भोपाल। राजधानी भोपाल (Bhopal) में समाज सेवा के लिए समर्पित संस्था जनसंवेदना ने एक बेहतरीन प्रयास किया है. जनसंवेदना ने भोपाल के ऐसे लोग जिनका कोई घर नहीं है, जो निराश्रित हैं या शहर के किसी रैन बसेरों में रहकर मजदूरी कर अपना जीवनयापन कर रहे हैं उनके लिए आधार कार्ड (Aadhaar Card) बनवाने की मुहिम शुरू की है, ताकि ऐसे लोगों को भी आधार कार्ड के रूप में उन्हें एक पहचान पत्र मिल सके.
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निराश्रितों के आधार कार्ड बनाने की पहल
मानव सेवा में समर्पित सामाजिक संस्था जनसंवेदना कल्याण समिति की सेवाएं किसी से छिपी नहीं है. लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार से लेकर भूखों को भोजन उपलब्ध कराने के कामों के साथ ही जनसंवेदना ने एक और सराहनीय पहल की है. जिसके तहत निराश्रित और बेसहारा लोगों के आधार कार्ड बनवाए जा रहे हैं. जनसंवेदना समिति प्रमुख राधेश्याम अग्रवाल ने बताया कि निराश्रित, बेसहारा, लावारिस, फुटपाथ, रैन बसेरा एवं उपासना स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च एवं गुरुद्वारा पर डेरा डाले लोगों की सुध कोई नहीं लेता और कई बार ऐसा भी देखा गया कि ऐसे लोगों की मृत्यु हो जाने पर पुलिस इनको लावारिस मानकर उनका अंतिम संस्कार कर देती है. कई बार जेब में किसी प्रकार का कोई पहचान पत्र ना होने से उनके नाम व धर्म का भी पता भी नहीं लग पाता है, इसलिए भोपाल की जनसंवेदना ने यह पहल की. जितने भी आधार कार्ड (Aadhaar Card) बनाए जा रहे हैं, उसमें जनसंवेदना समिति का पता ही दिया जा रहा है.
एक हफ्ते चलेगा कैंप
ऐसे लोगों के पास आधार कार्ड (Aadhaar Card) बनवाने के लिए एक हफ्ते का समय है. 22 नवंबर से 28 नवंबर तक 7 दिवसीय आधार कार्ड कैंप शिविर जहांगीराबाद जेल घाटी स्थित डॉक्टर क्लब भवन में लगाा है. जहां सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक आधार कार्ड बनाने का काम किया जा रहा है. जनसंवेदना द्वारा निराश्रित लोगों को आधार कैंप तक लाने और ले जाने के लिए वाहन सुविधा भी संस्था द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है. संस्था ने शहर के लोगों से भी अपील की है कि यदि ऐसे कोई लोग उनकी नजर में आते हैं तो उन्हें आधार कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित करें.