भोपाल। राजधानी भोपाल समेत इंदौर के लोगों को मेट्रो ट्रेन का बेसब्री से इंतजार है. हाल यह है कि मेट्रो शुरू होने से पहले उसे देखने के लिए अब तक 5 हजार से अधिक लोग जा चुके हैं. इधर खबर मिली है कि राजधानी में पहला ट्रायल सितंबर महीने में हो जाएगा. इसके लिए कुल 3 कोच बड़ोदरा से आना है. इसके लिए विशेष रास्ते चुने गए हैं, जिसमें इन लंबे कोच को आसानी से लाया जा सके.
भोपाल में ऑरेंज लाइन बनकर तैयार: राजधानी में मेट्रो टेस्टिंग के लिए एम्स से सुभाषनगर तक करीब 6.22 किमी लंबी ऑरेंज लाइन लगभग बनकर तैयार है. दूसरी तरफ इसी ट्रेक पर चलाने के लिए तीन कोच शनिवार-रविवार की रात बड़ोदरा से भोपाल के लिए रवाना होने वाले हैं.
6 दिन में मुकाम पर पहुंचेेंगे: इंदौर के लिए 3 कोच लाए जा चुके हैं और अब भोपाल के लिए भी वहीं से लाए जा रहे हैं. जानकारी के अनुसार 3 कोच को करीब 6 दिन में 28 पहियों वाले ट्राले की मदद से लाया जाएगा. यह दूरी करीब 600 किमी की है. इसके लिए रास्ते की रेकी एक्सपर्ट टीम ने कर ली है. आधा रूट वही होगा जो इंदौर के लिए था, बाकी आधा रूट बदला जाएगा.
बताया गया कि बड़ोदरा से कोच पहले हिम्मत नगर और फिर राजस्थान के चित्तोढ़गढ़ और फिर वहां से एमपी नीमच, रतलाम के रास्ते भोपाल आएंगे. एमपी के बाकी रास्तों का अभी खुलासा नहीं किया गया है. लगभग 6 से 7 दिन का समय यहां तक आने में लगेगा.
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उदयपुर शहर में दिन में भारी ट्रैफिक होता है, तो यहां रात में इन कोच को निकाला जाएगा. दिन में एक शहर से दूसरे शहर तक सफर होगा. रात के समय शहर के भीतर से इन कोच का ट्राला निकाला जाएगा.
जिस ट्राले पर यह कोच होंगे, उनके ऊपर कोच और ट्राले में रेडियम की पट्टी लगाई जाएगी. इस ट्रोल की अधिकतम स्पीड 10 से 20 किमी प्रति घंटा रहेगी. इनकी निगरानी के लिए अलग से एक स्कॉर्ड कार चलाई जाएगी. रूट का सर्वे कर लिया गया है और इसी के हिसाब से तकनीकी विशेषज्ञों की निगरानी में यह यात्रा चलेगी.
ड्राइवर व स्टॉफ का हुआ मेडिकल टेस्ट: जिस ट्राले में कोच लाए जाएंगे, उनके ड्राइवर और ऑपरेटर के साथ हेल्पर का मेडिकल चेकअप किया गया है. इसमें ब्लड प्रेशर, आंखों, शुगर सहित अन्य जांचें कराई गई. इनमें जिनकी सभी रिपोर्टस नॉर्मल आई, केवल कंपनी ने उन्हें ही अनुमति दी है.
कोच और पुलर की कुल लंबाई करीब 32 मीटर होगी, तो हर पुलर वाहन में एक अनुभवी ड्राइवर, एक हेल्पर और एक ऑपरेटर तैनात किया लाएगा. इसमें 9 लोगों की टीम रहेगी, जो ऑपरेशन को अंजाम देगी.
25 सितंबर के बाद होनी है टेस्टिंग, मई में होगी सवारी: जिन 3 कोच को अभी लाया जा रहा है, उनकी 6.22 किमी लंबे रूट पर टेस्टिंग के लिए 25 सितंबर के बाद कभी भी डाला जा सकता है, जबकि जनता को इनकी सवारी मई में करने का मौका मिलेगा.
यह भी बता दें कि जो कोच आ रहे हैं, उनकी चौड़ाई 2.9 मीटर और लंबाई 22 मीटर होगी. ट्रेक पर चढ़ाने से पहले सुभाषनगर डिपो में प्लेटफार्म से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कोच सीधे डिपो में लाए जाएंगे.
80 एकड़ में बने डिपो में होगी लोडिंग और अनलोडिंग: जो कोच बड़ोदरा से भोपाल लाए जा रहे हैं, उनकी अपलोडिंग और लोडिंग सुभाष नगर डिपो में की जाएगी. करीब 80 एकड़ में यह डिपो बनाया जा रहा है. इसी डिपो से मेट्रो ट्रेनों का संचालन होगा.
ट्रेनों का नाइट हॉल्ट भी सुभाष नगर डिपो में रहेगा. अभी सबसे छोटे ट्रैक यानी सुभाष नगर से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन तक ट्रायल किया जाएगा. इसके बाद अगले ट्रायल में एम्स हॉस्पिटल, अलकापुरी, डीआरएम ऑफिस, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, डीबी मॉल और केंद्रीय स्कूल और सुभाषनगर स्टेशन शामिल हैं.