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यूरिया संकट पर बीजेपी ने कमलनाथ सरकार को लिया आड़े हाथों, कहा- डराये नहीं, अपनी जिम्मेदारी निभाएं

कांग्रेस के एतराज पर और शिवराज सिंह पर दिए गए बयान को लेकर मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि, बात बिल्कुल सीधी है यूरिया के कारण किसान परेशान हैं. महिलाएं और बच्चे लाइन में लगे हैं. किसानों से गाली-गलौज हो रही है और पुलिस का पहरा है. तमाम तरह के काम छोड़कर किसान यूरिया के लिए रात दिन लाइन में लगकर परेशान हो रहा है.

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यूरिया संकट पर बीजेपी ने कमलनाथ सरकार को लिया आड़े हाथों
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Published : Dec 8, 2019, 4:57 AM IST

भोपाल। यूरिया संकट को लेकर चल रही सियासत के बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह शुक्रवार को सागर पहुंचे. जहां उन्होंने बीजेपी विधायक पर चक्काजाम करने के मामले में दर्ज की गई एफआईआर पर विरोध जताते हुए कहा था, कि 'हम इंदिरा गांधी से नहीं डरे तो कमलनाथ किस खेत की मूली हैं'. इस पर कांग्रेस ने शिवराज सिंह को मर्यादित भाषा बोलने की सलाह दी है तो दूसरी तरफ बीजेपी शिवराज सिंह के बयान को उचित ठहरा रही है. साथ ही बीजेपी का कहना है कि किसानों की आवाज उठाने पर बीजेपी विधायक पर एफआईआर दर्ज की गई, इसलिए हम कांग्रेस को बताना चाहते हैं कि जब हम आपातकाल में नहीं डरे, तो आपके राज में क्या डरेंगे.

यूरिया संकट पर बीजेपी ने कमलनाथ सरकार को घेरा

मुख्यमंत्री कमलनाथ पर शिवराज सिंह के आपत्तिजनक बयान के बाद कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी ने आज प्रेस वार्ता कर शिवराज सिंह के बयान की तुलना लक्ष्मीकांत शर्मा के उस वायरल वीडियो से की थी, जिसमें वह हनीट्रैप कांड की आरोपी महिला से बातचीत करते हुए शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह को महाभ्रष्ट बता रहे थे. जीतू पटवारी ने कहा था कि, लक्ष्मीकांत शर्मा ने तो नशे की हालत में बयान दिया था, लेकिन शिवराज सिंह होश में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. जीतू पटवारी ने यह भी कहा था कि शिवराज सिंह जब तक सत्ता में थे तब तक उनकी भाषा बहुत संस्कारी थी और जब से वह मुख्यमंत्री पद से हटे हैं, तो अमर्यादित भाषा का उपयोग करने लगे हैं.

हम आपातकाल में नहीं डरे, तो आप के राज में क्या डरेंगे?

कांग्रेस के एतराज पर और शिवराज सिंह पर दिए गए बयान को लेकर मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि, बात बिल्कुल सीधी है यूरिया के कारण किसान परेशान हैं. महिलाएं और बच्चे लाइन में लगे हैं. किसानों से गाली-गलौज हो रही है और पुलिस का पहरा है. तमाम तरह के काम छोड़कर किसान यूरिया के लिए रात दिन लाइन में लगकर परेशान हो रहा है. जब विधायक जनप्रतिनिधि होने के कारण मांग उठाता है तो उस पर एफ आई आर दर्ज की जाती है.यह डराने का काम क्यों कर रहे हैं? किसानों को लेकर विधायक अपनी बात ना करेगा, तो कौन करेगा उस पर एफआईआर लगाने का काम ही करते हैं, तो हम यह बता दें कि हम आपातकाल में नहीं डरे, तो आप के राज में क्या डरेंगे? यह बात बीजेपी बखूबी जानती है. इसलिए डराने धमकाने का काम ना करें अपनी जो जिम्मेदारी है कि किसानों को यूरिया उपलब्ध कराएं, वह निभाएं.

भोपाल। यूरिया संकट को लेकर चल रही सियासत के बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह शुक्रवार को सागर पहुंचे. जहां उन्होंने बीजेपी विधायक पर चक्काजाम करने के मामले में दर्ज की गई एफआईआर पर विरोध जताते हुए कहा था, कि 'हम इंदिरा गांधी से नहीं डरे तो कमलनाथ किस खेत की मूली हैं'. इस पर कांग्रेस ने शिवराज सिंह को मर्यादित भाषा बोलने की सलाह दी है तो दूसरी तरफ बीजेपी शिवराज सिंह के बयान को उचित ठहरा रही है. साथ ही बीजेपी का कहना है कि किसानों की आवाज उठाने पर बीजेपी विधायक पर एफआईआर दर्ज की गई, इसलिए हम कांग्रेस को बताना चाहते हैं कि जब हम आपातकाल में नहीं डरे, तो आपके राज में क्या डरेंगे.

यूरिया संकट पर बीजेपी ने कमलनाथ सरकार को घेरा

मुख्यमंत्री कमलनाथ पर शिवराज सिंह के आपत्तिजनक बयान के बाद कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी ने आज प्रेस वार्ता कर शिवराज सिंह के बयान की तुलना लक्ष्मीकांत शर्मा के उस वायरल वीडियो से की थी, जिसमें वह हनीट्रैप कांड की आरोपी महिला से बातचीत करते हुए शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह को महाभ्रष्ट बता रहे थे. जीतू पटवारी ने कहा था कि, लक्ष्मीकांत शर्मा ने तो नशे की हालत में बयान दिया था, लेकिन शिवराज सिंह होश में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. जीतू पटवारी ने यह भी कहा था कि शिवराज सिंह जब तक सत्ता में थे तब तक उनकी भाषा बहुत संस्कारी थी और जब से वह मुख्यमंत्री पद से हटे हैं, तो अमर्यादित भाषा का उपयोग करने लगे हैं.

हम आपातकाल में नहीं डरे, तो आप के राज में क्या डरेंगे?

कांग्रेस के एतराज पर और शिवराज सिंह पर दिए गए बयान को लेकर मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि, बात बिल्कुल सीधी है यूरिया के कारण किसान परेशान हैं. महिलाएं और बच्चे लाइन में लगे हैं. किसानों से गाली-गलौज हो रही है और पुलिस का पहरा है. तमाम तरह के काम छोड़कर किसान यूरिया के लिए रात दिन लाइन में लगकर परेशान हो रहा है. जब विधायक जनप्रतिनिधि होने के कारण मांग उठाता है तो उस पर एफ आई आर दर्ज की जाती है.यह डराने का काम क्यों कर रहे हैं? किसानों को लेकर विधायक अपनी बात ना करेगा, तो कौन करेगा उस पर एफआईआर लगाने का काम ही करते हैं, तो हम यह बता दें कि हम आपातकाल में नहीं डरे, तो आप के राज में क्या डरेंगे? यह बात बीजेपी बखूबी जानती है. इसलिए डराने धमकाने का काम ना करें अपनी जो जिम्मेदारी है कि किसानों को यूरिया उपलब्ध कराएं, वह निभाएं.

Intro:भोपाल। यूरिया संकट को लेकर चल रही सियासत के बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह शुक्रवार को सागर पहुंचे थे।जहां उन्होंने बीजेपी विधायक पर चक्काजाम करने के मामले में दर्ज की गई एफआईआर पर विरोध जताते हुए कहा था कि हम इंदिरा गांधी से नहीं डरे तो कमलनाथ किस खेत की मूली हैं। इस बात को लेकर कांग्रेस जमकर नाराज है और कांग्रेस ने शिवराज सिंह को मर्यादित भाषा बोलने की सलाह दी है। लेकिन दूसरी तरफ भाजपा शिवराज सिंह के बयान को उचित ठहरा रही है और भाजपा का कहना है कि किसानों की आवाज उठाने पर बीजेपी विधायक पर एफ आई आर दर्ज की गई। इसलिए हम कांग्रेस को बताना चाहते हैं कि जब हम आपातकाल में नहीं डरे,तो आपके राज में क्या करेंगे।


Body:मुख्यमंत्री कमलनाथ पर शिवराज सिंह के आपत्तिजनक बयान के बाद कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी ने आज प्रेस वार्ता कर शिवराज सिंह के बयान की तुलना लक्ष्मीकांत शर्मा के उस वायरल वीडियो से की थी। जिसमें वह हनीट्रैप कांड की आरोपी महिला से बातचीत करते हुए शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह को महाभ्रष्ट बता रहे थे।जीतू पटवारी ने कहा था कि लक्ष्मीकांत शर्मा ने तो नशे की हालत में बयान दिया था। लेकिन शिवराज सिंह होश में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। जीतू पटवारी ने यह भी कहा था कि शिवराज सिंह जब तक सत्ता में थे तब तक उनकी भाषा बहुत संस्कारी थी और जब से वह मुख्यमंत्री पद से हटे हैं, तो अमर्यादित भाषा का उपयोग करने लगे हैं।


Conclusion:कांग्रेस एतराज पर और शिवराज सिंह पर दिए गए बयान को लेकर मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि बात बिल्कुल सीधी है। यूरिया के कारण किसान परेशान हैं। महिलाएं और बच्चे लाइन में लगे हैं।किसानों से गाली-गलौच हो रही है। पुलिस का पहरा है। तमाम तरह के काम छोड़कर किसान यूरिया के लिए रात दिन लाइन में लगकर परेशान हो रहा है।जब विधायक जनप्रतिनिधि होने के कारण मांग उठाता है। तो उस पर एफ आई आर दर्ज की जाती है।यह डराने का काम क्यों कर रहे हैं। किसानों को लेकर विधायक अपनी बात ना करेगा, तो कौन करेगा।उस पर एफआईआर लगाने का काम ही करते हैं, तो हम यह बता दें कि हम आपातकाल में नहीं डरे, तो आप के राज में क्या डरेंगे? यह बात बीजेपी बखूबी जानती है। इसलिए डराने धमकाने का काम ना करें। अपनी जो जिम्मेदारी है कि किसानों को यूरिया उपलब्ध कराएं, वह निभाए।
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