भोपाल। मध्य प्रदेश में 25 और 26 अगस्त को वैक्सीनेशन महाअभियान चलाया जाएगा. सरकार का इस बार फोकस दूसरे डोज पर है, क्योंकि प्रदेश में वैक्सीनेशन का आंकड़ा चार करोड़ के ऊपर पहुंच गया है. 3 करोड़ 35 लाख लोगों को पहला डोज लग चुका है, जबकि मात्र 65 लाख लोगों को ही कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लगा है. वहीं दूसरे डोज की संख्या में कमी को लेकर ईटीवी भारत से चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने बातचीत की. हालांकि इस मसले पर दोनों ही मंत्रियों की अलग-अलग राय सुनने को मिली.
वैक्सीन की कमी पर अलग-अलग राय
मध्य प्रदेश में कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लेने वालों की संख्या में कमी क्यों है, इसपर सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री की अपनी अलग-अलग राय है. स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी का कहना है कि सरकार तो अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर रही है, लेकिन लोग ही सेंटरों पर दूसरे डोज के लिए नहीं पहुंच पाते हैं, सरकार की तरफ से दूसरे डोज के लिए पूरी तैयारी है, अब जो छूटे हैं सरकार का टारगेट उन्हीं की और है.
इधर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग कहते हैं कि लोगों में कम रुझान था, और लोगों को लगता है कि पहला डोज लगाने के बाद दूसरे की शायद आवश्यकता ही नहीं है, जबकि ऐसा नहीं है, विशेषज्ञ भी बोल चुके हैं कि दोनों डोज लगवाना बेहद जरूरी है.
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25-26 अगस्त को वैक्सीनेशन महाअभियान
मध्यप्रदेश में 25 और 26 अगस्त को एक बार फिर वैक्सीनेशन महाअभियान चलाया जाएगा. इसके लिए सरकार की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है. पहले दिन 20 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने का टारगेट है. दूसरे दिन यानि 26 अगस्त को 10 लाख लोगों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा. लेकिन इस बार सरकार का पूरा ध्यान सेकेंड डोज पर है. दरअसल प्रदेश में जितने भी लोगों ने फर्स्ट डोज लगवाई है, उनका आंकड़ा 3 करोड़ 35 लाख के ऊपर है. वहीं सेकेंड डोज मात्र 65 लाख लोगों को ही लगा है.