भोपाल. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्याज के निर्यात शुल्क में 40% की वृद्धि को कम किए जाने की मांग की है. उनका कहना है कि अगर आप प्याज के निर्यात के शुल्क को घटा देंगे, तो इससे किसानों को फायदा पहुंचेगा.
क्या लिखा दिग्विजय सिंह ने पत्र मेंं: उन्होंने पत्र के जरिए केंद्र से मांग की है कि मध्यप्रदेश के प्याज उत्पादक किसान इन दिनों प्याज के कम होते जा रहे हैं दाम से चिंतित हैं. केन्द्र सरकार की तरफ से प्याज के निर्यात पर 40% शुल्क लगाये जाने से प्याज को विदेशों में भेजे जाने का कारोबार प्रभावित हो रहा है. किसानों को उनकी फसल के उचित दाम नही मिल पा रहे हैं.
साथ ही लिखा कि, रतलाम जिले के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे मुलाकात कर बताया है- "केन्द्र सरकार ने प्याज निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क बढ़ाये जाने से किसानों में सरकार के प्रति भारी नाराज़गी है."
किसानों ने प्रदेश भर में निर्यात शुल्क में हुई वृद्धि के विरोध में आंदोलन शुरू कर दिये है. इस साल भी प्रदेश में प्याज के रेट कम होने से कई स्थानों पर किसानों ने अपनी फसल नदी में फेंक दी थी.
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अनेक कस्बों में किसान प्याज की ट्रॉली मंडियों में ही छोड़ गये थे. इसी साल मई में खंडवा जिले के भेरूखेड़ा के किसान घनश्याम ने मंडी में कम दाम होने पर अपनी पूरी प्याज गुस्से में फ्री में बांट दी थी. तब उसकी प्याज की 3 रूपये किलो की कीमत मंडी में लगाई गई थी. जबकि उसकी लागत ही 6 रूपये किलो से अधिक आई थी।
रतलाम जिले में किसानों का विरोध: इसके अलावा दिग्विजय सिंह ने कहा कि, केन्द्र सरकार के फैसले के बाद मध्यप्रदेश रतलाम जिले के किसानों की तरफ से मंडी बंद कर विरोध दर्ज कराया है. किसानों का कहना है कि सरकार की तरफ से अगर निर्यात शुल्क में वृद्धि करने से विदेशों में प्याज महंगा होगा तो वे भारत का प्याज नही मंगाएंगे.
ऐसे में प्याज के दाम गिरेंगे. वही, इससे भारतीय प्याज के व्यापारियों को भी नुकसान होगा. किसान नेताओं ने केन्द्र सरकार से प्याज के निर्यात शुल्क को पूर्व की भांति किये जाने का निवेदन किया है.