नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश में गहराते सियासी संकट के बीच बीजेपी एक्शन मोड में आ गई है. पार्टी ने मंगलवार को भोपाल में विधायक दल की बैठक बुलाई है. भोपाल में शाम सात बजे से होने वाली इस बैठक में बीजेपी मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा करने के साथ कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की रणनीति बना सकती है.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले पांच दिनों से दिल्ली में ही है और गृह मंत्री अमित शाह के उनके आवास पर चर्चा की. जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान इस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए मंगलवार की सुबह की फ्लाइट पकड़कर आठ बजे तक भोपाल पहुंच जाएंगे.
शिवराज सिंह चौहान चुने जा सकते हैं विधायक दल के नेता
सूत्रों की माने तो विधायक दल की बैठक में शिवराज सिंह चौहान को दल का नेता चुना जा सकता है. राज्यपाल लालजी टंडन 5 दिन के लिए छुट्टियों पर लखनऊ गए थे, लेकिन उन्होनें अपनी छुट्टियां कैंसल कर दी हैं और वे मंगलवार को भोपाल लौटेंगे. मध्य प्रदेश विधानसभा का 16 मार्च से सत्र शुरू होने वाला है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बजट सेशन में बीजेपी कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है. यही वजह है कि कमलनाथ सरकार पर छाए संकट के बादलों के बीच पार्टी ने मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है. इसमें कमलनाथ सरकार के गिरने के संभावित कारणों पर चर्चा कर पार्टी रणनीति बनाएगी.
इस महीने में यह दूसरा मौका है जब कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराए हैं. बीते दिनों नाराज होकर गुरुग्राम पहुंचे दिग्विजय सिंह खेमे के कुछ विधायकों को किसी तरह कमलनाथ मनाने में सफल रहे थे कि अब सिंधिया खेमे के कई लापता विधायकों ने टेंशन दे दी. फोन बंद कर कई विधायक बेंगलुरु पहुंच गए. मिली जानकारी के मुताबिक ऐसे विधायकों की संख्या 17 हो चुकी है. पहले 10 विधायकों के बेंगुलुरु पहुंचने की खबर थी. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी में उपेक्षा के कारण सिंधिया खेमे के विधायक कमलनाथ सरकार से नाराज हैं. सियासी संकट को देखते हुए सीएम कमलनाथ ने अपने आवास में बैठक ली. कमलनाथ सरकार ने भी मंगलवार को शाम 5 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है.
मध्य प्रदेश में क्या है दलगत स्थिति?
मध्य प्रदेश में कुल 230 सीटों में इस वक्त कुल 228 विधायक हैं. कांग्रेस के पास 114 विधायक तो बीजेपी के पास 107 हैं. इसके अलावा चार निर्दलीय, एक समाजवादी पार्टी और दो बहुजन समाज पार्टी के विधायक हैं. कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को निर्दलीयों और सपा-बसपा के विधायकों का समर्थन मिला हुआ है. ऐसे में अगर अविश्वास प्रस्ताव आया और कांग्रेस समय रहते डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाई तो फिर बागी विधायक सरकार गिरा सकते हैं.