भोपाल। दंड संहिता संशोधन विधेयक पर मतदान के दौरान दो बीजेपी विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने के बाद से ही पार्टी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. बीजेपी को अब उन विधायकों की चिंता सताने लगी है जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं. जिसमें खासतौर पर उन चार विधायकों का नाम सामने आता है, जो कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं.
संजय पाठक की सीएम से मुलाकात पर संसय
शिवराज सरकार में मंत्री रहे और बीजेपी के विधायक संजय पाठक को लेकर सबसे ज्यादा कयास लगाए जा रहे हैं. क्योंकि संजय पाठक पहले में कांग्रेस में रहे. जिस तरीके से बीती गुरुवार को संजय पाठक की मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की खबरें आई. उसके बाद से माना जा रहा है कि संजय पाठक कांग्रेस के सबसे पहला टारगेट हो सकते हैं. वहीं सीहोर से बीजेपी विधायक सुदेश राय पर भी कांग्रेस की नजर है, क्योंकि 2013 में कांग्रेस से बगावत कर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था.
सुदेश और मुनमुन राय पर हो सकती है कांग्रेस की नजर
सुदेश राय बीजेपी से विधायक बने. सुदेश राय को कई बार सीएम कमलनाथ की तारीफ करते देखा गया है. जिससे कांग्रेस की नजर सुदेश राय पर हो सकती है. वहीं सिवनी से बीजेपी के टिकट पर विधायक बने दिनेश मुनमुन राय पर भी बीजेपी को संदेह है. इसकी वजह है कि वे पुराने कांग्रेसी हैं और सीएम के काफी करीबी माने जाते थे. बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए.
राजेश प्रजापति पर भी है संदेह
इसके साथ ही चांदला से बीजेपी विधायक राजेश प्रजापति भी पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं. राजेश प्रजापति पूर्व विधायक आरडी प्रजापति के बेटे हैं. आरडी प्रजापति लोकसभा में बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने सपा से चुनाव लड़ने की बात कही थी. ऐसे में अब कांग्रेस के लिए राजेश प्रजापति को मनाना भी कोई बड़ी बात नहीं है.
खुद के बिखराव को समेट रही है कांग्रेस
वहीं इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया का कहना है कि इस तरह की घटनाओं के जरिए कांग्रेस खुद के बिखराव को समेटने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि दो नेताओं को शामिल कर जनता के सामने खुद में स्थिरता बताना ये प्रजातांत्रिक और लोकतांत्रिक मूल्यों से खिलवाड़ है. राजपाल सिंह सिसोदिया ने कहा की बीजेपी अपने विधायकों से हमेशा संपर्क में रहती है.