भोपाल। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का वो बयान याद कीजिए जिसमें उन्होने कहा था 'बहुत विनम्रता से कह रहा हूं अपने लिए कुछ मांगने दिल्ली जाने से बेहतर मैं मरना पसंद करूंगा.'' तो नतीजे आने के बाद एमपी के चाहे जितने नेताओं ने दिल्ली दौड़ लगाई हो शिवराज दिल्ली नहीं गए. अब दिल्ली जा रहे हैं तो बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बुलावे पर. माना जा रहा है कि शिवराज को उनकी नाराजगी के चलते दिल्ली बुलाया जा रहा है. पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात में उन्हें राष्ट्रीय संगठन में बड़ी जवाबदारी भी ऑफर की जा सकती है.
तो आखिर दिल्ली जा रहे हैं शिवराज..लेकिन बुलावे पर: चुनाव नतीजे आने के बाद एमपी के तकरीबन हर बड़े नेता ने बधाईयों और मुलाकात के लिए दिल्ली का रुख किया, सिवाय शिवराज सिंह चौहान के. मीडिया से चर्चा के में शिवराज सिंह चौहान ने ये बयान भी दे दिया था कि वे कुछ मांगने तो नहीं जाएंगे. एमपी में विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद से दिग्गज नेताओं में अकेले हैं शिवराज जो दिल्ली नहीं गए थे. लिहाजा माना जा रहा है कि उनकी नाराजगी के मद्देनजर राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उन्हें दिल्ली बुला ही लिया. पहले सोमवार शाम ही दिल्ली जाने का कार्यक्रम था लेकिन अब शिवराज मंगलवार सुबह जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे.
ताकि मामा के रहते भी सुकून से चले मोहन सरकार: डॉ. मोहन यादव की सीएम के रुप में शपथ लेने के बाद से मीडिया और सोशल मीडिया में उन वीडियो की बाढ़ है जिनमें लाड़ली बहनें शिवराज से कह रही हैं कि उनके साथ धोखा हुआ है. शिवराज की विदाई में बिलखती बहनें का कहना है कि उन्होंने वोट शिवराज को दिया था. हालांकि सीएम शिवराज ने एक गंभीर और बीजेपी के अनुशासित राजनेता की तरह विधानसभा में दिए अपने बयान में यही कहा कि ये पीढ़ी परिवर्तन का समय है. अगर सीएम मोहन यादव हैं तो नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार. लेकिन जानकार कह रहे हैं कि शिवराज के लिए जनता में जो दीवानगी है उसे नजरअंदाज भी नहीं कर सकती पार्टी. खास तौर पर आम चुनाव जब सामने हैं.
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जनता में लोकप्रिय शिवराज: वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं ''शिवराज अपने समकालीन नेताओं में भी सबसे लोकप्रिय रहे हैं. चार बार के मुख्यमंत्री हैं और उन्होंने जिस ढँग की राजनीति की है उसका नतीजा है कि उनके त्यागपत्र पर जनता के बीच से इस तरह की रिएक्शन आ रहे हैं. बीजेपी जानती है कि किसका कब, कहां और क्या इस्तेमाल करना है. शिवराज का दिल्ली दौरा इसी मद्देनजर अहम हो गया है.