भोपाल। जबलपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश में अपने सभी अधीनस्थ न्यायालयों में पुराने 25 प्रकरणों का तीन माह के अंदर निपटारा करने के लिए आदेश दिए हैं. इसके विरोध में डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन हड़ताल पर है. हालांकि इससे जिला न्यायालय में मामलों की पेंडेंसी और बढ़ गई है. साथ ही पेशी पर आ रहे लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. भोपाल में जिला न्यायालय में वकीलों की आम सभा के बाद सभी ने एकमत होकर 22 फरवरी से जारी हड़ताल को 12 मार्च तक आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है.
केस निपटाने संबंधी आदेश : बार एसोसिएशन का कहना है कि जबलपुर उच्च न्यायालय ने पुराने प्रकरणों के संबंध में जो आदेश दिया है, उस आदेश से न्यायिक अधिकारी सहित अधिवक्तागण भी दबाव में हैं. प्रतिदिन के प्रकरणों सहित न्याय व्यवस्था में कठिनाई उत्पन्न हो रही है. जिसका परिणाम पक्षकारों को भी भुगतना पड़ रहा है. इसके अलावा जिला न्यायालय में चल रहे मामलों की पेंडेंसी बढ़ती जा रही है. हालांकि आमसभा से पूर्व कुछ वकीलों का मत था कि इस हड़ताल को खत्म किया जाए. परंतु सभा में लगभग 3 से 4 घंटे चले मंथन के बाद अधिवक्ताओं द्वारा हड़ताल को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया.
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अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष व सचिव को पत्र : इस मामले में स्टेट बार काउंसिल ऑफ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट कैंपस जबलपुर में मध्य प्रदेश अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष व सचिव को पत्र जारी कर सूचित किया है कि 2 मार्च को राज्य अधिवक्ता परिषद के 21 सदस्यों के प्रतिनिधिमण्डल ने विचारण न्यायालय में लंबित 25 प्रकरणों के 3 माह के अंदर निराकरण के संबंध में असुविधा व कठिनाइयां हो रही हैं. बता दें कि वकीलों की हड़ताल से पेशी पर आने वालों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दूरदराज से आने वालों को कुछ पता नहीं रहता, जब यहां आते हैं तो पता चलता है कि वकील हड़ताल पर हैं.