भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी की लहर में भी एक मुस्लिम बाहुल्य सीट पर बीजेपी कब्जा जमाने में सफल नहीं हो सकी. भोपाल इस उत्तर विधानसभा सीट पर पिछले 20 सालों बाद भी बीजेपी कब्जा जमाने में सफल नहीं हो सकी. यहां न लाड़ली बहना का दांव चला और न चुनाव मैदान में उतरे 4 निर्दलीयों का असर दिखाई दिया. कांग्रेस के दिग्गज नेता आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील ने उत्तर विधानसभा सीट से बीजेपी के आलोक शर्मा को करीब 27 हजार वोटों से हरा दिया. वहीं भोपाल मध्य सीट से कांग्रेस प्रत्याशी आरिफ मसूद ने जीत हासिल की है.
आलोक शर्मा भी नहीं छीन सके सीट: कांग्रेस के सबसे मजबूत गढ़ों में से एक भोपाल की उत्तर विधानसभा सीट को छीनने के लिए बीजेपी ने इस बार पूर्व महापौर आलोक शर्मा को मैदान में उतारा था, लेकिन वह भी इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सके. 1977 में अस्तित्व में आई उत्तर विधानसभा सीट को बीजेपी सिर्फ 1993 में ही कांग्रेस से छीन सकी है. उस वक्त बीजेपी के रमेश शर्मा ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद से इस सीट पर कांग्रेस के आरिफ अकील ने अपनी इतनी गहरी जड़े जमाई की बीजेपी की लहर में भी इसे हिलाया नहीं जा सका.
स्वास्थ्य बिगड़ने के वजह से कांग्रेस ने इस बार आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील को चुनाव मैदान में उतारा था. डायलिसिस के बावजूद आरिफ बेटे को जिताने के लिए दिन-रात चुनाव प्रचार में जुटे रहे. आखिरकार आरिफ अपनी राजनीतिक विरासत को बचाने में कामयाब रहे. आतिफ अकील करीबन 27 हजार वोटों से चुनाव जीत गए.
निर्दलीय के मैदान में उतरने से भी नहीं बिगड़ा गणित: आरिफ अकील के लिए इस बार चुनौती बीजेपी से ही नहीं, बल्कि घर के अंदर से भी थी. उनके भाई आमिर अकील इस बार निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे. आमिर अकील पूर्व विधायक आरिफ के साथ 1998 से लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं. हालांकि भाई को मनाने की आरिफ अकील ने खूब कोशिश की थी. उधर कांग्रेस के एक और नेता नासिर इस्लाम भी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन दोनों निर्दलीय नेताओं के मैदान में होने से भी कांग्रेस के वोटों पर फर्क नहीं पड़ा.
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भोपाल मध्य से जीते आरिफ मसूद: वहीं भोपाल जिले की भोपाल मध्य सीट से भी कांग्रेस को जीत मिली है. यहां भी बीजेपी कांग्रेस के जीत के क्रम को नहीं तोड़ पाई है. भोपाल मध्य से कांग्रेस प्रत्याशी आरिफ मसूद ने जीत हासिल की है. आरिफ मसूद ने बीजेपी के ध्रुव नारायण सिंह को 15891 वोटों से हराया है. बता दें आरिफ मसूद की यह लगातार दूसरी जीत है. यह सीट साल 2008 में अस्तित्व में आई थी. प्रदेश और जिले की यह सबसे हॉटसीट मानी जाती है. 2008 और 2013 में यहां बीजेपी ने जीत हासिल की थी, लेकिन 2018 से यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है.