भोपाल। मध्य प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा विभाग में व्याप्त अनिमितताओं के खिलाफ आवाज उठाना छात्र नेताओं को भारी पड़ गया. राजधानी भोपाल में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले के बाहर धरने पर बैठे छात्र नेता रवि परमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. साथ ही अन्य छात्रों को खदेड़ दिया.
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आज भोपाल में चिकित्सा विभाग में लगातार बढ़ती अनियमितताओं और छात्रों की समस्याओं को लेकर भोपाल NSUI द्वारा सैकड़ों छात्र छात्राओं के साथ चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले का घेराव किया गया (1/2) pic.twitter.com/khWNrgyhNE
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सारंग के बंगले का घेराव: मध्य प्रदेश एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश संयोजक रवि परमार के नेतृत्व सैकड़ों की संख्या में नर्सिंग और पैरामेडिकल के छात्र छात्राएं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले का घेराव करने पहुंचे थे. इस दौरान मंत्री सारंग के बंगले पर पहुंच कर छात्रों ने जमकर नारेबाजी की. साथ ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री से इस्तीफे की मांग भी की.
छात्रों को किया गिरफ्तार: धरना शुरू होने के बाद पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर समझाइश दी. बात नहीं बनने पर पुलिस ने छात्र छात्राओं को खदेड दिया. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने रवि परमार को बलपूर्वक गिरफ्तार कर लिया. रवि परमार के साथ शिवा डांगी और नितेश सेन को भी उठा ले गई. तीनों को टीटी नगर थाने के एक कमरे में बंद किया गया है. गिरफ्तारी को लेकर छात्र-छात्राओं में भयंकर आक्रोश देखने को मिल रहा है. छात्र-छात्राएं मंत्री सारंग और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए छात्र नेता रवि परमार को रिहा करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, उसके बाद भी रवि परमार को रिहा नहीं किया गया है.
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भविष्य को लेकर परेशान छात्र: इन छात्रों का कहना है कि, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय और मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल में भ्रष्टाचार चरम सीमा पार कर चुका हैं. नतीजतन लाखों छात्र छात्राओं का भविष्य बर्बाद हो रहा. पिछले 3 सालों से नर्सिंग और पैरामेडिकल के लाखों छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं नहीं हो पाई है. छात्र छात्राएं अपने भविष्य को लेकर अत्यधिक परेशान और चिंतित हैं. अगर विश्वविद्यालय परीक्षा नहीं करवा सकता तो छात्र छात्राओं को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर जनरल प्रमोशन देना ही उचित होगा. जिससे छात्र-छात्राओं का समय बर्बाद होने से बचेगा. बता दें कि इसके पहले 21 दिसंबर 2022 को सैकड़ों नर्सिंग छात्र छात्राओं के साथ फर्जी नर्सिंग कॉलेजों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल भोपाल में प्रदर्शन किया था.