इंदौर/जलगांव। पाकिस्तान से भारत लौटी गीता को महाराष्ट्र के एक दंपति ने अपनी बेटी बताया है. उनका दावा है कि गीता उनकी ही बेटी है, अब दंपति का गीता के साथ डीएनए मैच कराया जाएगा, अगर डीएनए मैच हो जाता है, तो गीता को दंपति को सौंप दिया जाएगा.
- महाराष्ट्र के एक दंपति ने गीता को बताया अपनी बेटी
गीता के माता-पिता होने का दावा कई दंपतियों ने किया, लेकिन गीता किसी को पहचान नहीं पाई, इस बार महाराष्ट्र के परभणी के वाघमारे परिवार ने गीता को अपनी बेटी बताया है. जिनका डीएनए मैच कराया जाएगा.
- साल 2015 में पाकिस्तान से भारत आई थी गीता
पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की पहल से गीता पाकिस्तान से अपने वतन लौटी थी, जहां से 26 अक्टूबर 2015 को इंदौर लाया गया, गीता को इंदौर के मूक-बधिर संगठन ने अस्थायी आश्रय दिया था, गीता के माता-पिता के मिलने तक उसे यहीं रहना था, 20 जुलाई को जिला प्रशासन ने गीता को इंदौर की ही दूसरी संस्था आनंद सर्विस सोसायटी को सौंपा था.
- महाराष्ट्र पहुंची गीता
आनंद सर्विस सोसायटी की मोनिका पुरोहित ने जानकारी देते हुए कहा कि गीता को विश्व स्वास्थ्य संगठन की कम्युनिटी बेस्ड रिहैबिलिटेशन तकनीक से पुनर्वासित किया जा रहा है, इसमें दिव्यांगों को धीरे-धीरे अपनी कम्युनिटी के नए लोगों के साथ मिलाया जाता है, मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस, समाज कार्य विभाग की प्रमुख डॉ. वैशाली कोल्हे की भी मदद ली जा रही है. फिलहाल गीता को महाराष्ट्र भेजा गया है. जहां गीता का महाराष्ट्र के दंपति से डीएनए टेस्ट कराया जाएगा.