भोपाल। जातिगत आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट में बदलाव की मांग सहित 21 सूत्रीय मांगों को लेकर भोपाल में जुटे करणी सेना के पदाधिकारियों ने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है. आंदोलन स्थल पर ही इन्होंने यह हड़ताल शुरू की है. इनका कहना है कि, सरकार उनकी मांगों पर जल्द निराकरण करें. अगर इनकी मांगे मान ली जाती हैं तो ठीक है. अन्यथा यह पूरे देश में किया जाएगा. करणी सेना के प्रदेश प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने चेतावनी देते हुए कहा कि, उनकी मांगे बार-बार टाल दी जाती हैं, लेकिन इस बार वह अपनी मांगों पर अडिग हैं. मध्यप्रदेश के साथ ही राजस्थान छत्तीसगढ़ दिल्ली पंजाब आदि राज्यों से भी लोग शामिल हुए हैं.
2023 में परिवर्तन की चेतावनी: भोपाल के जंबूरी मैदान में रविवार को करणी सेना के आंदोलन का शंखनाद हुआ. इनका कहना है कि हम वही माई के लाल हैं जो 2018 में सत्ता का परिवर्तन किया था. सरकार हमें दबाने का प्रयास करेगी तो हम 2023 में भी सरकार परिवर्तन करने में सक्षम है. करणी सेना का कहना है हमारे आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने अपने अनुवांशिक संगठनों की मदद से इसे कमजोर रही है. ईटीवी भारत से खास बातचीत जीवन सिंह शेरपुर ने कहा कि, सरकार उनकी मांगे जब तक नहीं मानती तब तक वह भूख हड़ताल पर रहेंगे. इसके लिए उनके प्राण तक चले जाएं, लेकिन उनका आंदोलन जारी रहेगा.
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पूरे देश में होगा आंदोलन: इस आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए गुजरात से राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राज शेखावत का कहना है कि, यह स्थिति देश में है कि उनके अधिकारों को दबाया जा रहा है. चाहे बात मध्य प्रदेश की हो या गुजरात की. वह गुजरात से आते है और वहां भी यही स्थिति है. वही महिपाल सिंह मकराना का कहना है कि सभी राजपूत एकजुट हैं. भले ही सरकार उनको दबाने के लिए कुछ संगठनों को बुलाकर इस आंदोलन को कमजोर करने की बात करें, लेकिन यहां मौजूद संख्या को देखकर आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि, उनका आंदोलन और राष्ट्रीय स्तर का हो गया है.