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दो विधायकों के पाला बदलने के बाद हरकत में आया बीजेपी आलाकमान, इन नेताओं पर है कांग्रेस की नजर - भोपाल

लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी और शरद कौल के क्रास वोटिंग के बाद बीजेपी की नजरे उन विधायकों पर हैं, जो हाल ही में कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं.

सीएम कमलनाथ और शिवराज सिंह
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Published : Jul 26, 2019, 9:35 PM IST

भोपाल। दंड संहिता संशोधन विधेयक पर मतदान के दौरान दो बीजेपी विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने के बाद से ही पार्टी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. बीजेपी को अब उन विधायकों की चिंता सताने लगी है जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं. जिसमें खासतौर पर उन चार विधायकों का नाम सामने आता है, जो कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं.


संजय पाठक की सीएम से मुलाकात पर संसय
शिवराज सरकार में मंत्री रहे और बीजेपी के विधायक संजय पाठक को लेकर सबसे ज्यादा कयास लगाए जा रहे हैं. क्योंकि संजय पाठक पहले में कांग्रेस में रहे. जिस तरीके से बीती गुरुवार को संजय पाठक की मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की खबरें आई. उसके बाद से माना जा रहा है कि संजय पाठक कांग्रेस के सबसे पहला टारगेट हो सकते हैं. वहीं सीहोर से बीजेपी विधायक सुदेश राय पर भी कांग्रेस की नजर है, क्योंकि 2013 में कांग्रेस से बगावत कर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था.


सुदेश और मुनमुन राय पर हो सकती है कांग्रेस की नजर
सुदेश राय बीजेपी से विधायक बने. सुदेश राय को कई बार सीएम कमलनाथ की तारीफ करते देखा गया है. जिससे कांग्रेस की नजर सुदेश राय पर हो सकती है. वहीं सिवनी से बीजेपी के टिकट पर विधायक बने दिनेश मुनमुन राय पर भी बीजेपी को संदेह है. इसकी वजह है कि वे पुराने कांग्रेसी हैं और सीएम के काफी करीबी माने जाते थे. बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए.

दो नेताओं की क्रास वोटिंग के बाद में हरकत में आई बीजेपी


राजेश प्रजापति पर भी है संदेह
इसके साथ ही चांदला से बीजेपी विधायक राजेश प्रजापति भी पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं. राजेश प्रजापति पूर्व विधायक आरडी प्रजापति के बेटे हैं. आरडी प्रजापति लोकसभा में बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने सपा से चुनाव लड़ने की बात कही थी. ऐसे में अब कांग्रेस के लिए राजेश प्रजापति को मनाना भी कोई बड़ी बात नहीं है.


खुद के बिखराव को समेट रही है कांग्रेस
वहीं इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया का कहना है कि इस तरह की घटनाओं के जरिए कांग्रेस खुद के बिखराव को समेटने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि दो नेताओं को शामिल कर जनता के सामने खुद में स्थिरता बताना ये प्रजातांत्रिक और लोकतांत्रिक मूल्यों से खिलवाड़ है. राजपाल सिंह सिसोदिया ने कहा की बीजेपी अपने विधायकों से हमेशा संपर्क में रहती है.

भोपाल। दंड संहिता संशोधन विधेयक पर मतदान के दौरान दो बीजेपी विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने के बाद से ही पार्टी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. बीजेपी को अब उन विधायकों की चिंता सताने लगी है जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं. जिसमें खासतौर पर उन चार विधायकों का नाम सामने आता है, जो कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं.


संजय पाठक की सीएम से मुलाकात पर संसय
शिवराज सरकार में मंत्री रहे और बीजेपी के विधायक संजय पाठक को लेकर सबसे ज्यादा कयास लगाए जा रहे हैं. क्योंकि संजय पाठक पहले में कांग्रेस में रहे. जिस तरीके से बीती गुरुवार को संजय पाठक की मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की खबरें आई. उसके बाद से माना जा रहा है कि संजय पाठक कांग्रेस के सबसे पहला टारगेट हो सकते हैं. वहीं सीहोर से बीजेपी विधायक सुदेश राय पर भी कांग्रेस की नजर है, क्योंकि 2013 में कांग्रेस से बगावत कर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था.


सुदेश और मुनमुन राय पर हो सकती है कांग्रेस की नजर
सुदेश राय बीजेपी से विधायक बने. सुदेश राय को कई बार सीएम कमलनाथ की तारीफ करते देखा गया है. जिससे कांग्रेस की नजर सुदेश राय पर हो सकती है. वहीं सिवनी से बीजेपी के टिकट पर विधायक बने दिनेश मुनमुन राय पर भी बीजेपी को संदेह है. इसकी वजह है कि वे पुराने कांग्रेसी हैं और सीएम के काफी करीबी माने जाते थे. बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए.

दो नेताओं की क्रास वोटिंग के बाद में हरकत में आई बीजेपी


राजेश प्रजापति पर भी है संदेह
इसके साथ ही चांदला से बीजेपी विधायक राजेश प्रजापति भी पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं. राजेश प्रजापति पूर्व विधायक आरडी प्रजापति के बेटे हैं. आरडी प्रजापति लोकसभा में बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने सपा से चुनाव लड़ने की बात कही थी. ऐसे में अब कांग्रेस के लिए राजेश प्रजापति को मनाना भी कोई बड़ी बात नहीं है.


खुद के बिखराव को समेट रही है कांग्रेस
वहीं इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया का कहना है कि इस तरह की घटनाओं के जरिए कांग्रेस खुद के बिखराव को समेटने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि दो नेताओं को शामिल कर जनता के सामने खुद में स्थिरता बताना ये प्रजातांत्रिक और लोकतांत्रिक मूल्यों से खिलवाड़ है. राजपाल सिंह सिसोदिया ने कहा की बीजेपी अपने विधायकों से हमेशा संपर्क में रहती है.

Intro:विधानसभा की कार्रवाई के दौरान बीजेपी के 2 विधायकों का कांग्रेस को समर्थन देने के बाद से बीजेपी बैकफुट पर है और बीजेपी को चिंता अब उन विधायकों की हो रही है जो हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं जिनमें खासतौर से उन चार विधायकों का नाम सामने आता है जो कांग्रेस या अन्य पार्टी से बीजेपी में शामिल हुए हैं जिसमें कटनी के विधायक संजय पाठक सिवनी के दिनेश राय मुनमुन चांदला से राजेश प्रजापति और सीहोर विधायक सुरेश राय के नाम शामिल हैं


Body:शिवराज सरकार में मंत्री रहे और बीजेपी के विधायक संजय पाठक को लेकर सबसे ज्यादा कयास लगाए जा रहे हैं क्योंकि यह संजय पाठक पूर्व में कांग्रेस में रहे हैं और जिस तरीके से गुरुवार को संजय पाठक की मुख्य मंत्री कमलनाथ से मुलाकात की खबरें आई थी उसके बाद से माना जा रहा है कि संजय पाठक कांग्रेस के सबसे पहले के टारगेट हो सकते हैं इसके साथ ही सीहोर से बीजेपी विधायक सुदेश राय पर भी कांग्रेस की नजर है क्योंकि 2013 में कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े थे सुरेश राय और विधायक बने जिसके बाद वह लगातार बीजेपी के संपर्क में है और हुए चुनाव में बीजेपी से चावल का विधायक बने हैं ऐसे में कांग्रेस की नजर सुरेश रायपुर से तो वही शिवनी से बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने दिनेश मुनमुन राय भी पुराने कांग्रेसी रहे हैं और मुख्यमंत्री कमलनाथ के काफी करीबी माने जाते थे लेकिन वह भी बीजेपी में शामिल हुए. और अब दिनेशराय भी कांग्रेस की नजर में हैं इसके साथ ही चांदला से बीजेपी विधायक राजेश प्रजापति भी पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं राजेश प्रताप प्रजापति पूर्व विधायक आरडी प्रजापति के बेटे हैं और आरडी प्रजापति लोकसभा में बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने की बात कही थी ऐसे में अब कांग्रेस के लिए राजेश प्रजापति को मनाना भी कोई बड़ी बात नहीं है


Conclusion:अब देखना यह है कि क्या कांग्रेस अपने नेताओं की घर वापसी करने में सक्षम हो पाती है मौजूदा रात की बात करें तो तो इन चार में से तीन विधायक मूल रूप से कांग्रेस से जुड़े रहे हैं और सिर्फ सत्ता का सुख भोगने बीजेपी में आए थे ऐसे में अब सत्ता जाने के बाद क्या यह तीनों विधायक अपने घर जाने की कांग्रेस में घर वापसी के लिए कितने तैयार हैं इन विधायकों की घर वापसी पर बीजेपी का कहना है कि हमें अपने साथियों पर भरोसा है और पार्टी की विचारधारा से जुड़ने के बाद ही उन्होंने पार्टी ज्वाइन की थी ऐसे में , हमें भरोसा है कि हमारे साथ सभी साथी हमारा साथ देंगे


byte_ राजपाल सिंह सिसोदिया, bjp प्रवक्ता
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