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मोहन की कैबिनेट भी चौंकाएगी! सिंधिया समर्थक विधायकों में कितनों की एंट्री, किसका कटेगा पत्ता

MP Cabinet Formation Update: भाजपा आलाकमान ने मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौंका दिया. अब मोहन मंत्रिमंडल पर सबकी निगाहें टिकी हुईं हैं. माना जा रहा है कि इस बार सीएम के नाम की तरह मंत्रियों के नाम भी चौंका सकते हैं. और सिंधिया समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में एंट्री मिलेगी या नहीं इसको लेकर भी चर्चाएं जोरों पर हैं.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 18, 2023, 7:35 PM IST

Updated : Dec 18, 2023, 10:27 PM IST

Which MLAs become ministers in mp
मोहन की कैबिनेट भी चौंकाएगी

भोपाल। क्या मुख्यमंत्री की तरह एमपी में बीजेपी का नया मंत्रिमण्डल भी चौंकाने वाला होगा...इस कयास ने ही कतार में खड़े और बीजेपी की सत्ता में अब तक मजबूती से जमें विधायकों की नीदें उड़ा दी हैं. लिस्ट दिल्ली में फाईनल हो चुकी है. बताया जा रहा है कि केवल एलान बाकी है. राष्ट्रीय राजनीति से एमपी का रुख कर चुके नेता क्या मंत्री पद मंजूर कर लेंगे.....क्या शिवराज की तरह मोहन की कैबिनेट में भी सिंधिया समर्थक मंत्रियों को उसी तरह से मौका मिल पाएगा. क्या पीढ़ी परिवर्तन से गुजर रही बीजेपी की कैबिनेट भी नए नवेले चेहरों वाली होगी. जानकारी के मुताबिक, 18 से 20 मंत्रियों के पहली खेप में शपथ लेने की संभावना है.

कैबिनेट की सूची में क्या है: तो दिल्ली में हुए मोहन कैबिनेट के मंत्रियों के नाम को लेकर हुए मंथन के बाद अब निगाहें इस पर हैं कि इस सूची में कितने नाम 'इन' होते हैं और कितने नाम 'आउट'. माना जा रहा है कि कई पुराने दिग्गज मंत्रियों की छुट्टी की जा सकती है और पीढ़ी परिवर्तन के दौर से गुजर रही बीजेपी सरकार की कैबिनेट में भी ताजा चेहरे दिकाई दे सकते हैं. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं ''लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दबाव बहुत है, एक तरफ हर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व देखना है. फिलहाल तो सीएम मद के साथ बीजेपी की सत्ता में सबसे बड़ा दबदबा मालवा का ही दिखाई दे रहा है. निमाड़ और विंध्य से डिप्टी सीएम भी आ गए. लेकिन महाकौशल ग्वालियर चंबल बुंदेलखंड को भी बराबर का महत्व देना होगा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर. तो निगाहें इस पर हैं कि क्या इन इलाकों से नए चेहरे मंत्रिमण्डल में आते हैं. ये तय है कि सारे फैसले अब हाईकमान से ही होंगे.''

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क्या सिंधिया का दबदबा दिखेगा कैबिनेट में: 2020 में एमपी में बीजेपी सरकार का रिटर्न सिंधिया की बदौलत ही हुआ था. लिहाजा उस सरकार में पूरे साढे़ तीन साल सिंधिया और उनके समर्थकों का दबदबा कायम रहा. यहां तक कि परिवहन, जलसंसाधन, स्वास्थ्य जैसे अहम विभाग सिंधिया समर्थकों के खाते में रहे. लेकिन इस बार तस्वीर बदली हुई है. अब सिंधिया भी पार्टी के बाकी नेताओं की तरह ही हैं. क्या अब सिंधिया समर्थकों को वैसी तवज्जों मिल पाएगी? पवन देवलिया कहते हैं ''अब बीजेपी बदली हुई है ये तय मानिए. एमपी में अब वो होगा जो हाईकमान चाहेगा. इस लिहाज से देखिए तो सिंधिया समर्थकों की स्क्रूटनी (जांच) भी बहुत देख परख के होगी.''

मंगलवार शाम तक हो सकता है मंत्रिमण्डल विस्तार: माना जा रहा है कि एमपी में नई कैबिनेट पर छाई धूंध मंगलवार शाम तक साफ हो जाएगी. निगाहें सबकी इसी पर हैं कि क्या मुख्यमंत्री की तरह मंत्रियों के नाम भी चौंकाने वाले होंगे. कैसा मंत्रिमंडल होगा और किन चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी.

भोपाल। क्या मुख्यमंत्री की तरह एमपी में बीजेपी का नया मंत्रिमण्डल भी चौंकाने वाला होगा...इस कयास ने ही कतार में खड़े और बीजेपी की सत्ता में अब तक मजबूती से जमें विधायकों की नीदें उड़ा दी हैं. लिस्ट दिल्ली में फाईनल हो चुकी है. बताया जा रहा है कि केवल एलान बाकी है. राष्ट्रीय राजनीति से एमपी का रुख कर चुके नेता क्या मंत्री पद मंजूर कर लेंगे.....क्या शिवराज की तरह मोहन की कैबिनेट में भी सिंधिया समर्थक मंत्रियों को उसी तरह से मौका मिल पाएगा. क्या पीढ़ी परिवर्तन से गुजर रही बीजेपी की कैबिनेट भी नए नवेले चेहरों वाली होगी. जानकारी के मुताबिक, 18 से 20 मंत्रियों के पहली खेप में शपथ लेने की संभावना है.

कैबिनेट की सूची में क्या है: तो दिल्ली में हुए मोहन कैबिनेट के मंत्रियों के नाम को लेकर हुए मंथन के बाद अब निगाहें इस पर हैं कि इस सूची में कितने नाम 'इन' होते हैं और कितने नाम 'आउट'. माना जा रहा है कि कई पुराने दिग्गज मंत्रियों की छुट्टी की जा सकती है और पीढ़ी परिवर्तन के दौर से गुजर रही बीजेपी सरकार की कैबिनेट में भी ताजा चेहरे दिकाई दे सकते हैं. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं ''लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दबाव बहुत है, एक तरफ हर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व देखना है. फिलहाल तो सीएम मद के साथ बीजेपी की सत्ता में सबसे बड़ा दबदबा मालवा का ही दिखाई दे रहा है. निमाड़ और विंध्य से डिप्टी सीएम भी आ गए. लेकिन महाकौशल ग्वालियर चंबल बुंदेलखंड को भी बराबर का महत्व देना होगा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर. तो निगाहें इस पर हैं कि क्या इन इलाकों से नए चेहरे मंत्रिमण्डल में आते हैं. ये तय है कि सारे फैसले अब हाईकमान से ही होंगे.''

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क्या सिंधिया का दबदबा दिखेगा कैबिनेट में: 2020 में एमपी में बीजेपी सरकार का रिटर्न सिंधिया की बदौलत ही हुआ था. लिहाजा उस सरकार में पूरे साढे़ तीन साल सिंधिया और उनके समर्थकों का दबदबा कायम रहा. यहां तक कि परिवहन, जलसंसाधन, स्वास्थ्य जैसे अहम विभाग सिंधिया समर्थकों के खाते में रहे. लेकिन इस बार तस्वीर बदली हुई है. अब सिंधिया भी पार्टी के बाकी नेताओं की तरह ही हैं. क्या अब सिंधिया समर्थकों को वैसी तवज्जों मिल पाएगी? पवन देवलिया कहते हैं ''अब बीजेपी बदली हुई है ये तय मानिए. एमपी में अब वो होगा जो हाईकमान चाहेगा. इस लिहाज से देखिए तो सिंधिया समर्थकों की स्क्रूटनी (जांच) भी बहुत देख परख के होगी.''

मंगलवार शाम तक हो सकता है मंत्रिमण्डल विस्तार: माना जा रहा है कि एमपी में नई कैबिनेट पर छाई धूंध मंगलवार शाम तक साफ हो जाएगी. निगाहें सबकी इसी पर हैं कि क्या मुख्यमंत्री की तरह मंत्रियों के नाम भी चौंकाने वाले होंगे. कैसा मंत्रिमंडल होगा और किन चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी.

Last Updated : Dec 18, 2023, 10:27 PM IST
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