भोपाल। प्रदेश में नई शराब दुकानें खोलने को लेकर बवाल मचा हुआ है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि प्रदेश में शराब दुकानों की संख्या बढ़ाई जाएगी. वहीं सीएम शिवराज ने इस बयान पर कहा है कि अब तक इस मसले पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. अब इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने लगातार आठ ट्वीट कर ट्वीस्ट ला दिया है. उन्होंने एक ओर जहां जहरीली शराब पीने से लोगों की हुई मौत पर दुख जताया है, वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से अपील की कि देश में बीजेपी शासित राज्यों में शराबबंदी की जाए.
सीएम शिवराज का अभिनंदनीय वक्तव्य
पूर्व सीएम उमा भारती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मध्य प्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने के बारे में सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है, सीएम शिवराज जी का यह वक्तव्य अभिनंदनीय है. सीएम शिवराज ने बुधवार को प्रदेश में नई शराब दुकानें खोलने के सवाल पर कहा था कि फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है. जो तथ्य आते हैं, उस पर बात होती है. उन्होंने कहा कि पहले किए गए निर्णय के तहत 10 साल तक कोई नहीं दुकान नहीं खुली, फिलहाल इस पर कुछ बोलना नहीं चाहते हैं.
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लॉकडाउन में हुआ क्लियर, शराब नहीं पीने से नहीं होती मौत
पूर्व सीएम उमा भारती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान लगभग शराबबंदी की स्थिति रही. इससे यह तथ्य स्पष्ट हो गया है कि अन्य कारणों और कोरोना संक्रमण से लोगों की मौत हुई है, लेकिन शराब नहीं पीने के कारण किसी की भी मौत नहीं हुई है.
लालच और माफियाओं के दबाव में नहीं हो पा रही शराबबंदी
उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में शराब पीने से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई. अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं शराब पीकर गाड़ी चलाने से होती हैं. यह बड़े आश्चर्य की बात है कि शराब मृत्यु का दूत है फिर भी थोड़े से राजस्व का लालच और शराब माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता है.
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जेपी नड्डा से करती हूं अपील
उन्होंने कहा अगर देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है. जैसे मां जिसकी जिम्मेदारी अपने बालक को पोषण करते हुए रक्षा करने की होती है. वही मां अगर बच्चे को जहर पिला दे तो सरकारी तंत्र द्वारा शराब की दुकान खोलना ऐसे ही है. मैं तो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से सार्वजनिक रूप से अपील करती हूं कि जहां भी भाजपा की सरकारें हैं उन राज्यों में पूर्ण शराबबंदी की तैयारी कीजिए.
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शराब बंदी घाटे का सौदा नहीं
राजनीतिक दलों पर चुनाव जीतने का दबाव रहता है. बिहार में बीजेपी की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एक तरफा वोट नीतीश कुमार को दिए. शराबबंदी कहीं से भी घाटे का सौदा नहीं है. शराब बंदी से राजस्व की क्षति को कहीं से भी पूरा किया जा सकता है. लेकिन शराब के नशे में बलात्कार, हत्या, दुर्घटनाएं, छोटी बालिकाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं देश एवं समाज के लिए कलंक हैं. कानून व्यवस्था मेंटेन करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च होते हैं. समाज में संतुलन बनाए रखने के लिए शराब बंदी एक महत्वपूर्ण कदम है इस पर एक डिबेट शुरू की जा सकती है.
मार्गदर्शक हैं उमा भारती
उमा भारती के ट्वीट पर BJP मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर का कहना है कि उमा भारती हमारी मार्गदर्शक हैं. समय-समय पर हमें मार्गदर्शन देती रहती हैं. उन्होंने जो सुझाव दिया है, निश्चित तौर पर हम लोग उसी की ओर आगे बढ़ रहे हैं. धीमे-धीमे शराब की दुकानें कम हो रही है और जल्द ही उमा भारती जो चाहती हैं वह होना संभव है.