भोपाल। "कोई बेटी जब किसी दुकान पर सामान लेने जाए तो उसके साथ अश्लीलता हो जाती है. ऐसी बेटियां समाज के डर से थाने तक पहुंचने में कतराती हैं. इसलिए सरकार ने तय किया कि बेटियां थाने नहीं, बल्कि महिला पुलिस ऐसी बेटियों के घर तक जाएगी. इसलिए सरकार ने 250 टू व्हीलर हमारी बहादुर महिला पुलिस कर्मियों को दिया है." यह बात एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही. वे मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में टू व्हीलर्स स्कूटर्स को वितरित करने के लिए पहुंचे थे. इस मौके पर मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद थे.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "यह पुरुष प्रधान समाज है. कई बार इस व्यवस्था को देखकर मन दु:खी हो जाता है. गली मोहल्ले में बेटियां अश्लीलता, फब्तियाें की शिकार हो जाती हैं. यह दुखकर होता है, लेकिन मजबूरी है कि पुलिस को हर गली मोहल्ले में नहीं बिठा सकते, लेकिन जब बेटी थाने जाती है तो वहां भी उससे पूछताछ करने वाला पुरुष पुलिसकर्मी होता था. एमपी सरकार ने 30 फीसदी पुलिस के पदों पर महिला कर्मियों की भर्ती अनिवार्य कर दी है. शुरूआत में इसका विराेध भी हुआ, लेकिन आज जब बेटी नि:संकोच होकर अपनी परेशानी बता पाती हैं तो खुशी होती है."
महिला पुलिस कर्मियों को दिए 250 टू व्हीलर्सः सीएम ने कहा, ''अब हम पीड़ित बेटियाें को इंसाफ दिलाने और घनी आबादी तक पहुंच को आसान बनाने के लिए महिला पुलिस कर्मियों को 250 टू व्हीलर्स दे रहे हैं. आगे इनकी संख्या और भी बढ़ाई जाएगी.'' वहीं, होम मिनिस्टर नरोत्तम मिश्रा ने महिला पुलिसकर्मियों को चाबी सौंपते हुए कहा कि, ''यह दो पहिया स्कूटर अत्याधुनिक संसाधनों से लैस है. बाकी डिपार्टमेंट भी संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि, ''यह 2 पहिया स्कूटर महिला पुलिसकर्मियों को गली मोहल्ले तक पहुंचने में एक बड़ा क्रांतिकारी कदम साबित होगा.''
महिला पुलिसकर्मियों ने स्कूटर से निकाली रैलीः सीएम द्वारा हरी झंडी दिखने के बाद 250 महिला पुलिसकर्मी इनको लेकर रैली के रूप में निकलीं. रैली मोतीलाल नेहरू स्टेडियम से शुरू होकर विजय द्वार, कंट्रोल रूम चौराहा, राजभवन तिराहा से रोशनपुरा, टीटी नगर, प्लेटिनम प्लाजा, अटल पथ, जवाहर चौक, रंगमहल चौराहा, रोशनपुरा चौराहा, राजभवन तिराहा, पुलिस कंट्रोल रूम से होती हुई पुलिस पेट्रोल पंप के सामने स्थित विजय द्वार लाल परेड ग्राउंड के गेट से प्रवेश कर मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में समाप्त हुई.
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950 थानों में ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क संचालितः गौरतलब है कि पूरे मध्यप्रदेश में करीब 950 थानों में ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क संचालित की जा रही है. इस डेस्क पर काम करने वाली महिला पुलिसकर्मी को ही यह वाहन आवंटित किया गया है. इसी टास्क के जरिए “मैं हूं अभिमन्यु” की थीम चलाई जा रही है, जिसमें “आओ लड़कों को सिखाएं” अभियान शामिल किया है. इसमें बालकों व पुरुषों को लैंगिक समानता एवं संस्कारों का ज्ञान देने के साथ ही महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता बनाने की पहल की गई है. 1 अगस्त से अभियान का दूसरा चरण शुरू हाेगा, जो कि 15 अगस्त तक पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा. सेकंड राउंड में स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संगठनों को शामिल किया जाएगा.