भोपाल. चुनावों में बेशक भाषण सभा और बयान पर ही राजनीति परवान चढ़ती है. लेकिन एमपी की चुनावी राजनीति का ये पहला बयान होगा, जब बीजेपी से लेकर कांग्रेस नेताओं के बयान फिल्मी संवादों को मात दे रहे हैं. ढूंढ- ढूंढ कर फिल्में और इनके किरदार तलाशे जा रहे हैं. ताकि नेताओँ को उपमा दी जा सके. फिल्मों के इतर अभी जो संज्ञाएं एक- दूसरे को दी जा रही है. वो हर दूसरे शब्द में भाषा की मर्यादा को तोड़ती हुई हैं. तो चुनाव चढ़ते शुरु हुई कांग्रेस बीजेपी की जुबानी जंग में एक्शन भी है, कॉमेडी भी, लेकिन केवल मर्यादा नहीं है.
एमपी चुनाव में बयानों का गिरता ग्राफ: एमपी के चुनाव में इस बार कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक नेताओं के बयानों का ग्राफ तेजी से नीचे आया है. शुरुआत कपड़ा फाड़ पॉलीटिक्स से हुई. हालांकि ये कांग्रेस की अंदरुनी बयानबाजी थी. लेकिन उसके बाद फिर जो बयानी तीर चले तो भाषा की मर्यादा टूटती ही गई. ये पहला चुनाव है, जो फिल्मों से रिसर्च के बाद बाकायदा किरदारों के नाम दिए जा रहे हैं. जय और वीरू से हुई शुरुआत श्याम और छैनू की जोड़ी तक पहुंची.
सीएम शिवराज ने आज सतना में कहा कि कांग्रेस के नेता तो कमलनाथ और दिग्विजय की जोड़ी को जय- वीरु की जोड़ी बता रहे हैं. असल में ये जोड़ी जय वीरू की नहीं है. शिवराज ने कहा कि एक फिल्म आई थी, मेरे अपने, जिसमें श्याम और छेनू की जोड़ी थी. दोनों अपने- अपने मोहल्ले में कब्जे के लिए लड़ते थे.
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शिवराज ने कमलनाथ को कहा महापापी: टीकमगढ़ की चुनावी सभा में सीएम शिवराज ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को महापापी कह दिया. शिवराज ने आरोप लगाया कि कमलनाथ गरीबों के अंतिम संस्कार का पैसा खा गए. कमलनाथ भी कमोबेश अपनी हर सभा में शिवराज पर निशाना साधते हैं. पिछले दिनों मेट्रो रेल के संदर्भ में बयान देते हुए कमलनाथ ने कहा कि सीएम शिवराज की ये आदत है कि बच्चा किसी के यहां होता है मिठाई बांटते हैं.
दिवाली नवरात्र को लेकर ये क्या कह गई उम्मीदवार: केवल दिग्गज नेता ही नहीं उम्मीदवार भी विवादित बयानों से बाज नहीं आ रहे. भोपाल गोविंदपुरा विधानसभा सीट की प्रत्याशी कृष्णा गौर ने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार आ गई, तो आप नवरात्र दीपावली- दशहरा नहीं मना पाओगे. इस विवादित बयान के वायरल हुए वीडियो में कृष्णा गौर कांग्रेस को सनातन विरोधी बता रही हैं. उनकी इस बयान को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत भी हुई है.