हरदीप सिंह डंग की संपत्ति 68 लाख है. कमलनाथ सरकार को गिराने और बीजेपी सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अरविंद भदौरिया की कुल संपत्ति 76 रुपय है. इसी तरह एंदल सिंह कंसाना की संपत्ति 83 लाख है.
मंत्रिमंडल में सात मंत्री 12वीं पास
मध्य प्रदेश की विकास को रफ्तार देने शिवराज सिंह चौहान की सरकार में बनाए गए मंत्रियों में 7 की शैक्षणिक योग्यता सिर्फ 5वीं और 12वीं ही है. 25 मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा घोषित की है. दो मंत्री ऐसे हैं, जो सिर्फ साक्षर हैं. मंत्रिमंडल में शामिल प्रेम सिंह चौथी पास हैं. वही बृजेंद्र सिंह यादव सातवीं पास, सुरेश धाकड़, एदल सिंह कंसाना आठवीं पास और इमरती देवी 12वीं पास हैं. भूपेंद्र सिंह एलएलबी, मोहन यादव पीएचडी, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से पीजी हैं.
कांग्रेस ने साधा निशाना
मंत्रिमंडल में दागियों को शामिल किए जाने के मामले में कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता के मुताबिक 100 दिन के मंथन के बाद ऐसे ही विधायक सामने आए, जिनके ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं और जिन्हें मंत्री बनाया गया है. उन्होंने कहा कि यही वो विष था, जो शिवराज ने पी लिया.