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भारतीय जीवन बीमा निगम के निजीकरण को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने - जयंत सिन्हा

भारतीय जीवन बीमा निगम के निजीकरण को लेकर कांग्रेस बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं. कांग्रेस ने बीजेपी पर गुमराह करने का आरोप लगाया है. वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के बयानों को तथ्यहीन बताया है.

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भारतीय जीवन बीमा निगम के निजीकरण को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने
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Published : Feb 26, 2020, 1:31 AM IST

भोपाल। भारतीय जीवन बीमा निगम के निजीकरण के प्रस्ताव को लेकर सियासत जमकर चल रही है. हाल ही में बीजेपी के नेता जयंत सिन्हा भोपाल के दौरे पर आए थे और उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा था कि एलआईसी के पॉलिसी होल्डर को शेयर होल्डर बनाने की तैयारी चल रही है. इस पर कांग्रेस ने एतराज जताते हुए कहा है कि एलआईसी के निजीकरण के बाद पॉलिसी होल्डर की देनदारियां पूरी होंगी की नहीं और उनके भुगतान के फैसले कौन करेगा.

उन्होंने बीजेपी से सवाल पूछा है कि सरकार ने बीमा कानून बदल दिया है या फिर पॉलिसी होल्डर को शेयर होल्डर मानने की व्यवस्था की है. कांग्रेस के सवालों को लेकर बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस तथ्यहीन आरोप लगा रही है. फिलहाल एलआईसी के निजीकरण की चर्चा के साथ जहां बीमा धारक चिंतित हैं. तो विपक्ष सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर रहा है.

भारतीय जीवन बीमा के निजीकरण को लेकर जब पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा से भोपाल में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि नई व्यवस्था के जरिए सरकार बीमा धारक को शेयर धारक बनाने जा रही है. उनके इस बयान पर सवाल खड़े करते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार के वर्तमान मंत्री भ्रम पैदा करते हैं और पूर्व मंत्री भ्रम को जगह-जगह फैलाने का काम करते हैं. जयंत सिन्हा ने भी भोपाल आकर यही किया.

उन्होंने कहा कि जयंत सिन्हा द्वारा एलआईसी जैसी संस्थाओं के निजीकरण को लेकर दिया गया वक्तव्य भ्रामक है. उन्होंने जयंत सिन्हा से सवाल किया है कि सिन्हा किस आधार पर कह रहे हैं कि बीमाधारक अब शेयर धारक हो जाएगा. जो बीमाधारक की देनदारी है क्या वो निजीकरण के बाद भी पूरी होंगी और उसके भुगतान के लिए फोन फैसले लेगा. वहीं उन्होंने सवाल किया है कि बीजेपी को यह भी बताना चाहिए कि क्या सरकार ने बीमा कानून बदल दिया है या फिर बीमा धारक को शेयर धारक बनाने की व्यवस्था कर दी है.

कांग्रेस द्वारा सवाल खड़े किए जाने पर मप्र बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि जो नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में काम करते हैं, उनको बता दूं और समझा दूं कि जयंत सिन्हा संसद की वित्तीय मामलों की संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं और प्रवर समिति के भी अध्यक्ष हैं. वह जो कह रहे हैं, वह बात तथ्यों के आधार पर कर रहे हैं. उन्होंने बीमा धारक को शेयर धारक बनाने की बात कही है और वह सीधी और स्पष्ट बात कर रहे हैं. अब जो कांग्रेसी केवल विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं. कुछ भी गुमराह करने के लिए बोलना है, तो कम से कम तथ्यों की जानकारी और तथ्यों के आलोक में बात करें. फिर आरोप लगाएं तो अच्छा होगा.

भोपाल। भारतीय जीवन बीमा निगम के निजीकरण के प्रस्ताव को लेकर सियासत जमकर चल रही है. हाल ही में बीजेपी के नेता जयंत सिन्हा भोपाल के दौरे पर आए थे और उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा था कि एलआईसी के पॉलिसी होल्डर को शेयर होल्डर बनाने की तैयारी चल रही है. इस पर कांग्रेस ने एतराज जताते हुए कहा है कि एलआईसी के निजीकरण के बाद पॉलिसी होल्डर की देनदारियां पूरी होंगी की नहीं और उनके भुगतान के फैसले कौन करेगा.

उन्होंने बीजेपी से सवाल पूछा है कि सरकार ने बीमा कानून बदल दिया है या फिर पॉलिसी होल्डर को शेयर होल्डर मानने की व्यवस्था की है. कांग्रेस के सवालों को लेकर बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस तथ्यहीन आरोप लगा रही है. फिलहाल एलआईसी के निजीकरण की चर्चा के साथ जहां बीमा धारक चिंतित हैं. तो विपक्ष सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर रहा है.

भारतीय जीवन बीमा के निजीकरण को लेकर जब पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा से भोपाल में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि नई व्यवस्था के जरिए सरकार बीमा धारक को शेयर धारक बनाने जा रही है. उनके इस बयान पर सवाल खड़े करते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार के वर्तमान मंत्री भ्रम पैदा करते हैं और पूर्व मंत्री भ्रम को जगह-जगह फैलाने का काम करते हैं. जयंत सिन्हा ने भी भोपाल आकर यही किया.

उन्होंने कहा कि जयंत सिन्हा द्वारा एलआईसी जैसी संस्थाओं के निजीकरण को लेकर दिया गया वक्तव्य भ्रामक है. उन्होंने जयंत सिन्हा से सवाल किया है कि सिन्हा किस आधार पर कह रहे हैं कि बीमाधारक अब शेयर धारक हो जाएगा. जो बीमाधारक की देनदारी है क्या वो निजीकरण के बाद भी पूरी होंगी और उसके भुगतान के लिए फोन फैसले लेगा. वहीं उन्होंने सवाल किया है कि बीजेपी को यह भी बताना चाहिए कि क्या सरकार ने बीमा कानून बदल दिया है या फिर बीमा धारक को शेयर धारक बनाने की व्यवस्था कर दी है.

कांग्रेस द्वारा सवाल खड़े किए जाने पर मप्र बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि जो नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में काम करते हैं, उनको बता दूं और समझा दूं कि जयंत सिन्हा संसद की वित्तीय मामलों की संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं और प्रवर समिति के भी अध्यक्ष हैं. वह जो कह रहे हैं, वह बात तथ्यों के आधार पर कर रहे हैं. उन्होंने बीमा धारक को शेयर धारक बनाने की बात कही है और वह सीधी और स्पष्ट बात कर रहे हैं. अब जो कांग्रेसी केवल विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं. कुछ भी गुमराह करने के लिए बोलना है, तो कम से कम तथ्यों की जानकारी और तथ्यों के आलोक में बात करें. फिर आरोप लगाएं तो अच्छा होगा.

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