भोपाल। शाहरुख खान और दीपिका की फिल्म पठान 25 जनवरी को रिलीज होनी है, लेकिन इससे पहले यह विवादों में आ गई. (Film Pathan Controversy MP) इसकी वजह है कि फिल्म के एक गाने में दीपिका की ड्रेस है. दरअसल, पठान के बेशर्म रंग गाने के एक सीन में दीपिका ने केसरिया रंग की बिकिनी पहनी है. इसे लेकर हिंदू संगठन विरोध कर रहे हैं.
संतों में खासा रोष: संतों में पठान मूवी को लेकर खासा रोष देखने को मिल रहा है. कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने "Boycott पठान" कहने के साथ कहा कि "जब तुम कश्मीर देखने नहीं गए तो हम पठान देखने क्यों जाएं..यह फिल्म सनातन धर्म का अपमान है. डॉ. अवधेशानंद गिरी ने पठान पर प्रतिबंध लगाने की बात कही तो ओम काली महाराज ने फिल्म पठान के बहिष्कार की मांग करने लगे. इतना ही नहीं पंडोखर सरकार, पंडित धीरेंद्र शास्त्री और गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज ने सनातन धर्म का अपमान बताते हुए सेंसर बोर्ड से फिल्म को बैन करने की अपील की है.
गृह मंत्री की चेतावनी: मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने चेतावनी दी है कि, अगर फिल्म में दीपिका के कपड़े और कुछ सीन्स को बदला नहीं गया तो वो अपने राज्य में फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे. डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा- फिल्म पठान के गाने में टुकड़े-टुकड़े गैंग की समर्थक अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की वेशभूषा बेहद आपत्तिजनक है और गाना दूषित मानसिकता के साथ फिल्माया गया है. गाने के दृश्यों और वेशभूषा को ठीक किया जाए अन्यथा फिल्म को मध्य प्रदेश में अनुमति दी जाए या नहीं दी जाए, इस पर विचार करना होगा.
साधु-संतों ने किया नरोत्तम मिश्रा का समर्थन: अब एमपी के साधु-संतों ने एक सुर में गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र के पठान मूवी पर दिए गए बयान का समर्थन करते नजर आए. पंडित धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम सरकार ने फिल्म बायकाट करने की दी. लोगों को फिल्म ना देखने की शपथ दिलाई. वहीं पंडोखर सरकार भी दतिया में कूद पड़े हैं, उन्होंने सेंसर बोर्ड से कहा कि ऐसी सभी फिल्म बनाने वालों की मान्यता रद्द करें
नेता प्रतिपक्ष का आरोप: कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (Pradeep Mishra Statement on RSS Bajrang Dal) के संघ और बजरंग दल को लेकर दिए गए बयान को लेकर सियासी बवाल है. कांग्रेस और बीजेपी के दो दिग्गज नेता इस बयान पर आमने सामने आ गए है. नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में प्रदीप मिश्रा को बीजेपी का एजेंट बताया (Govind Singh Target Pradeep Mishra). उन्होंने कहा प्रदीप मिश्रा को बीजेपी उन्हें अपना प्रचार मंत्री बनाया है. कथा वाचक होने के बाद वे कथा के नाम पर एक पार्टी विशेष की बात करते हैं. अगर उन्हें राजनीति का ज्यादा शौक है, उन्हें संघ में काम करने की इतनी इच्छा है तो कथा के नाम पर लोगों को गुमराह करना बंद करें. मंत्री विश्वास सांरग ने इस बयान को कथावाचकों के साथ हिंदू समाज का अपमान बताया और कहा कि गोविंद सिंह को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.
तन्खा ने किया समर्थन: ऐसे में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा (MP Vivek Tankha in support film Pathan) ने कहा है कि ''बॉयकॉट का तरीका मुझे पसंद नहीं है (Pathan Boycott Method is Wrong), यह तरीका एंटी सोशल होता है. फिल्म आपको पसंद है या नहीं है इसके लिए सेंसर बोर्ड होता है, आपत्ति है तो सेंसर बोर्ड इस सीन को हटा सकता है. अगर व्यक्तिगत से रूप से फिल्म और आर्टिस्ट पर कमेंट करेंगे तो उसका कोई अंत नहीं है, ये इमेज देश के लिए अच्छी नहीं बन रही है. बॉलीवुड वालों से पूछिए किस तरह की इमेज बन रही है''.
मान्यता रद्द करने की मांग: फिल्म पठान को लेकर पंडोखर सरकार के नाम से मशहूर गुरुशरण जी महाराज ने फिल्म बनाने वालों की मान्यता रद्द करने की सेंसर बोर्ड से मांग की है. उन्होंने कहा कि, हिंदू धर्म को बदनाम और सनातन को नीचा दिखाने का काम करने वालों का बहिष्कार होना चाहिए. कई लोग जो भारत में रहकर भारत की संस्कृति का अनादर करते हैं. इतना ही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि, मध्यप्रदेश में ऐसी फिल्मों पर बैन लगाया जाए. उनका कहना है कि जिस तरह से फिल्म में दृश्य दिखाए गए हैं. यह सभी हिंदू धर्म को बदनाम करने की साजिश है. सनातन धर्म को नीचा दिखाने का काम करने वालों का बहिष्कार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भगवा रंग पर जो गाना बना है वह भारत की संस्कृति और सभ्यता का अनादर करता है.
अखिलेश्वरानंद महाराज ने खोला मोर्चा: जबलपुर में भी फिल्म अभिनेता शहरुख खान के खिलाफ मध्य प्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज ने भी मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा है कि शहरुख खान को अगर दुश्मन देश से हमदर्दी है तो भारत छोड़कर पाकिस्तान चले जाएं. उन्होंने साफ किया है कि सेंसर बोर्ड जब भी किसी फिल्म को अनुमति देता है तो इसमें इस बात का उल्लेख रहता है कि किसी भी व्यक्तिगत या सामूहिक भावनाएं आहत नहीं होनी चाहिए, लेकिन शहरुख खान की फिल्म ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया है. फिल्म पर पूरी तरह पाबंदी लगा देनी चाहिए. भगवे रंग को लेकर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी का कहना है कि भगवा रंग सूर्य के तेज का प्रतीक माना जाता है, लेकिन फिल्म में भगवे रंग के साथ मजाक किया गया है जो कि हमारी संस्कृति और सभ्यता के साथ खिलवाड़ है.