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मध्यप्रदेश के 437 स्थानों से संभलकर गुजरें, यहां अक्सर होते हैं हादसे

सड़कों पर कुछ जगहें ऐसी होती हैं जहां ज्यादातर एक्सीडेंट सामने आते हैं ये तकनीकि खामियों की वजह से होता है. एमपी में सड़कों पर 400 से अधिक ऐसी खतरनाक जगहें हैं जिनको चिन्हित किया गया है.

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Published : May 31, 2023, 10:58 PM IST

Black spots on roads in MP
मप्र में सड़कों पर ब्लैक स्पॉट

भोपाल। राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया के सड़क हादसे में घायल होने की घटना के बाद मध्यप्रदेश के हाईवे पर सुरक्षित सफर को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. हाईवे पर तकनीकि खामियों और कई बार स्थानीय लोगों की लापरवाही लोगों की जान पर भारी पड़ रही है. प्रदेश की सड़क पर ऐसे 437 स्थान चिन्हित किए गए हैं, जो यात्रा के दौरान जोखिम भरे माने जाते हैं. जहां आए दिन सड़क हादसे होते हैं. इन्हें दुरूस्त कराने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान भी निर्देश दे चुके हैं. उधर प्रदेश में पिछले साल सड़क हादसों में 13 हजार 427 लोग जान गंवा चुके हैं.

सड़कों पर 437 जोखिम भरे स्थान: पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में 437 ब्लैक स्पॉट हैं. हाईवे पर ब्लैक स्पॉट्स उन्हें माना जाता है, जहां तकनीकी खामियों की वजह से लगातार सड़क दुर्घटनाएं होती हैं या आधा किलोमीटर के क्षेत्र में एक साल में पांच गंभीर दुर्घटनाएं होती हैं.

  1. मध्यप्रदेश में साल 2022 में ऐसे 437 ब्लैक स्पॉट पाए गए थे, इनमें से हाईवे पर करीब 150 ब्लैक स्पॉट्स तय किए गए थे. इसके बाद संबंधित निर्माण एजेंसियों को हाईवे पर निर्माण की खामियों को खोजकर उन्हें दूर करने के निर्देश दिए गए हैं.
  2. साल 2021 के मुकाबले 2022 में ऐसे ब्लैक स्पॉट्स की संख्या बढ़ गई है. 2022 में प्रदेश में 42 नए ऐसे स्पॉट्स चिन्हित किए गए थे.
  3. 2021 में ऐसे ब्लैक स्पॉट्स 395 थे. जबकि 2020 में ऐसे 465 ब्लौक स्पॉट्स तय किए गए थे.
  4. प्रदेश में राजमार्गों पर अन्य सड़कों पर दुर्घटनाओं में पिछले साल 13 हजार 427 लोगों की जान गई है.
  5. 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में करीब 14 हजार 300 लोगों की जान दुर्घटनाओं में गई हैं.

तीन माह पहले सीएम ने दिए थे निर्देश: प्रदेश में चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट्स को दूर करने और हाईवे पर सफर को सुरक्षित बनाने के लिए जनवरी माह में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की गई थी. बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में सड़क निर्माण एजेंसियों को जल्द से जल्द इन्हें ठीक करने के निर्देश दिए थे.

लोगों की लापरवाही भी पड़ रही भारी: सड़क हादसों के लिए जहां सड़कों की तकनीकि खामियां जिम्मेदारी हैं, वहीं वाहन चालकों और स्थानीय लोगों की लापरवाही भी जानलेवा साबित हो रही है. प्रदेश के राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया की कार का एक्सीडेंट अचानक सड़क पर आए ट्रैक्टर टॉली से टकराने से हुआ. इसके पहले कृषि मंत्री कमल पटेल देवास-इंदौर रोड के डाबरी फाटे पर तीन दिन से सड़क पर खराब पड़े डंपर को न हटवाने को लेकर थाना प्रभारी पर खूब भड़के थे. उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.

भोपाल। राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया के सड़क हादसे में घायल होने की घटना के बाद मध्यप्रदेश के हाईवे पर सुरक्षित सफर को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. हाईवे पर तकनीकि खामियों और कई बार स्थानीय लोगों की लापरवाही लोगों की जान पर भारी पड़ रही है. प्रदेश की सड़क पर ऐसे 437 स्थान चिन्हित किए गए हैं, जो यात्रा के दौरान जोखिम भरे माने जाते हैं. जहां आए दिन सड़क हादसे होते हैं. इन्हें दुरूस्त कराने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान भी निर्देश दे चुके हैं. उधर प्रदेश में पिछले साल सड़क हादसों में 13 हजार 427 लोग जान गंवा चुके हैं.

सड़कों पर 437 जोखिम भरे स्थान: पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में 437 ब्लैक स्पॉट हैं. हाईवे पर ब्लैक स्पॉट्स उन्हें माना जाता है, जहां तकनीकी खामियों की वजह से लगातार सड़क दुर्घटनाएं होती हैं या आधा किलोमीटर के क्षेत्र में एक साल में पांच गंभीर दुर्घटनाएं होती हैं.

  1. मध्यप्रदेश में साल 2022 में ऐसे 437 ब्लैक स्पॉट पाए गए थे, इनमें से हाईवे पर करीब 150 ब्लैक स्पॉट्स तय किए गए थे. इसके बाद संबंधित निर्माण एजेंसियों को हाईवे पर निर्माण की खामियों को खोजकर उन्हें दूर करने के निर्देश दिए गए हैं.
  2. साल 2021 के मुकाबले 2022 में ऐसे ब्लैक स्पॉट्स की संख्या बढ़ गई है. 2022 में प्रदेश में 42 नए ऐसे स्पॉट्स चिन्हित किए गए थे.
  3. 2021 में ऐसे ब्लैक स्पॉट्स 395 थे. जबकि 2020 में ऐसे 465 ब्लौक स्पॉट्स तय किए गए थे.
  4. प्रदेश में राजमार्गों पर अन्य सड़कों पर दुर्घटनाओं में पिछले साल 13 हजार 427 लोगों की जान गई है.
  5. 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में करीब 14 हजार 300 लोगों की जान दुर्घटनाओं में गई हैं.

तीन माह पहले सीएम ने दिए थे निर्देश: प्रदेश में चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट्स को दूर करने और हाईवे पर सफर को सुरक्षित बनाने के लिए जनवरी माह में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की गई थी. बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में सड़क निर्माण एजेंसियों को जल्द से जल्द इन्हें ठीक करने के निर्देश दिए थे.

लोगों की लापरवाही भी पड़ रही भारी: सड़क हादसों के लिए जहां सड़कों की तकनीकि खामियां जिम्मेदारी हैं, वहीं वाहन चालकों और स्थानीय लोगों की लापरवाही भी जानलेवा साबित हो रही है. प्रदेश के राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया की कार का एक्सीडेंट अचानक सड़क पर आए ट्रैक्टर टॉली से टकराने से हुआ. इसके पहले कृषि मंत्री कमल पटेल देवास-इंदौर रोड के डाबरी फाटे पर तीन दिन से सड़क पर खराब पड़े डंपर को न हटवाने को लेकर थाना प्रभारी पर खूब भड़के थे. उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.

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