भोपाल। राजधानी भोपाल में सोमवार को नगर निगम परिषद की बैठक में अंदर सदन से लेकर बाहर सड़क तक हंगामा ही हंगामा नजर आया. सदन के अंदर हमीदिया रोड का नाम गुरुनानक देव मार्ग किए जाने को लेकर कांग्रेस ने जहां सदन का वर्कआउट किया, तो दूसरी और जिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सदन के बाहर नारेबाजी करते हुए महापौर मालती राय और कमिश्नर की गाड़ी पर नामकरण परिषद के सर्टिफिकेट चस्पा कर दिए. बीजेपी की नगर निगम में भी 50% कमीशन के आरोप लगाए. जिसके चलते पुलिस और और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झूमा झटकी भी हो गई.
कांग्रेस ने लगाया नामकरण परिषद नाम का सर्टिफिकेट: मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार पर कमलनाथ 50% कमीशन लेकर काम करने के आरोप लगाते रहे हैं. अब यही मुद्दा नगर निगम भोपाल पर भी छाया रहा और इसी के साथ कांग्रेस जिला इकाई ने नगर निगम मुख्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया. कांग्रेस जिला अध्यक्ष मोनू सक्सेना की अगवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महापौर और निगम कमिश्नर की गाड़ी पर नामकरण परिषद के सर्टिफिकेट तक लगा दिए. इस दौरान निगम मुख्यालय में प्रवेश के दौरान उनकी पुलिसकर्मियों से खासी बहस भी हो गई. कांग्रेस जिला अध्यक्ष मोनू सक्सेना का कहना है कि "प्रदेश सरकार से लेकर नगर सरकार तक में 50% कमीशन के बिना कहीं भी कोई काम नहीं हो रहा है. वहींं दूसरी ओर भोपाल नगर निगम सिर्फ सड़कों और जगह का नाम बदलने वाली परिषद ही रह गई है. जहां दूसरे काम नहीं होते. ऐसे में इस परिषद का नाम भोपाल नगर निगम परिषद की जगह इन्होंने नामकरण परिषद कर दिया है."
हमीदिया रोड और दशहरा मैदान का बदला नाम: इधर तमाम विरोध और विवादों के बीच आखिरकार भोपाल के हमीदिया रोड़ का नाम बदल दिया गया. अब हमीदिया रोड़ को गुरुनानक देव मार्ग के नाम से जाना जाएगा. भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक में बहुमत से भोपाल की चार जगहों के नाम बदलने पर मुहर लगाई गई है. हमीदिया रोड के अलावा कोकता की मल्टी सोसायटी को अब पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर रहवासी परिसर के नाम से जाना जाएगा. इसके साथ ही मालीखेड़ी की कॉलोनी को पूर्व विधायक गौरीशंकर कौशल के नाम पर तो वहीं मालीखेड़ी के दशहरा मैदान को बाबूलाल गौर मैदान का नाम दिया गया है. हालांकि नाम बदलने के प्रस्ताव के दौरान निगम परिषद की बैठक में जमकर हंगामा भी हुआ. विपक्ष निगम पर विकास न कर नाम बदलने की राजनीति करने का आरोप लगाता रहा और इस प्रस्ताव के आने के बाद सदन से वॉकआउट कर दिया.
सदन में कांग्रेस ने किया वॉकआउट: इधर हमीदिया रोड का नाम बदलने और कांग्रेस के वॉकआउट पर नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी का कहना है कि "कांग्रेस अपना स्टैंड पहले क्लियर करे, कि वह नाम बदलने के विरोध में है, या गद्दार हमीदुल्लाह खान के सपोर्ट में है. जिस हमीदुल्लाह ने भोपाल को 2 साल तक आजाद नहीं होने दिया और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने का सपना देखता रहा. तिरंगा फहराने वालों पर पाबंदी लगाई. उस गद्दार के नाम पर यह रोड थी. जिसे बदलकर गुरु नानक देव के नाम पर किया गया है." इधर भोपाल महापौर मालती राय का कहना था कि "निगम में तमाम जनप्रतिनिधियों की सहमति से यह प्रस्ताव आया था. जिस पर बहुमत के आधार पर मोहर लगा दी गई है."
निगम पर जुर्माने को लेकर बोलीं महापौर: वहीं एनजीटी द्वारा नगर निगम पर जुर्माने को लेकर महापौर का कहना था कि "इस मामले में अब नगर निगम के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं, क्योंकि यह पूरा मामला अन्य विभागों से जुड़ा है. जिसमें बिना तथ्यों को देखे हुए नगर निगम पर जुर्माना लगाया गया है. जबकि अन्य विभाग जिसमें पर्यटन विभाग मुख्य रूप से आता है, उसकी भूमिका तय की ही नहीं गई है. दरअसल विपक्ष ने एनजीटी द्वारा हाल ही में बीएमसी पर लगाए गये 1 करोड़ से ज्यादा की जुर्माना राशि की वसूली जिम्मेदार अधिकारियों की सैलेरी से करने की मांग की थी. इसके अलावा कांग्रेसी पार्षदों ने लाड़ली बहना योजना पर निगम द्वारा खर्च की जा रही राशि की जानकारी मांगी थी. जिसके बाद महापौर के जवाब से असंतुष्ठ पार्षदों ने हंगामा कर दिया. बीजेपी और कांग्रेस के पार्षद अध्यक्ष की आसंदी को घेरकर एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. वहीं दूसरी और नगर निगम के कुछ अधिकारियों द्वारा अनियमितताओं का मामला भी सामने आया. जिसके चलते निगम अध्यक्ष ने दोनों कर्मचारियों को सस्पेंड करने के निर्देश भी दिए.