भोपाल। सार्वजनिक परिवहन के लिए 1 लाख व्यक्तियों पर 40 किलोमीटर सड़क होनी चाहिए. जबकि जनसंख्या के आधार पर यह आंकड़ा मात्र 11.2 किलोमीटर है. सार्वजनिक सड़क की उपलब्धता के साथ ही कई ऐसे क्षेत्र हैं. जहां 2030 तक के लक्ष्य को प्राप्त करना है. जिसमें आने वाले समय में ज्यादा काम करने की आवश्यकता है.
VLR रिपोर्ट तैयार: यह सभी पॉइंट्स वॉलंटरी लोकल रिव्यू (VLR) रिपोर्ट में तैयार किए गए हैं. दरअसल यूएन हैबिटेट के साथ मिलकर भोपाल नगर निगम ने वॉलंटरी लोकल रिव्यू रिपोर्ट तैयार की है. जिसके तहत भोपाल VLR रिपोर्ट तैयार करने वाला देश का पहला शहर बना है. इस रिपोर्ट के रिव्यु में यह तमाम तथ्य सामने आए हैं. इस वॉलंटरी लोकल रिव्यू के तैयार होने के बाद 2030 में भोपाल शहर को लेकर मास्टर प्लान और विकास का लक्ष्य निर्धारित होगा. इस वीएलआर को तैयार करने के लिए यूएन हैबिटेट के साथ भोपाल नगर निगम और अन्य एजेंसियों के सहयोग से इसे तैयार किया गया है. जिसमें शहर के अंदर क्या-क्या महत्वपूर्ण काम हो रहे हैं और किन जिलों कितनी सुधार की आवश्यकता है, इसको दर्शाया गया है.
कई हिस्सों में बटी रिपोर्ट: भोपाल स्मार्ट सिटी के चीफ प्लानर बीपी कुलश्रेष्ठ बताते हैं कि 2030 तक भोपाल को किस तरह से डिवेलप करना है. उसके हिसाब से इस वीएलआर को तैयार किया गया है. जिसमें किन क्षेत्रों में क्या-क्या काम हो रहे हैं और कितना करना है, उसकी डिटेल तैयार की गई है. जिसके माध्यम से शहर को बेहतर तरीके से विकसित किया जा सकेगा. इस रिपोर्ट को कई तरह से बांटा गया है. जिसमें लोग, समृद्धि, तथा धरती, पर्यावरण एवं स्थानीय स्थिरता, आर्थिक और सामाजिक स्थिति को भी रखा गया है. सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट के तहत इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भोपाल शहर के अंदर एक लाख की आबादी पर 40 किलोमीटर सड़क सार्वजनिक परिवहन के लिए होनी चाहिए लेकिन भोपाल में एक लाख की आबादी पर मात्र 11.2 किलोमीटर सड़क ही सार्वजनिक परिवहन के लिए उपलब्ध है. ऐसे में सार्वजनिक सड़क और सड़क सुरक्षा पर काम करने की भी जरूरत है, क्योंकि 2020 में प्रति एक लाख जनसंख्या पर सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वालों की संख्या 68 थी, जो राष्ट्रीय औसत 28 से लगभग दोगुनी है.
डाटा तैयार करने की जरूरत: इसके साथ ही इस रिपोर्ट में 2030 में आने वाले मास्टर प्लान में कई कमी और उसके सुधार पर भी फोकस किया गया है. साथ ही शहर की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों और योजनाओं के तहत डाटा तैयार करने की भी आवश्यकता जताई गई है. साथ ही यह भी कहा गया है भोपाल शहर में वनस्पतियों और जीवों व हेरिटेज विरासत के संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की जा रही. इस वीएलआर रिपोर्ट में बताया गया है कि खुले स्थानों की उपलब्धता के मामले में वैसे तो बेहतर काम हो रहा है, लेकिन मात्र 25% आबादी ही पार्क व खुले स्थानों से 500 मीटर की दूरी के भीतर है. जबकि 75 फीसदी आबादी पार्क और खुली जगह से दूर है.
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इस वॉलंटरी लोकल रिव्यू रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भोपाल में तमाम आवासी योजना के बाद भी स्लम एरिया में 36% लोग अभी भी निवास कर रहे हैं. जो राष्ट्रीय औसत से दोगुना है. जबकि 2030 में बनने वाले मास्टर प्लान के हिसाब से टाउन प्लानर्स की संख्या भी कम है. 14000 पर एक टाउन प्लानर होना चाहिए. जबकि यह आंकड़ा 0.9 है. इसके साथ ही कोरोना काल का भी जिक्र करते हुए संजीवनी और पीएचसी सेंटर का जिस तरह से विस्तार हुआ है. उसको इस रिपोर्ट में उपयोगी बताया गया है.