भोपाल. राजधानी में वेतनमान बढ़ाने को लेकर मध्यप्रदेश और कोटवारों ने भोपाल के सीएम हाउस का घेराव करने के लिए तिरंगा यात्रा निकाली लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद सरकार के खिलाफ नारेबाजी नारेबाजी देखने को मिली. सभी ने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी अधिकारियों को सौंपा है.
दरअसल, वेतन बढ़ाने को लेकर शनिवार को पटवारी और कोटवारों ने राजधानी में तिरंगा यात्रा का निकाली. यात्रा भोपाल के अटल पद से शुरु होकर सीएम हाउस की ओर जा रही थी, तभी पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें अटल पद पर ही रोक दिया. बता दें, पटवारियों ने अपनी मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया है. इसके तहत यह सभी 25 अगस्त से सामूहिक रूप से छुट्टी पर हैं.
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1998 से नहीं बढ़ा वेतन: पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह बघेल के अनुसार- "प्रदेश भर के पटवारी 1998 में निर्धारित किए गए वेतनमान में संशोधन की मांग करते हुए 2023 में दिए जा रहे हैं वेतनमान के अनुसार मांग कर रहे हैं. यह सभी पिछले 25 सालों से प्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन उनके वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. यह सभी 21 अगस्त से अपने सरकारी ग्रुपों से बाहर हो गए थे और काम से बहिष्कार कर दिया था."
आश्वासन के बाद भी नहीं लिया फैसला: इसके अलावा उन्होंने बताया- "पिछली बार भी तीन दिन का अवकाश लिया था और अपने आंदोलन के तहत काम बंद कर दिया था. तब सरकार ने बैठकर बातचीत की थी और उनकी मांगों का निराकरण जल्द करने की बात कही थी. आश्वासन मिलने के बाद भी अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है. ऐसे में भोपाल में आंदोलन कर अपनी आवाज बुलंद करने का फैसला किया. सभी का कहना है कि जब तक उनकी मंगू का निराकरण नहीं होता आंदोलन जारी रहेगा."
पटवारियों के साथ आए कोटवार: इधर, पटवारियों के आंदोलन के साथ कोटवार भी शामिल हो गए हैं. वे सभी यात्रा में शामिल हुए. कोटवार संघ के सुबोध यादव ने बताया-"कोटवारों को तमाम योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए और वेतनमान में भी बढ़ोतरी की जानी चाहिए. वेतनमान की मांग को लेकर कई सालों से सरकार को अपनी बात रख चुके हैं लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है. अगर बीजेपी मांगों को मानेगी तो आगामी चुनाव में हम उनका समर्थन करेंगे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो चुनाव में सरकार का साथ नहीं देंगे. इसका नुकसान चुनाव में देखने को मिल सकता है."