भोपाल। पूरे देश में लॉकडाउन का असर सभी प्रकार के व्यापार पर हुआ है. बड़े कारोबार से लेकर छोटे व्यापार तक इसकी जद में आ गए हैं, लेकिन भोपाल नगर निगम को ट्रेड लाइसेंस के तौर पर जो वसूली होती है, उसमें गिरावट नहीं आई है. इसकी सबसे बड़ी वजह है वार्ड स्तर पर लगाए जाने वाले कैंप.
2019 में लाइसेंस से मिली थी एक करोड़ से ज्यादा की रकम-
नगर निगम को ट्रेड लाइसेंस से अच्छी-खासी कमाई होती है. पिछले साल नगर निगम को लाइसेंस के जरिए एक करोड़ 73 लाख रुपए मिले थे. निगम प्राइवेट ऑफिस, शॉपिंग मॉल में मौजूद दुकानों और अन्य व्यवसायिक संस्थानों के लिए नए लाइसेंस और नवीनीकरण करता है. इसी से ये कमाई होती है. पिछले साल 28 हजार 930 व्यापारियों ने नए लाइसेंस या फिर पुराने लाइसेंस का नवीनीकरण कराया था.
कोरोना का नहीं पड़ा असर
कोरोना के कारण इस बार लग रहा था कि पिछली बार का ट्रेड लाइसेंस का आंकड़ा भी नगर निगम नहीं छू पाएगा, लेकिन नगर निगम ने जो वार्ड स्तर पर वसूली अभियान चलाया. उसने निगम को काफी हद तक राहत दी है. पिछले साल ट्रेड लाइसेंस के जरिए निगम ने 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की वसूली की थी. वहीं 2020 में अब तक नगर निगम के खाते में 1 करोड़ 4 लाख रुपए आ चुके हैं. इस बार करीब 20 हजार दुकानदारों ने या तो लाइसेंस बनवाया है या फिर नवीनीकरण किया है.
अनलॉक के बाद बढ़ा ग्राफ
नगर निगम को पिछले 3 महीने में 75 लाख रुपए नए लाइसेंस और नवीनीकरण के जरिए मिले हैं. शुरुआती 6 महीने में नगर निगम के खाते में सिर्फ 28 लाख 77 हजार रुपए आए थे. नगर निगम अपर आयुक्त विनोद कुमार शुक्ला को उम्मीद है कि कोरोना काल के बावजूद भी निगम ट्रेड लाइसेंस के जरिए करीब दो करोड़ रुपए कमाएगा.
नए व्यवसाय के लिए आवेदन कम
नगर निगम के खाते में भले ही ट्रेड लाइसेंस की वसूली पिछली बार की तुलना में ज्यादा होने की उम्मीद है, लेकिन कोरोना काल में नए लाइसेंस अप्लाई की संख्या काफी कम है. पुराने ट्रेड लाइसेंस का नवीनीकरण करने के लिए ज्यादा आवेदन आ रहे हैं. शहर में करीब 50 से 60 हजार के लगभग छोटे व्यापारी हैं, जिनके लाइसेंस नगर निगम से बनते हैं. कोरोना के कारण सबसे ज्यादा असर छोटे व्यापार पर पड़ा है और इसका असर ट्रेड लाइसेंस के नए आवेदन नहीं आने पर भी साफ देखा जा रहा है.