भोपाल। प्रदेश में 28 विधानसभा पर होने वाले उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग की तैयारियां तेजी से शुरू हो गई हैं. निर्वाचन आयोग के सामने फर्जी मतदान को रोकना एक बड़ी चुनौती साबित होता है, क्योंकि अक्सर चुनाव के समय इस प्रकार की शिकायतें लगातार सामने आती हैं, जिसमें संबंधित मतदाता का वोट किसी अन्य द्वारा पहले ही डाल दिया जाता है. ऐसी स्थिति में फर्जी मतदान से इनकार भी नहीं किया जा सकता है, लेकिन अब तकनीक का उपयोग करते हुए चुनाव आयोग भी हाईटेक होता जा रहा है. यही वजह है कि अब इस तरह के फर्जी मतदाताओं को पकड़ने के लिए ‘बूथ लेवल’ ऐप बनाया गया है. इस नए ऐप के माध्यम से कई तरह की परेशानियों को आसानी से हल किया जा सकता है. ऐसे मतदाता जो किसी अन्य व्यक्ति का फर्जी मतदान करने की कोशिश करते हैं, उन्हें तुरंत पकड़ा जा सकेगा.
उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग द्वारा ‘बूथ लेवल’ ऐप का उपयोग भी किया जाएगा. इस ऐप के माध्यम से मतदाता की पहचान आसानी से हो सकेगी. इसी संबंध में भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश निर्वाचन आयोग के तकनीकी पदाधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘बूथ लेवल’ ऐप के उपयोग का प्रशिक्षण दिया है.
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग किया जा रहा है, जिसके तहत आयोग द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 19 जिलों के निर्वाचन अधिकारियों को ऐप से संबंधित प्रशिक्षण दिया.
‘बूथ लेवल’ ऐप की मदद से मतदान के समय मतदाताओं की पहचान डिजिटल तरीके से हो सकेगी. इसमें प्रदाय वोटर स्लिप को मतदान केंद्र पर स्कैन करते ही मतदाताओं की पूरी जानकारी सर्वर पर मिल जाएगी. साथ ही रियल टाइम में मतदान का प्रतिशत भी आसानी से पता चल सकेगा. अगर कोई मतदाता एक बार वोट डालने के बाद दोबारा वोट डालने के लिए जाता है, तो ‘बूथ लेवल’ ऐप तत्काल उसकी पहचान कर लेगा. इससे फर्जी मतदान रोकने में काफी आसानी हो जाएगी.