प्रदेश में मची राजनीतिक हलचल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. एमपी में आज सियासी उधल पुथल के बीच दिग्गज नेताओं के कई बयान सामने आए.
बेंगलुरु में मौजूद सिंधिया समर्थक कांग्रेस के बागी विधायकों ने प्रेस कांफेंस की. इसमें गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि कोई विधायक बंधक नहीं है बल्कि सभी विधायक अपनी मर्जी से यहां हैं. वहीं उन्होंने कहा कि हमें मजबूरी में कांग्रेस का साथ छोड़ना पड़ा है, राहुल गांधी ने हमारी बात नहीं सुनी. उन्होंने कहा कि हम किसी भी समय उपचुनाव के लिए तैयार हैं.
इमरती देवी ने कहा कि सीएम कमलनाथ के पास हमसे मिलने का समय भी नहीं है, बल्कि सीएम के पास दलालों और भ्रष्टाचारियों से मिलने का समय है. जब हम कैबिनेट में बैठा करते थे, तब भी वह हमेशा जल्द जाओ कहकर हमसे नहीं मिलते थे.
तुलसी सिलावट ने कहा कि हमको किसी ने बंधक नहीं बनाया है. मध्यप्रदेश में सरकार बनाने में महाराज की बड़ी भूमिका थी. प्रदेश में विधायक और मंत्रियों से ज्यादा अधिकारियों की चलती है, पिछले डेढ़ साल से हम सरकार के मजदूर थे, कमलनाथ हमारी बात नहीं सुनते थे.
एमपी की सियासत पर विधायक पीसी शर्मा का भी बयान सामने आया. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में रुके 16 विधायक अगर वापस आते हैं, तो आज ही फ्लोर टेस्ट करा लेंगे.
बिसाहूलाल साहू ने कहा कि सीएम कमलनाथ ने चुनावी वादे पूरे नहीं किए, ऐसे में हमें अलग होना पड़ा. उन्होंने कहा कि वह अब स्वतंत्र हैं और वह तो बीजेपी भी ज्वाइन कर सकते हैं.
शिवराज के पक्षकार वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि सरकार की तरफ से कोर्ट में कोई पक्षकार मौजूद नहीं था, इसीलिए कोर्ट ने कल के लिए सुनवाई टाल दी.
कांग्रेस के बागी विधायकों के द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस को मंत्री हर्ष यादव ने पूरी तरह से प्रायोजित बताया है और कहा है कि ये प्रोपेगंडा भारतीय जनता पार्टी ने प्रायोजित किया
सीएम हाउस से बाहर आते वक्त फ्लोर टेस्ट को लेकर विधायक जयवर्धन सिंह ने बयान दिया है. जयवर्धन सिंह ने दावा करते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार बहुमत में है. वहीं बेंगलुरु में मौजूद बागी विधायकों द्वारा प्रेस कॉफ्रेस पर कहा कि उन्हें वहां दवाब में रखा गया है.
बेंगलुरु में कांग्रेस विधायकों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के सवाल पर कमलनाथ सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने सिंधिया पर निशाना साधा है. उन्होंने सिंधिया को सबसे बड़ा झूठा करार दिया है. मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, 'प्रेस कॉन्फ्रेंस सिंधिया के 5-6 बंधुआ मजदूरों की थी. बाकी विधायक तो बात भी नहीं कर सकते. उनके मोबाइल फोन भी छुड़ा लिए गए हैं यदि वह किसी से बात कर ले तो उनसे मारपीट अलग की जाती है.