भोपाल। कोरोना वायरस ने देश के हर सेक्टर को प्रभावित किया है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से मध्य प्रदेश सरकार खाली खजाने से जूझ रही है. हालांकि प्रदेश में अब अनलॉक के कई तरह की छूट दी गई है, लेकिन सरकार को उतना फायदा नहीं हो रहा, जितना आम दिनों में होता था. यही वजह है की सरकार के सामने अब आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. वहीं भोपाल नगर निगम की बात करें, तो निगम भी आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. जिसके कारण निगम के कई प्रोजेक्ट बंद पड़े हैं.
15 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है
निगम द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि, रुके हुए प्रोजेक्ट को फिर शुरू किया जाए, लेकिन राजस्व की कमी के कारण ये शुरू नहीं हो पा रहे हैं. बताया जा रहा है कि, कोरोना काल में नगर निगम को 15 करोड़ 56 लाख का नुकसान हुआ है. 2019 में 1 अप्रैल से 30 जून तक नगर निगम ने 42 करोड़ 17 लाख के करीब राजस्व की वसूली की थी, लेकिन इस बार अभी तक 26 करोड़ 60 लाख तक ही राजस्व की वसूली हो पाई है. दोनों आंकड़ों की तुलना की जाए तो करीब 15 करोड़ 56 लाख रुपए का नगर निगम को पहली तिमाही में राजस्व का नुकसान हुआ है.
प्रॉपर्टी टैक्स में 5 करोड़ का नुकसान
नगर निगम को सबसे ज्यादा राजस्व प्रॉपर्टी टैक्स के तौर पर मिलता है. कोरोना काल के दौरान इसमें भी नगर निगम को काफी नुकसान हुआ है. 2019 की पहली तिमाही में जहां 19 करोड़ राजस्व के तौर पर आया था, वहीं इस बार 14 करोड़ ही निगम के खाते में पहुंचा है. इसके अलावा लैंड बिल्डिंग रेंट में पिछली बार 1 करोड़ रुपए आए थे, वहीं इस बार 69 लाख ही आए हैं.
वहीं कॉम्प्लेक्स और शॉप रेंट में पिछली बार चार करोड़ 47 लाख रुपए आए थे, जबकि इस बार सिर्फ 35 लाख रुपए आए हैं. जलकर में 9 करोड़ 63 लाख रुपए आए थे, जबकि इस बार 6 करोड़ 87 लाख नगर निगम के खाते में पहुंचा है. इंटरटेनमेंट कर के तौर पर पिछली बार निगम को 22 लाख 87 हजार रुपए आए थे, जबकि इस बार 52 हजार 750 रुपए ही आए हैं. 2 लाख 35 हजार का एंटरटेनमेंट कर में नुकसान नगर निगम को हुआ है. वही रेहटी मार्केट से पिछली बार 27 लाख की आमदनी हुई थी, जबकि इस बार सिर्फ 5 लाख 81 हजार नगर निगम को मिले हैं.