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स्वास्थ्य विभाग का अनोखा फरमान, एक भी नसबंदी न होने पर जा सकती है नौकरी - मध्यप्रदेश न्यूज

मध्यप्रदेश में नसबंदी के टारगेट को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के फरमान ने सियासी हलचल बढ़ा दी है. बीजेपी ने इसे हिटलर शाही करार दिया है तो वहीं कांग्रेस इसे अधिकारियों की गतली बता रही है.

Vishwas Sarang and Manak Aggarwal
विश्वास सारंग और मानक अग्रवाल
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Published : Feb 21, 2020, 1:01 PM IST

Updated : Feb 21, 2020, 2:52 PM IST

भोपाल। प्रदेश के स्वाथ्य विभाग ने एक भी नसबंदी नहीं कराने पर वेतन रोकने और सेवाएं समाप्त कराने का फरमान जारी किया है. इस मामले में पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है. तो वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल ने इसे अधिकारियों की गलती बताया है और फरमान जारी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई किए जाने की बात कही है. बीजेपी का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों पर इस तरह से दवाब नहीं बनाया जा सकता, ये हिटरशाही है. कमलनाथ के सरकार के मंत्री पीसी शर्मा इसे रूटीन आदेश बताया.

फरमान पर बोले पीसी शर्मा

इस मामले में कमलनाथ सरकार के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि यह एक रूटीन आदेश है, आज वैसे भी हर परिवार मध्यप्रदेश और देश में सजग है कि छोटा परिवार सुखी परिवार होता है. कोई भी एक या दो से ज्यादा संतान नहीं चाहता है. अपने बच्चों की परवरिश ठीक से कर सके और ठीक से पढ़ा लिखा सके, ये लोगों की धारणा बन गई है कि हमें सीमित परिवार रखना है. जहां तक इस आदेश का सवाल है, तो यह एक सामान्य आदेश है, इसमें किसी को डरने की जरूरत नहीं है.

NHM का अनोखा फरमान

नसबंदी कराने का टारगेट पूरा कराए जाने के लिए जारी किए गए स्वास्थ्य विभाग के फरमान की विपक्ष ने कड़ी निंदा की है और निशाना सीधा सरकार पर साधा है. विभाग के आदेश में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों को कम से कम एक नसबंदी का केस लाना ही होगा और यदि वे ऐसा नहीं कराएंगे तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएंगी और वेतन भी रोका जाएगा.

विश्वास सारंग का कहना है कि बीजेपी इस योजना के खिलाफ नहीं है लेकिन सरकार ने टारगेट पूरा कराने के लिए जिस तरह का फरमान जारी किया है, ये सरकार की मानसिकता को दिखा रहा है, इसे सरकार की दमनकारी नीति बताते हुए सारंग ने राज्य सरकार पर हिटलर शाही करने का आरोप लगाया है.

इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल का कहना है कि फरमान उनके लिए है जो टारगेट अब तक पूरा नहीं कर पाए हैं, ये टारगेट पूरा करने के लिए अधिकारियों का फरमान है. ऐसे अधिकारी जो आखिरी माह में नसबंदी का टारगेट पूरा कराने के लिए कर्मचारियों की बलि लेने का काम कर रहे हैं, उन अधिकारियों पर राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई करना चाहिए.

भोपाल। प्रदेश के स्वाथ्य विभाग ने एक भी नसबंदी नहीं कराने पर वेतन रोकने और सेवाएं समाप्त कराने का फरमान जारी किया है. इस मामले में पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है. तो वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल ने इसे अधिकारियों की गलती बताया है और फरमान जारी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई किए जाने की बात कही है. बीजेपी का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों पर इस तरह से दवाब नहीं बनाया जा सकता, ये हिटरशाही है. कमलनाथ के सरकार के मंत्री पीसी शर्मा इसे रूटीन आदेश बताया.

फरमान पर बोले पीसी शर्मा

इस मामले में कमलनाथ सरकार के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि यह एक रूटीन आदेश है, आज वैसे भी हर परिवार मध्यप्रदेश और देश में सजग है कि छोटा परिवार सुखी परिवार होता है. कोई भी एक या दो से ज्यादा संतान नहीं चाहता है. अपने बच्चों की परवरिश ठीक से कर सके और ठीक से पढ़ा लिखा सके, ये लोगों की धारणा बन गई है कि हमें सीमित परिवार रखना है. जहां तक इस आदेश का सवाल है, तो यह एक सामान्य आदेश है, इसमें किसी को डरने की जरूरत नहीं है.

NHM का अनोखा फरमान

नसबंदी कराने का टारगेट पूरा कराए जाने के लिए जारी किए गए स्वास्थ्य विभाग के फरमान की विपक्ष ने कड़ी निंदा की है और निशाना सीधा सरकार पर साधा है. विभाग के आदेश में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों को कम से कम एक नसबंदी का केस लाना ही होगा और यदि वे ऐसा नहीं कराएंगे तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएंगी और वेतन भी रोका जाएगा.

विश्वास सारंग का कहना है कि बीजेपी इस योजना के खिलाफ नहीं है लेकिन सरकार ने टारगेट पूरा कराने के लिए जिस तरह का फरमान जारी किया है, ये सरकार की मानसिकता को दिखा रहा है, इसे सरकार की दमनकारी नीति बताते हुए सारंग ने राज्य सरकार पर हिटलर शाही करने का आरोप लगाया है.

इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल का कहना है कि फरमान उनके लिए है जो टारगेट अब तक पूरा नहीं कर पाए हैं, ये टारगेट पूरा करने के लिए अधिकारियों का फरमान है. ऐसे अधिकारी जो आखिरी माह में नसबंदी का टारगेट पूरा कराने के लिए कर्मचारियों की बलि लेने का काम कर रहे हैं, उन अधिकारियों पर राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई करना चाहिए.

Last Updated : Feb 21, 2020, 2:52 PM IST
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