भोपाल। राजधानी स्थित मंत्रालय परिसर में नई सरकार के गठन के बाद वंदे मातरम नहीं गाने पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा था. जिसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वंदे मातरम गान को एक नए स्वरूप में प्रस्तुत करते हुए एक फरवरी 2019 से फिर शुरू किया था. दोबारा शुरू हुए वंदे मातरम को कांग्रेस सरकार ने नवाचार करते हुए भव्यता प्रदान की, लेकिन बीजेपी ने एक तरह से इसका बहिष्कार कर दिया.
कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि एक फरवरी से प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वंदे मातरम गान को जनता के सामने एक नए स्वरूप में पेश किया क्योंकि इससे पहले जो वंदे मातरम गाया जा रहा था, उससे कहीं न कहीं राष्ट्रगान का अपमान हो रहा था. इसे देखते हुए सरकार ने नवाचार किया और शौर्य स्मारक से लेकर वल्लभ भवन उद्यान तक पुलिस बैंड के साथ वंदे मातरम गान का आयोजन किया गया.
गौर करने वाली बात ये है कि इस वंदे मातरम में बीजेपी का कोई भी कार्यकर्ता व नेता शामिल नहीं हुआ, जबकि एक जनवरी को वंदे मातरम नहीं होने पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा था, लेकिन जब वंदे मातरम को भव्य तरीके से आयोजित करना शुरू किया तो बीजेपी के लोगों ने इससे दूरियां बना ली. वंदे मातरम में बीजेपी के किसी भी नेता का शामिल न होना निंदनीय है. इससे जाहिर होता है कि बीजेपी को वंदे मातरम गान से कोई मतलब नहीं था, बल्कि वे केवल इस मसले पर राजनीति करना चाहते थे.