भोपाल । मध्यप्रदेश का इंदौर शहर लगातार चार बार से सफाई में अव्वल रहा है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल अब इंदौर को पछाड़ने की कोशिश कर रहा है. शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए नगर निगम अब लाया है 'प्लास्टिक राक्षस'.
'प्लास्टिक राक्षस' दे रहा सेहत का वरदान
प्लास्टिक राक्षस...जी हां राक्षस, जो आपको सेहतमंद बनाएगा. कैसे ?...आपके आसपास के कचरे को खुद में समाकर जनता को सेहत का वरदान देकर. बात सीधी है सरल है, लेकिन महत्वपूर्ण है. दरअसल, नगर निगम भोपाल लाया है 'प्लास्टिक राक्षस' . ये घर-घर से वेस्ट प्लास्टिक खाएगा. लेकिन इसका पेट कभी नहीं भरेगा. क्योंकि आपको सेहत का वरदान जो देना है. 'प्लास्टिक राक्षस' के साथ आए कर्मचारी जनता को सेहत का ज्ञान भी देंगे और हेल्दी रहने के फॉर्मूले भी बताएंगे. नौ फरवरी को 'प्लास्टिक राक्षस' का 'श्रीगणेश' हो चुका है.
प्लास्टिक से कर लो तौबा
नगर निगम का ये कॉन्सेप्ट रोचक है. प्लास्टिक राक्षस की ये यात्रा भोपाल शहर के न्यू मार्केट में पहुंची. लोगों को प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने के लिए जागरूक किया . जनता को शपथ दिलाई प्लास्टिक से तौबा करने की.
इंदौर को पछाड़ पाएंगे भोपाली ?
प्लास्टिक राक्षस लाने के पीछे नगर निगम का मकसद है इंदौर को टक्कर देना. इंदौर पिछले चार सालों से लगातार सफाई में नंबर वन बना है . इंदौर आगे और राजधानी पिछड़ी हुई, ये हजम करना आसान नहीं था. सो, भोपालियों ने इस बार मन बना लिया इंदौर से सफाई का ताज छीनने का. 'प्लास्टिक राक्षस' की जंग अभी शुरु हुई है. देखते हैं ये जंग कितना रंग लाएगी.
वेस्ट प्लास्टिक से बनती सड़क और फ्यूल
प्लास्टिक है बड़े काम की चीज . वैसे ही प्लास्टिक वेस्ट भी कम नहीं है. प्लास्टिक वेस्ट का तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो इससे फ्यूल बन सकता है. सड़क बनाने में भी ये काम आता है.
योजना अच्छी है. काम कर गई तो 'प्लास्टिक राक्षस' की जय-जयकार होगी. ये सब तय होगा निगम के अफसरों और कर्मचारियों के संकल्प से. ये जनता को कितना जागरूक कर पाएंगे. कैसे समझाएंगे कि ये कचरा बड़े काम की चीज है.