भोपाल। मध्यप्रदेश में घटित हो रही घटनाओं को लेकर मानव अधिकार आयोग विभिन्न समाचार पत्रों व अन्य संसाधनों के माध्यम से लगातार घटनाओं पर नजर रखे हुए हैं. प्रदेश में घटित हो रही घटनाओं पर लगातार जिम्मेदार अधिकारियों से समय सीमा के अंदर तथ्यात्मक जवाब भी मांगा गया है. प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा पुलिस की कार्यप्रणाली पर सबसे ज्यादा सवाल मानव अधिकार आयोग उठा रहा हैं. इसके साथ ही जिला प्रशासन भी आयोग के निशाने पर बना रहता है.
अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रहा पीने का पानी: भोपाल के बैरागढ़ सिविल अस्पताल में इलाज के लिये आने वाले मरीजों की शिकायत है कि उन्हें अस्पताल में पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है. यहां दो स्थानों पर वाटर कूलर लगे हुये हैं, पर उनमें पानी आता ही नहीं है. मजबूरन मरीजों और उनके परिजनों को बाहर से पानी खरीदकर काम चलाना पड़ रहा है. इधर मरीज भी उनके इलाज में डॉक्टर किसी प्रकार की गड़बड़ न कर दें, इस डर से लिखित शिकायत नहीं करते हैं. मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्रवाई के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
भोपाल में जर्जर मकानों में रह रहे 250 परिवार: भोपाल शहर के गोविंदपुरा स्थित बिजली नगर के जर्जर मकानों में 250 परिवार रहते हैं. ये परिवार बकायदा मेंटिनेंस चार्ज भी दे रहें, पर इनके मकानों का मेंटिनेंस नहीं होता. ये मकान 45 साल से भी अधिक पुराने हैं, इसलिये पूरी ये पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं. यहां के रहवासियों ने छत के उपर तिरपाल डाल रखी है, ताकि बारिश का पानी घरों में न घुस सके. रहवासी बिजली अफसरों से शिकायत करते हैं, तो वे कहते हैं कि दूसरी जगह चले जाओ. मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने सीएमडी, मध्यक्षेत्र विविकंलि, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये शासकीय आवासों के सुरक्षित अवस्था में निवास योग्य होने के संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में एक माह में जवाब मांगा है.
हवलदार के घर में घुसकर नाबालिग बेटी से मारपीट, छेड़छाड़: भोपाल शहर की नेहरू नगर स्थित पुलिस लाईन में रहने वाले पुलिस के हवलदार के घर में बीते मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात करीब 1 बजे बदमाश घर में अंदर आ गया और नाबालिग से अश्लील हरकत और छेड़छाड़ करने लगा. जब नाबालिग ने विरोध किया, तो उसके साथ मारपीट कर दी. नाबालिग के शोर मचाने पर वह भाग निकला. बाद में पिता के घर आने पर नाबालिग ने थाने पहुंचकर घटना की एफआईआर दर्ज कराई. मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर 15 दिन में जवाब मांगा है.
मुरैना में पिता-पुत्री के शव कुएं में मिले: मुरैना जिले के जौरा थानाक्षेत्र के ग्राम परसोंटा में पिता-पुत्री की संदिग्ध परिस्थितियों में कुएं में गिरने से मौत हो गई. ग्राम परसोंटा निवासी मातादीन धाकड़ बीते चार जुलाई को अपनी पुत्री को नहर के पास चाट खिलाने एवं एक जगह सालगिरह में जाने की बात कहकर घर से ले गया था. रात को जब वह घर वापस नहीं आया, तो मृतक के परिजनों ने दोनों की खोजबीन शुरू कर दी. बीते पांच जुलाई की सुबह परिजन एवं ग्रामीणों को गांव के एक कुएं में बच्ची का शव नजर आया. सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों के शवों को कुएं से बाहर निकाला. पुलिस का कहना है कि ये मामला संदिग्ध रूप से आत्महत्या का नजर आ रहा है, लेकिन परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं. मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने एसपी, मुरैना से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
विदिशा में महिला ने दी जान, टीआई लाईन अटैच: विदिशा जिले के नटेरन थाने में शिकायत लेकर पहुंची महिला टीआई द्वारा लगाई गई फटकार से इतनी आहत हुई कि उसने आत्महत्या कर ली. विदिशा एसपी ने टीआई को लाईन अटैच कर दिया है. मृतक महिला अपने साथ हुई मारपीट की शिकायत करने थाने आई थी. मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने एसपी, विदिशा से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्रवाई एवं मृतिका द्वारा की गई रिपोर्ट की प्रति एवं पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है.
मंदसौर में मनचले से परेशान होकर छात्रा ने दी जान: मंदसौर जिले के नाहरगढ़ के मगरना गांव निवासी कुसुम लौहार मंदसौर के एक नर्सिंग काॅलेज में प्रथम वर्ष की छात्रा थी. वह शहर की कोठारी काॅलोनी के एक मकान में किराये पर रूम लेकर पढ़ाई करती थी. उसने एक मनचले से परेशान होकर उसी मकान में आत्महत्या कर ली. मृतक युवती के परिजनों का आरोप है कि 'कोई युवक उसे लंबे समय से बेहद परेशान कर रहा था. इसी बात से व्यथित होकर उसने आत्महत्या कर ली. मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने मंदसौर एसपी से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
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अशोकनगर में गांव के मरीज खटिया से पहुंचते हैं अस्पताल: अशोकनगर जिले की मुंगावली विधानसभा क्षेत्र के झांसाखेड़ी गावं में बारिश के समय कीचड़ हो जाने के कारण एंबुलेंस गांव में नहीं पहुंच पाती है, जिस कारण मरीज के परिजन उसे खटिया पर रखकर कीचड़ भरे रास्ते से होकर अस्पताल पहुंचते हैं. कभी कभार तो ऐसी परिस्थिति में मरीज के साथ चारपाई को संभालना मुश्किल हो जाता है. साथ ही रास्ते में जगह-जगह कांटे बिखरे हुये रहते हैं. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की, लेकिन उनकी अबतक कोई भी सुनवाई नहीं हुई है. मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने अशोकनगर कलेक्टर से प्रकरण की जांच कराकर मात्र डेढ़ किमी रास्ते की समस्या से ग्रामवासियों को हो रही कठिनाई के निवारण हेतु की गई कार्रवाई के संबंध में एक माह में जवाब मांगा है.
शिवपुरी में दबंगों ने किसान की पिटाई की: शिवपुरी जिले के दिनारा थानाक्षेत्र के कूड गांव में जमीन जोतने गये किसान और उसके भाईयों के साथ दबंगों ने जमकर मारपीट की. कूड गांव के निवासी प्रदीप यादव ने बताया कि ''उसके खेत के सामने अशमत यादव और उसके तीन बेटों के घर हैं. बीते तीन जुलाई को मैं अपने खेत पर मूंगफली की बुवाई कर रहा था, तभी अशमत यादव व उसके तीन बेटे अंकुश, शिवम व अमित लाठियां लेकर आए और मेरे ट्रैक्टर का रास्ता रोककर खडे़ हो गये. उन्होंने धमकी दी कि तुम यहां पर जुताई नहीं करोगे, तो हमने कहा कि ये खेत तो हमारे हैं हम अपने खेत की जुताई करेंगे. इसी बात को लेकर उन्होंने मेरे साथ जमकर मारपीट की.'' शिकायत के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने शिवपुरी एसपी से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्रवाई के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.