ETV Bharat / state

ISBT में यात्रियों का राह ताकती बस! संचालकों को सरकार की गाइडलाइन का इंतजार

कोरोना कर्फ्यू में बस संचालन को जरूर छूट दी गई है. लेकिन इसके बाद भी यात्री नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में अब डीजल तक का खर्चा निकालना बस संचालकों के लिए मुश्किल हो गया है. 1 जून से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

Bus operators are waiting for the mp government  guidelines bhopal
संचालकों को सरकार की गाइडलाइन का इंतजार
author img

By

Published : May 30, 2021, 3:02 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना कर्फ्यू के दौरान बस चलाने की अनुमति है, लेकिन कोरोना के कारण यात्री सफर ही नहीं कर रहे हैं. भोपाल से जाने वाली बसें इस समय खाली चल रही हैं. बस मालिकों ने बसों का संचालन भी बहुत कम कर दिया है. फिलहाल कुछ ही रूटों पर बसें चलाई जा रही हैं. लेकिन उन बसों में भी वही लोग सफर कर रहे हैं जिनका सफर करना बेहद जरूरी है.

भोपाल के आईएसबीटी बस स्टैंड पर खड़ी बसों का ढेर लगा हुआ है. भोपाल से बैतूल रूट पर केवल एक ही बस चल रही है. इसके अलावा लंबी दूरी की बसें ना के बराबर संचालित हो रही हैं. भोपाल इंदौर चार्टर्ड बस सेवा भी बंद है. भोपाल में 1 जून से अनलॉक होना है, ऐसे में अब बस संचालकों को नई गाइडलाइन जारी होने का इंतजार है.

ISBT पर खड़ी बसों का अंबार

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सरकार ने बसों को लॉकडाउन से बाहर रखा ताकि लोगों को खासकर ग्रामीण अंचल में आने-जाने वालों को परेशानी न हो. लेकिन महामारी के खौफ के मारे लोगों ने खुद ही घर से निकलना बंद कर दिया है. ऐसे में भोपाल से लगे हुए जिलों को बस सुविधा से जोड़ने के लिए ISBT बस स्टैंड पर खड़ी बसों का ढेर लग गया. हालांकि इन बसों को संचालित करने के लिए स्टाफ तो है, पर बसों में बैठने के लिए सवारियां नहीं हैं. जिसके चलते अधिकतर बसें स्टैंड पर ही खड़ी हुई हैं.

50 सीट वाली बस में सिर्फ 8-10 यात्री

भोपाल से बैतूल के लिए संपर्क सूत्र बस सेवा के कंडक्टर सुखदेव ने बताया कि भोपाल से बैतूल रूट पर महज 8 से 10 सवारियां ही मिल रही हैं, वहीं रास्ते मे सवारियां मिलना बहुत ही मुश्किल है. हालांकि बीच में होशंगाबाद में सवारियां मिलने की उम्मीद रहती है, पर इटारसी में कोई सवारी नहीं मिलती. उन्होंने बताया कि आजकल जिसको बहुत आवश्यक है, वही लोग घरों से निकलकर सफर कर रहे हैं. बस संचालकों की स्थिति अब यह है कि वह डीजल तक का खर्चा नहीं निकल पा रहा हैं.

ISBT से 15-20 बसें ही चल रहीं

इधर बसों के संचालन का काम देख रहे राजा ने बताया कि भोपाल के ISBT से केवल 15 से 20 गाड़ियां ही ऑपरेट हो रही हैं. जबकि सामान्य परिस्थितियों में इस बस स्टैंड से 100 से 150 बसें विभिन्न जिलों के लिए संचालित होती थी. फिलहाल जो बसें संचालित हो रही हैं, उनमें ज्यादा से ज्यादा 15 से 20 सवारी ही मिल पाती हैं. वहीं अभी ISBT से सागर और होशंगाबाद रूट की ही बसें ज्यादा चल रही हैं. बाकी जगह रेहटी, भोपाल और आस-पास के इलाकों के लिए इक्का-दुक्का बसें ही ऑपरेट हो रही हैं.

संचालकों को सरकार की गाइडलाइन का इंतजार

मुश्किल में बस ऑनर्स! सूना पड़ा शहडोल बस स्टैंड, केवल चल रही 7-8 बसें

सरकार के फैसले का इंतजार

प्रशासन एक-दो दिन में कोरोना कर्फ्यू में थोड़ी ढील देने का विचार कर रहा है. ऐसे मैं बस मालिक भी सरकार का निर्णय आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. पिछले लॉकडाउन के बाद बस ऑपरेटर्स ने टेक्स आदि में राहत की मांग की थी. परंतु अभी ऐसी कोई मांग सामने नहीं आई है. माना जा रहा है कि सरकार का निर्णय आने के बाद ही बस ऑपरेटर अपनी मांगों को सामने रखेंगे.

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना कर्फ्यू के दौरान बस चलाने की अनुमति है, लेकिन कोरोना के कारण यात्री सफर ही नहीं कर रहे हैं. भोपाल से जाने वाली बसें इस समय खाली चल रही हैं. बस मालिकों ने बसों का संचालन भी बहुत कम कर दिया है. फिलहाल कुछ ही रूटों पर बसें चलाई जा रही हैं. लेकिन उन बसों में भी वही लोग सफर कर रहे हैं जिनका सफर करना बेहद जरूरी है.

भोपाल के आईएसबीटी बस स्टैंड पर खड़ी बसों का ढेर लगा हुआ है. भोपाल से बैतूल रूट पर केवल एक ही बस चल रही है. इसके अलावा लंबी दूरी की बसें ना के बराबर संचालित हो रही हैं. भोपाल इंदौर चार्टर्ड बस सेवा भी बंद है. भोपाल में 1 जून से अनलॉक होना है, ऐसे में अब बस संचालकों को नई गाइडलाइन जारी होने का इंतजार है.

ISBT पर खड़ी बसों का अंबार

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सरकार ने बसों को लॉकडाउन से बाहर रखा ताकि लोगों को खासकर ग्रामीण अंचल में आने-जाने वालों को परेशानी न हो. लेकिन महामारी के खौफ के मारे लोगों ने खुद ही घर से निकलना बंद कर दिया है. ऐसे में भोपाल से लगे हुए जिलों को बस सुविधा से जोड़ने के लिए ISBT बस स्टैंड पर खड़ी बसों का ढेर लग गया. हालांकि इन बसों को संचालित करने के लिए स्टाफ तो है, पर बसों में बैठने के लिए सवारियां नहीं हैं. जिसके चलते अधिकतर बसें स्टैंड पर ही खड़ी हुई हैं.

50 सीट वाली बस में सिर्फ 8-10 यात्री

भोपाल से बैतूल के लिए संपर्क सूत्र बस सेवा के कंडक्टर सुखदेव ने बताया कि भोपाल से बैतूल रूट पर महज 8 से 10 सवारियां ही मिल रही हैं, वहीं रास्ते मे सवारियां मिलना बहुत ही मुश्किल है. हालांकि बीच में होशंगाबाद में सवारियां मिलने की उम्मीद रहती है, पर इटारसी में कोई सवारी नहीं मिलती. उन्होंने बताया कि आजकल जिसको बहुत आवश्यक है, वही लोग घरों से निकलकर सफर कर रहे हैं. बस संचालकों की स्थिति अब यह है कि वह डीजल तक का खर्चा नहीं निकल पा रहा हैं.

ISBT से 15-20 बसें ही चल रहीं

इधर बसों के संचालन का काम देख रहे राजा ने बताया कि भोपाल के ISBT से केवल 15 से 20 गाड़ियां ही ऑपरेट हो रही हैं. जबकि सामान्य परिस्थितियों में इस बस स्टैंड से 100 से 150 बसें विभिन्न जिलों के लिए संचालित होती थी. फिलहाल जो बसें संचालित हो रही हैं, उनमें ज्यादा से ज्यादा 15 से 20 सवारी ही मिल पाती हैं. वहीं अभी ISBT से सागर और होशंगाबाद रूट की ही बसें ज्यादा चल रही हैं. बाकी जगह रेहटी, भोपाल और आस-पास के इलाकों के लिए इक्का-दुक्का बसें ही ऑपरेट हो रही हैं.

संचालकों को सरकार की गाइडलाइन का इंतजार

मुश्किल में बस ऑनर्स! सूना पड़ा शहडोल बस स्टैंड, केवल चल रही 7-8 बसें

सरकार के फैसले का इंतजार

प्रशासन एक-दो दिन में कोरोना कर्फ्यू में थोड़ी ढील देने का विचार कर रहा है. ऐसे मैं बस मालिक भी सरकार का निर्णय आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. पिछले लॉकडाउन के बाद बस ऑपरेटर्स ने टेक्स आदि में राहत की मांग की थी. परंतु अभी ऐसी कोई मांग सामने नहीं आई है. माना जा रहा है कि सरकार का निर्णय आने के बाद ही बस ऑपरेटर अपनी मांगों को सामने रखेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.