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एग्जिट पोल से बीजेपी में उत्साह, मध्यप्रदेश में सत्ता वापसी की कोशिश तेज - एक्जिट पोल

एग्जिट पोल के नतीजे केंद्र में बीजेपी की वापसी के स्पष्ट संकेत दे रहे हैं. इन नतीजों के बाद बीजेपी नेताओं ने एक बार फिर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरने की कवायद तेज कर दी है.

मध्यप्रदेश में सत्ता वापसी की कोशिश तेज
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Published : May 20, 2019, 7:02 PM IST

भोपाल| रविवार की शाम वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल के नतीजे केंद्र में बीजेपी की वापसी के स्पष्ट संकेत दे रहे हैं. इन नतीजों से मध्य प्रदेश के बीजेपी नेताओं की बांछें खिल गई हैं. एग्जिट पोल के नतीजों के बाद प्रदेश के नेता अब कांग्रेस सरकार को विधानसभा के अंदर घेरने और बहुमत साबित करने की कोशिश में जुट गए हैं. इस बात को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है.

मतदाताओं ने किस पार्टी को देश की सत्ता की कमान सौंपने का निर्णय लिया है, यह भले ही 23 मई को तय होगा, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों के बाद से बीजेपी के नेता खासे उत्साहित हैं. एग्जिट पोल के नतीजों के बाद प्रदेश के बीजेपी नेताओं ने एक बार फिर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरने की कवायद तेज कर दी है. एग्जिट पोल के नतीजों के बाद कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा है कि पूरी कांग्रेस एकजुट है और कमलनाथ सरकार पूरे 5 साल चलेगी. इस बात पर राजनीति के जानकारों का कहना है कि बीजेपी अब तक विधानसभा में अपनी हार को भूल नहीं पाई है और यदि केंद्र में बीजेपी की वापसी हुई तो बीजेपी प्रदेश में सत्ता पाने की हर संभव कोशिश करेगी.

मध्यप्रदेश में सत्ता वापसी की कोशिश तेज

लोकसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी ने नारा बुलंद किया था की 'एक वोट और दो सरकार' हालांकि चुनाव आयोग में शिकायत के बाद भले ही बीजेपी ने इस नारे को भुला दिया हो लेकिन इसके जरिए बीजेपी ने अपने इरादे साफ कर दिए थे. अब चुनाव खत्म होने के बाद बीजेपी कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश में जुट गई है. गोपाल भार्गव ने पत्र में प्रदेश में पेयजल की गंभीर समस्या कानून व्यवस्था और ऋण माफी को लेकर प्रदेश में फैले भ्रम का हवाला देकर जल्द से जल्द विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना है कि पिछले 2 सत्र के दौरान बीजेपी ने कभी भी कांग्रेस के सामने बहुमत साबित करने की स्थिति पैदा नहीं की है. लेकिन सरकार पिछले 4 माह में प्रदेश में अपना विश्वास खो चुकी है. यहां तक कि कांग्रेस के विधायक ही सरकार पर भरोसा नहीं कर पा रहे. यही वजह है कि सरकार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना चाहिए.

भोपाल| रविवार की शाम वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल के नतीजे केंद्र में बीजेपी की वापसी के स्पष्ट संकेत दे रहे हैं. इन नतीजों से मध्य प्रदेश के बीजेपी नेताओं की बांछें खिल गई हैं. एग्जिट पोल के नतीजों के बाद प्रदेश के नेता अब कांग्रेस सरकार को विधानसभा के अंदर घेरने और बहुमत साबित करने की कोशिश में जुट गए हैं. इस बात को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है.

मतदाताओं ने किस पार्टी को देश की सत्ता की कमान सौंपने का निर्णय लिया है, यह भले ही 23 मई को तय होगा, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों के बाद से बीजेपी के नेता खासे उत्साहित हैं. एग्जिट पोल के नतीजों के बाद प्रदेश के बीजेपी नेताओं ने एक बार फिर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरने की कवायद तेज कर दी है. एग्जिट पोल के नतीजों के बाद कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा है कि पूरी कांग्रेस एकजुट है और कमलनाथ सरकार पूरे 5 साल चलेगी. इस बात पर राजनीति के जानकारों का कहना है कि बीजेपी अब तक विधानसभा में अपनी हार को भूल नहीं पाई है और यदि केंद्र में बीजेपी की वापसी हुई तो बीजेपी प्रदेश में सत्ता पाने की हर संभव कोशिश करेगी.

मध्यप्रदेश में सत्ता वापसी की कोशिश तेज

लोकसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी ने नारा बुलंद किया था की 'एक वोट और दो सरकार' हालांकि चुनाव आयोग में शिकायत के बाद भले ही बीजेपी ने इस नारे को भुला दिया हो लेकिन इसके जरिए बीजेपी ने अपने इरादे साफ कर दिए थे. अब चुनाव खत्म होने के बाद बीजेपी कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश में जुट गई है. गोपाल भार्गव ने पत्र में प्रदेश में पेयजल की गंभीर समस्या कानून व्यवस्था और ऋण माफी को लेकर प्रदेश में फैले भ्रम का हवाला देकर जल्द से जल्द विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना है कि पिछले 2 सत्र के दौरान बीजेपी ने कभी भी कांग्रेस के सामने बहुमत साबित करने की स्थिति पैदा नहीं की है. लेकिन सरकार पिछले 4 माह में प्रदेश में अपना विश्वास खो चुकी है. यहां तक कि कांग्रेस के विधायक ही सरकार पर भरोसा नहीं कर पा रहे. यही वजह है कि सरकार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना चाहिए.

Intro:एग्जिट पोल के नतीजे भले ही केंद्र में बीजेपी की वापसी के स्पष्ट संकेत दे रहा हो लेकिन इन नतीजों से मध्य प्रदेश के नेताओं की बांछें खिल गई है। एग्जिट पोल के नतीजों के बाद प्रदेश के नेता अब कांग्रेस सरकार को विधानसभा के अंदर घेरने और बहुमत साबित करने की कोशिश में जुट गए हैं। इस रणनीति को अमलीजामा पहनाने के लिए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर डाली है हालांकि कांग्रेस ने स्पष्ट कहा है कि पूरी कांग्रेस एकजुट है और कमलनाथ सरकार पूरे 5 साल चलेगी। हालांकि राजनीति के जानकार कहते हैं कि बीजेपी अब तक विधानसभा में अपनी हार को भूल नहीं पाई है और यदि केंद्र में बीजेपी की वापसी हुई तो बीजेपी प्रदेश में सत्ता पाने की हर संभव कोशिश करेगी।


Body:मतदाताओं ने किस पार्टी को देश की सत्ता की कमान सौंपने का निर्णय लिया है यह भले ही 23 मई को तय होगा, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजा के बाद से बीजेपी के नेता खासे उत्साहित हैं। एग्जिट पोल के नतीजों के बाद प्रदेश बीजेपी के नेता एक बार फिर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरने की कवायद तेज कर दी है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी ने नारा बुलंद किया था की एक वोट और दो सरकार हालांकि चुनाव आयोग में शिकायत के बाद भले ही बीजेपी ने इस नारे को भुला दिया हो लेकिन इसके जरिए बीजेपी ने अपने इरादे साफ कर दिए थे और अब चुनाव खत्म होने के बाद बीजेपी कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश में जुट गई है। इसकी शुरुआत नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के कद्दावर नेता गोपाल भार्गव ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर की है। गोपाल भार्गव ने पत्थर में प्रदेश में पेयजल की गंभीर समस्या कानून व्यवस्था और ऋण माफी को लेकर फैले प्रदेश में भ्रम का हवाला देकर जल्द से जल्द विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव करते हैं की पिछले 2 सत्र के दौरान बीजेपी ने कभी भी कांग्रेस के सामने बहुमत साबित करने की स्थिति पैदा नहीं की है लेकिन सरकार पिछले 4 माह में प्रदेश में अपना विश्वास खो चुकी है। यहां तक कि कांग्रेस के विधायक ही सरकार पर भरोसा नहीं कर पा रहे। यही वजह है कि सरकार को विधानसभा मैं अपना बहुमत साबित करना चाहिए। हालांकि सत्ता में वापसी के लिए वे किसी भी जोड़-तोड़ की कोशिश से इनकार करते हैं। उघर विधानसभा सत्र बुलाए जाने की बीजेपी की मांग के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता के कान भी खड़े हो गए हैं हालांकि कांग्रेस के नेता कहते हैं कि सरकार पूरी तरह से बहुमत में है उनके सभी नेता एकजुट है और कमलनाथ की सरकार अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी। उधर राजनीति के जानकार का मानना है कि बीजेपी की सत्ता वापसी की कोशिश आगामी समय में और तेज होती दिखाई देगी वरिष्ठ पत्रकार के डी शर्मा के मुताबिक बीजेपी अब तक हार को भुला नहीं पाई है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में बीजेपी को भले ही कांग्रेस के मुकाबले वोट ज्यादा मिले हो लेकिन संख्या के आंकड़ों के हिसाब से वह कांग्रेस से थोड़ा पिछड़ गई। यही वजह रही कि बीजेपी लोकसभा चुनावों में भी यह नारा लगाती रही की एक वोट और दो सरकार। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी की यह कोशिश और तेज होती दिखाई देगी और यदि केंद्र में बीजेपी फिर से रिपीट हुई तो बीजेपी प्रदेश की सत्ता हथियाना में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।


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