भोपाल| रविवार की शाम वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल के नतीजे केंद्र में बीजेपी की वापसी के स्पष्ट संकेत दे रहे हैं. इन नतीजों से मध्य प्रदेश के बीजेपी नेताओं की बांछें खिल गई हैं. एग्जिट पोल के नतीजों के बाद प्रदेश के नेता अब कांग्रेस सरकार को विधानसभा के अंदर घेरने और बहुमत साबित करने की कोशिश में जुट गए हैं. इस बात को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है.
मतदाताओं ने किस पार्टी को देश की सत्ता की कमान सौंपने का निर्णय लिया है, यह भले ही 23 मई को तय होगा, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों के बाद से बीजेपी के नेता खासे उत्साहित हैं. एग्जिट पोल के नतीजों के बाद प्रदेश के बीजेपी नेताओं ने एक बार फिर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरने की कवायद तेज कर दी है. एग्जिट पोल के नतीजों के बाद कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा है कि पूरी कांग्रेस एकजुट है और कमलनाथ सरकार पूरे 5 साल चलेगी. इस बात पर राजनीति के जानकारों का कहना है कि बीजेपी अब तक विधानसभा में अपनी हार को भूल नहीं पाई है और यदि केंद्र में बीजेपी की वापसी हुई तो बीजेपी प्रदेश में सत्ता पाने की हर संभव कोशिश करेगी.
लोकसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी ने नारा बुलंद किया था की 'एक वोट और दो सरकार' हालांकि चुनाव आयोग में शिकायत के बाद भले ही बीजेपी ने इस नारे को भुला दिया हो लेकिन इसके जरिए बीजेपी ने अपने इरादे साफ कर दिए थे. अब चुनाव खत्म होने के बाद बीजेपी कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश में जुट गई है. गोपाल भार्गव ने पत्र में प्रदेश में पेयजल की गंभीर समस्या कानून व्यवस्था और ऋण माफी को लेकर प्रदेश में फैले भ्रम का हवाला देकर जल्द से जल्द विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना है कि पिछले 2 सत्र के दौरान बीजेपी ने कभी भी कांग्रेस के सामने बहुमत साबित करने की स्थिति पैदा नहीं की है. लेकिन सरकार पिछले 4 माह में प्रदेश में अपना विश्वास खो चुकी है. यहां तक कि कांग्रेस के विधायक ही सरकार पर भरोसा नहीं कर पा रहे. यही वजह है कि सरकार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना चाहिए.