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AC कमरे में बैठकर प्रत्याशियों के प्रतिनिधि कर रहे EVM की निगरानी, अनोखा है प्रतिद्वंदियों का अंदाज

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Published : May 17, 2019, 4:33 PM IST

भोपाल की पुरानी जेल में बनाए गए स्ट्रांग रुम की निगरानी में लगे बीजेपी-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को इस बार निर्वाचन आयोग ने ठहरने की विशेष सुविधा स्ट्रांग रुम के पास ही की है. जहां दोनों दलो के कार्यकर्ता एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर ईवीएम की निगरानी में लगे हैं.

स्ट्रांग रुम के बार डेरा जमाए बैठे बीजेपी-कांग्रेस के कार्यकर्ता

भोपाल। देश की सबसे हाई प्रोफाइल भोपाल लोकसभा सीट पर मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब बीजेपी-कांग्रेस के कार्यकर्ता ईवीएम की निगरानी के लिए दिन-रात जाग रहे हैं. चुनाव बाद कड़ी मशक्कत के बीच ईवीएम की निगरानी करने वाले प्रत्याशियों के सभी प्रतिनिधियों के लिए इस बार निर्वाचन आयोग ने ठहरने की विशेष व्यवस्था स्ट्रांग रुम के पास ही की है.

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए प्रशासन ने जेल परिसर के एक हिस्से में दो कमरे प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों के लिए आरक्षित किया है. जहां हर प्रत्याशी के 2 प्रतिनिधि 24 घंटे आराम से बैठकर निगरानी कर सकते हैं. जहां स्ट्रांग रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे का आउटपुट एक एलईडी टीवी पर दिया गया है, जिससे ये कार्यकर्ता 24 घंटे ईवीएम की निगरानी कर सकते हैं. निर्वाचन आयोग की इस व्यवस्था से कार्यकर्ता भी खुश नजर आ रहे हैं.

AC कमरे में बैठकर प्रत्याशियों के प्रतिनिधि कर रहे EVM की निगरानी

ईवीएम की देखरेख में बैठे दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों में भले ही चुनाव के दौरान तल्खी देखने को मिली हो, लेकिन अब ईवीएम की देखरेख में जुटे ये कार्यकर्ता गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं. जहां वे सभी हंसी-मजाक करते हुए सौहार्दपूर्ण वातावरण के बीच आराम से बातचीत भी कर रहे हैं.

भोपाल कांग्रेस के उपाध्यक्ष मुजाहिद सिद्दीकी का कहना है कि जिस तरह से विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 24 घंटे ईवीएम की निगरानी की थी, उसी तर्ज पर लोकसभा चुनाव में भी ईवीएम की निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में ही कार्यकर्ता बारी-बारी से अपने समय अनुसार यहां रहकर ईवीएम की 24 घंटे देखरेख कर रहे हैं, ताकि किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ न हो.

वहीं, बीजेपी कार्यकर्ता प्रतीक गुप्ता का कहना है कि वरिष्ठ नेताओं के निर्देशानुसार ईवीएम की चौकीदारी करने की जिम्मेदारी सभी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है. जहां सभी अपनी डूयूटी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां पर काफी अच्छा माहौल है क्योंकि पास में ही कांग्रेस के कार्यकर्ता भी बैठे हैं और प्रेम भाव का माहौल भी निर्मित है, जिससे यहां काफी अच्छा भी लग रहा है.

बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान भोपाल के स्ट्रांग रूम की एक घंटे के लिए बिजली गुल हो गई थी. उस दौरान कांग्रेस ने काफी हंगामा भी किया था. हालांकि, उसके बाद व्यवस्था में सुधार किया गया था. यही वजह है कि इस बार प्रशासन ने यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया है.

भोपाल। देश की सबसे हाई प्रोफाइल भोपाल लोकसभा सीट पर मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब बीजेपी-कांग्रेस के कार्यकर्ता ईवीएम की निगरानी के लिए दिन-रात जाग रहे हैं. चुनाव बाद कड़ी मशक्कत के बीच ईवीएम की निगरानी करने वाले प्रत्याशियों के सभी प्रतिनिधियों के लिए इस बार निर्वाचन आयोग ने ठहरने की विशेष व्यवस्था स्ट्रांग रुम के पास ही की है.

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए प्रशासन ने जेल परिसर के एक हिस्से में दो कमरे प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों के लिए आरक्षित किया है. जहां हर प्रत्याशी के 2 प्रतिनिधि 24 घंटे आराम से बैठकर निगरानी कर सकते हैं. जहां स्ट्रांग रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे का आउटपुट एक एलईडी टीवी पर दिया गया है, जिससे ये कार्यकर्ता 24 घंटे ईवीएम की निगरानी कर सकते हैं. निर्वाचन आयोग की इस व्यवस्था से कार्यकर्ता भी खुश नजर आ रहे हैं.

AC कमरे में बैठकर प्रत्याशियों के प्रतिनिधि कर रहे EVM की निगरानी

ईवीएम की देखरेख में बैठे दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों में भले ही चुनाव के दौरान तल्खी देखने को मिली हो, लेकिन अब ईवीएम की देखरेख में जुटे ये कार्यकर्ता गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं. जहां वे सभी हंसी-मजाक करते हुए सौहार्दपूर्ण वातावरण के बीच आराम से बातचीत भी कर रहे हैं.

भोपाल कांग्रेस के उपाध्यक्ष मुजाहिद सिद्दीकी का कहना है कि जिस तरह से विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 24 घंटे ईवीएम की निगरानी की थी, उसी तर्ज पर लोकसभा चुनाव में भी ईवीएम की निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में ही कार्यकर्ता बारी-बारी से अपने समय अनुसार यहां रहकर ईवीएम की 24 घंटे देखरेख कर रहे हैं, ताकि किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ न हो.

वहीं, बीजेपी कार्यकर्ता प्रतीक गुप्ता का कहना है कि वरिष्ठ नेताओं के निर्देशानुसार ईवीएम की चौकीदारी करने की जिम्मेदारी सभी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है. जहां सभी अपनी डूयूटी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां पर काफी अच्छा माहौल है क्योंकि पास में ही कांग्रेस के कार्यकर्ता भी बैठे हैं और प्रेम भाव का माहौल भी निर्मित है, जिससे यहां काफी अच्छा भी लग रहा है.

बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान भोपाल के स्ट्रांग रूम की एक घंटे के लिए बिजली गुल हो गई थी. उस दौरान कांग्रेस ने काफी हंगामा भी किया था. हालांकि, उसके बाद व्यवस्था में सुधार किया गया था. यही वजह है कि इस बार प्रशासन ने यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया है.

Intro:
( स्पेशल स्टोरी )

इस बार धूप में नहीं एसी रूम में बैठकर और मित्रता पूर्ण वातावरण में हो रही है ईवीएम की निगरानी


भोपाल विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने कई दिनों तक अरेरा हिल्स स्थित पुरानी जेल में ईवीएम मशीनों की 24 घंटे चौकीदारी की थी इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 1 घंटे बिजली गुल होने पर जमकर हंगामा भी किया था लेकिन इस बार मौसम का मिजाज थोड़ा बदला हुआ नजर आ रहा है इस बार ना केवल कांग्रेस बल्कि बीजेपी भी ईवीएम की निगरानी में 24 घंटे मुस्तैद नजर आ रही है विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस को ईवीएम की चौकसी करने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ी थी क्योंकि इस दौरान कांग्रेस को परिसर के बाहर ही टेंट लगाना पड़ा था और यहीं पर कार्यकर्ताओं के भोजन विश्राम सभी व्यवस्थाएं करना पड़ेगी लेकिन लोकसभा निर्वाचन 2019 में जिला निर्वाचन आयोग के द्वारा सभी प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है


Body:लोक सभा निर्वाचन 2019 के लिए प्रशासन के द्वारा जेल परिसर के एक हिस्से में दो कमरे प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों के लिए आरक्षित किए गए हैं यहां हर प्रत्याशी के 2 प्रतिनिधि 24 घंटे आराम से बैठकर निगरानी कर सकते हैं यहां पर स्ट्रांग रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे का आउटपुट एक एलईडी टीवी पर दिया गया है जिसे 24 घंटे मॉनिटर किया जा सकता है कांग्रेस के बाद अब भाजपा प्रत्याशियों को भी स्ट्रांग रूम में जमा ईवीएम से छेड़छाड़ होने का अंदेशा सताने लगा है यही कारण है कि विधानसभा चुनाव की तर्ज पर स्ट्रांग रूम की निगरानी का काम भाजपा ने अपने प्रतिनिधियों को सौंपा है विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों ने रातभर निगरानी की थी इस बार प्रशासन ने भी प्रत्याशियों और उनके प्रतिनिधियों को बैठने के लिए अच्छी व्यवस्था कर दी है इस व्यवस्था से यहां बैठने वाले प्रतिनिधि भी खुश नजर आ रहे हैं .



प्रशासन के द्वारा जिन कमरों को प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों के लिए आवंटित किया गया है इसमें भोपाल से चुनाव लड़ रहे सभी 30 प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों के लिए व्यवस्था की गई है हालांकि बीजेपी और कांग्रेस के अलावा किसी अन्य पार्टी का कोई भी प्रतिनिधि यहां पर चौकीदारी करने के लिए या ईवीएम मशीन है देखने के लिए नहीं आया है इस कमरे में एक साथ बैठकर दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के प्रतिनिधि गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं इतना ही नहीं साथ में हंसी मजाक खुशी सौहार्दपूर्ण वातावरण बना कर आराम से बातचीत भी कर रहे हैं भले ही इन लोगों की राजनीतिक पार्टियां अलग अलग हो और उन राजनीतिक पार्टियों की विचारधारा भी एक दूसरे से मेल नहीं खाती हो लेकिन जब यहां पर एक कमरे में ही एक साथ बैठने का मौका बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को मिला है तो निश्चित रूप से इस दौरान सभी ने अपने गिले शिकवे भुला दिए हैं और एक मित्रता पूर्ण माहौल में बैठकर अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर रहे हैं .


इस दौरान हंसी मजाक का सिलसिला भी चल रहा है और एक दूसरे पर ताने मारने का सिलसिला अभी देखने को मिल जाता है प्रशासन की ओर से इन दो कमरों में गर्मी से बचाव करने के लिए भी अच्छी व्यवस्था की गई है बाहर के कमरे में एक बड़ा कूलर और दो पंखे लगाए गए हैं तो वहीं अंदर के कमरे में एसी लगाया गया है प्रशासन ने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों पर भी निगरानी रखने के लिए इन दोनों कमरों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं ताकि प्रत्याशियों के प्रतिनिधि आपस में किसी प्रकार का झगड़ा ना कर सके इसकी निगरानी के लिए भी सीसीटीवी कैमरे का कनेक्शन कंट्रोल रूम में दिया गया है प्रतिनिधियों के लिए कुर्सी और पानी की व्यवस्था भी की गई है .


Conclusion:जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं मुजाहिद सिद्दीकी का कहना है कि जिस तरह से विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 24 घंटे ईवीएम मशीन की निगरानी की थी उसी तर्ज पर लोकसभा चुनाव में भी ईवीएम मशीनों की निगरानी की जा रही है हमारे सभी वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में ही कार्यकर्ता बारी-बारी से अपने समय अनुसार यहां पर बैठकर ईवीएम मशीन की 24 घंटे चौकसी कर रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ ना हो हालांकि इस बार प्रशासन ने काफी अच्छी तैयारी की है पिछली बार जो घटनाक्रम हुआ था उसका जवाब अभी भी प्रशासन नहीं दे पाया है क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान करीब 1 घंटे बिजली गुल हो गई थी उस दौरान कांग्रेस ने इस मामले को लेकर काफी हंगामा भी किया था हालांकि उसके बाद व्यवस्था में सुधार आ गया है और इस बार जनरेटर और इनवर्टर की व्यवस्था भी की गई है यहां एक अच्छा माहौल भी निर्मित किया गया है यहां पर बीजेपी के कार्यकर्ता भी बैठे हुए हैं और कांग्रेस के कार्यकर्ता भी निश्चित रूप से सभी यहां प्रेम भाव के साथ अपने अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर रहे हैं .



वहीं बीजेपी कार्यकर्ता प्रतीक गुप्ता का कहना है कि वरिष्ठ नेताओं के निर्देशानुसार ईवीएम मशीन की चौकीदारी की जिम्मेदारी सभी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है जिसके परिपालन में लगातार सभी कार्यकर्ता अपने समय अनुसार यहां पर चौकसी का काम कर रहे हैं यहां से बैठे-बैठे ही स्ट्रांग रूम की सभी तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से एलईडी टीवी पर प्रसारित हो रही है जिसे लगातार कार्यकर्ता के द्वारा देखा जा रहा है साथ ही यहां आने वाले हर व्यक्ति पर भी निगाह रखी जा रही है क्योंकि कई बार इस प्रकार की सूचनाएं भी मिलती है कि ईवीएम मशीन के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ की जाती है यही वजह है कि इस प्रकार के खानदेशी को देखते हुए हम लगातार चौकीदारी का काम कर रहे हैं हालांकि यहां पर काफी अच्छा माहौल है क्योंकि पास में ही कांग्रेस के कार्यकर्ता भी बैठे हैं और यहां काफी प्रेमभाव का माहौल भी निर्मित है और हमें यहां काफी अच्छा भी लग रहा है . यह बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ता एक साथ बैठे हैं और किसी भी प्रकार की कोई मनमुटाव जैसी बात सामने नजर ही नहीं आ रही है बल्कि हम लोग एक ऐसे मित्रता पूर्ण वातावरण में बैठे हैं जिसे शायद हम कभी नहीं भुला पाएंगे .

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