भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शिवराज सरकार द्वारा कर्ज लिए जाने पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया (Ruckus in MP Vidhansabha over Budget). पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत के सवाल पर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के जवाब से सदन में हंगामा शुरू हो गया. भनोत बहिर्गमन कर सदन से बाहर चले गए. कुछ देर बाद फिर वापस आकर कर्ज पर सवाल करने लगे तो अध्यक्ष ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आप सदन चलने में बाधा खड़ी कर रहे हैं''. इस पर भनोत ने कहा कि ''क्या मैं फिर बाहर चला जांऊ'', इस पर अध्यक्ष ने कहा कि आपकी मर्जी जा सकते हैं. तरुण भनोत ने अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि ''आप हमारे संरक्षक हैं लेकिन मुझे बाहर जाने के लिए बोल रहे हैं''.
अमृत काल का बजट, सभी वर्ग का रखा ध्यान: बजट पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चला. कांग्रेस विधायक अशोक मर्सकोले ने कहा कि ''जब स्कूलों में शिक्षकों के नहीं होने की बात की जाती है तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सीएम राइज स्कूल की बात करने लगते हैं. अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी की बात होती है तो मुख्यमंत्री नए मेडिकल कॉलेज खोलने की बातें करते हैं''. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कहा कि दिविजय सिंह ने तो ''500 रुपये प्रतिमाह में शिक्षाकर्मी भरे थे, हम तो 50 हजार रुपये दे रहे हैंं''. कांग्रेस के हिरालाल ने कहा कि ''पीएम आवास योजना में 5 लाख रुपये मिलें, पुरानी पेंशन योजना लागू हो, धार, झाबुआ, बड़वानी जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोले जाएं''.
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पूंजीगत व्यय के लिए लिया कर्ज: सरकार द्वारा लिए गए कर्ज को लेकर विपक्ष ने सरकार को निशाने पर लिया. वही वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कर्ज लेना जायज बताया. उन्होंने कहा कि ''कर्ज पूंजीगत व्यय के लिए लिया गया है. कांग्रेस ने तो किसान कर्ज माफी के नाम पर कर्ज लिया. यह बजत सभी वर्गों का बजट है, कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया, पहले भी हमने कोई टैक्स नहीं लगाया था''. वहीं भनोत के प्रश्न के जवाब मेंं वित्त मंत्री देवड़ा राजस्थान सरकार द्वारा लिए गए कर्ज को बताने लगे, जिसका विपक्ष विरोध करते हुए कहा आप राजस्थान के वित्त मंत्री नहीं हैं, मध्य प्रदेश का कर्ज बताइए. देवड़ा ने कहा कि ''10 साल की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में कोई विकास कार्य नहीं किया, एक घंटा भी बिजली नहीं मिलती थी''.