भोपाल। वन विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि बाघ के नए पगमार्क नहीं मिले हैं. जिससे ये कहा जा सके कि वह मैनिट परिसर में है. मैनिट में लगे कैमरे में भी बाघ की कोई नई हलचल नहीं मिली है. वहीं, इसलिए ये साफ नहीं हो रहा है कि मैनिट परिसर में घुसे बाघ ने यहां से रवानगी ले ली है या फिर यहीं कहीं घूम रहा है. परिसर में बाघ के घुसने के बाद दहशत व्याप्त है. वन विभाग का कहना है कि हमारे कर्मचारियों ने शनिवार सुबह मैनिट परिसर के अंदर लगे 16 कैमरा ट्रैप के फुटेज को स्कैन किया. शुक्रवार शाम के बाद से इनमें से किसी भी कैमरे में बाघ की कोई तस्वीर कैद नहीं हुई. संस्थान में रहने वाले हमारे 50 लोगों को उस समय के बाद से बाघ के पगमार्क नहीं मिले.
मैनिट को मवेशियों से मुक्त किया : बता दें कि दो साल से अधिक उम्र के बाघ को 300 से 400 एकड़ में फैले भोपाल के जंगल घूमते हुए पाया गया था, ये जंगल मैनिट परिसर में घने इलाकों से जुड़ा है. बता दें कि मैनिट परिसर में बीते 12 दिन बाघ ने दो गायों का शिकार किया है. बाघ के घुसने के बाद मैनिट परिसर को मवेशियों से मुक्त कर दिया गया है. कैंपस से मवेशियों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है.
कैमरे में कैद हो चुका है बाघ : चार दिन पहले बाघ के कैमरे में कैद होने के बाद MANIT ने 11 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक लगभग 5,400 स्नातक छात्रों के लिए मध्यावधि अवकाश की घोषणा की है. छात्रों को दिसंबर में इस तरह के ब्रेक मिलते हैं. मैनिट के जनसंपर्क अधिकारी डॉ.अमित ओझा ने बताया कि संस्थान के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम कर रहे 600 छात्रों के लिए कक्षाएं लग रही हैं.
Tiger inside Bhopal मैनिट कैंपस में मौजूद है टाइगर, ट्रैप कैमरा में भी कैप्चर हुआ, फुटप्रिंट भी मिले
मैनिट परिसर में लगाए तीन पिंजरे : बाघ को पकड़ने के लिए मैनिटर परिसर में तीन पिंजरे लगाए गए हैं. इन पिंजरों के पास बाघ पहुंचा था लेकिन अंदर नहीं गया. बाघ को ट्रेस करने के लिए मैनिट परिसर के अंदर 16 कैमरा सतत निगरानी पर हैं. बता दें कि परिसर में लगभग 5,000 छात्रावास और 1,000 परिजन रहते हैं. बता दें कि भोपाल के करीब रायसेन और सीहोर जिलों में फैले रातापानी वन्यजीव अभयारण्य से बाघ राजधानी के केरवा क्षेत्र में चले जाते हैं. (Bhopal Tiger In MANIT) (Tiger panic countinue) (Forest department teams ready)