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Bhopal Green Corridor वास्तव में "अनमोल" निकला मां-बाप का दुलारा, एकसाथ 5 लोगो को दिया नया जीवन

भोपाल का रहने वाला अनमोल जैन वास्तव में अपने नाम के अनुरूप "अनमोल" ही निकला. अपने परिवार के साथ-साथ वह अन्य कई परिवारों के लिए भी अनमोल हो गया.डॉक्टरों द्वारा एक एक्सीडेंट में ब्रेनडेड घोषित करने के बाद अनमोल 5 लोगों को जीवन दान दे गया. उसका हार्ट अहमदाबाद में धड़केगा, तो लीवर इंदौर के मरीज को लगाया जाएगा. जबकि इस युवा कि दो किडनियां अलग-अलग भोपाल के चिरायु और सिद्धांता अस्पताल के दो अन्य मरीजों को दान की गई हैं. अनमोल के माता-पिता ने भी प्रेरणादायी काम करके अपने बेटे को हमेशा के लिए "अनमोल अमर" कर दिया. अनमोल के इन अंगों को मरीजों तक पहुंचाने के लिए तीन "ग्रीन कॉरिडोर" भी बनाए थे. (Bhopal green 3 corridor)

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Published : Nov 28, 2022, 12:34 PM IST

bhopal green 3 corridor
वास्तव में अनमोल निकला मां बाप का दुलारा

भोपाल। भोपाल का रहने वाला 25 साल का अनमोल जैन स्टार्टअप का काम करता था. फूड के काम से जुड़े अनमोल का 19 नवंबर को डिपो चौराहे के पास एक्सीडेंट हो गया था. जिसके बाद उसे भोपाल की नर्मदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां डॉक्टर ने उसका ब्रेनडेड घोषित कर दिया था. जिसके बाद परिवार के सामने पशोपेश की स्थिति थी. ऐसे में परिवार के लोगों ने आपसी सहमति से अनमोल के अंगों को डोनेट करने का फैसला किया. (Really precious turned out to be dear parents)

एकसाथ 5 लोगो को नया जीवन दे गया अनमोल

हार्ट, किडनी, लीवर और आंखें की दानः अनमोल के रिश्तेदार अंशुल जैन बताते हैं कि परिवार के सामने यह स्थिति बेहद गंभीर थी. बावजूद इसके उन सभी ने आपसी सहमति से यह निर्णय लिया कि अनमोल के अंग दूसरे लोगों के जीवन को बचा सकते हैं. इसलिए इसे डोनेट किया जाएगा.अनमोल का हार्ट अहमदाबाद के लिए डोनेट किया गया है. जबकि लीवर इंदौर में डोनेट किया गया. वही दोनों आंखें हमीदिया अस्पताल में डोनेट की गई है. जबकि दो किडनी में से एक किडनी सिद्धांता रेड क्रॉस और दूसरी चिरायु अस्पताल भोपाल को डोनेट की गई है. (Donation of heart kidney liver and eyes) (Gave new life to 5 people together)

bhopal green 3 corridor
वास्तव में अनमोल निकला मां बाप का दुलारा

भारत में अंगदान को लेकर कितने जागरुक हैं लोग, जानिए

बने 3 ग्रीन कॉरिडोरः अनमोल के अंगों के डोनेट करने के लिए तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए. नर्मदा अस्पताल के संचालक डॉ. राजेश शर्मा के अनुसार हार्ट को जल्द से जल्द अहमदाबाद पहुंचाना था. उनके लिए अस्पताल से लेकर एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. जिसके बाद एयरपोर्ट से सीधे फ्लाइट से हार्ट अहमदाबाद पहुंचेगा और वहां जिस अस्पताल में जाना है, वहां तक भी कॉरिडोर रहेगा. इधर दूसरा कॉरिडोर भोपाल से इंदौर तक के लिए बनाया गया है. लगभग 200 किलोमीटर के इस कॉरिडोर के माध्यम से लीवर इंदौर भेजा गया है. वहीं तीसरा कॉरिडोर किडनी के लिए बनाया गया है. जिसमें सिद्धांता और चिरायु अस्पताल के लिए किडनी को भेजा गया. अनमोल दो भाइयों में छोटे थे लेकिन उनके परिवार ने उनके अंगों का दान कर कर उन्हें पुनः जीवित कर दिया और हर किसी की निगाह में बड़ा बना दिया. (Gave new life to 5 people together)

भोपाल। भोपाल का रहने वाला 25 साल का अनमोल जैन स्टार्टअप का काम करता था. फूड के काम से जुड़े अनमोल का 19 नवंबर को डिपो चौराहे के पास एक्सीडेंट हो गया था. जिसके बाद उसे भोपाल की नर्मदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां डॉक्टर ने उसका ब्रेनडेड घोषित कर दिया था. जिसके बाद परिवार के सामने पशोपेश की स्थिति थी. ऐसे में परिवार के लोगों ने आपसी सहमति से अनमोल के अंगों को डोनेट करने का फैसला किया. (Really precious turned out to be dear parents)

एकसाथ 5 लोगो को नया जीवन दे गया अनमोल

हार्ट, किडनी, लीवर और आंखें की दानः अनमोल के रिश्तेदार अंशुल जैन बताते हैं कि परिवार के सामने यह स्थिति बेहद गंभीर थी. बावजूद इसके उन सभी ने आपसी सहमति से यह निर्णय लिया कि अनमोल के अंग दूसरे लोगों के जीवन को बचा सकते हैं. इसलिए इसे डोनेट किया जाएगा.अनमोल का हार्ट अहमदाबाद के लिए डोनेट किया गया है. जबकि लीवर इंदौर में डोनेट किया गया. वही दोनों आंखें हमीदिया अस्पताल में डोनेट की गई है. जबकि दो किडनी में से एक किडनी सिद्धांता रेड क्रॉस और दूसरी चिरायु अस्पताल भोपाल को डोनेट की गई है. (Donation of heart kidney liver and eyes) (Gave new life to 5 people together)

bhopal green 3 corridor
वास्तव में अनमोल निकला मां बाप का दुलारा

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बने 3 ग्रीन कॉरिडोरः अनमोल के अंगों के डोनेट करने के लिए तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए. नर्मदा अस्पताल के संचालक डॉ. राजेश शर्मा के अनुसार हार्ट को जल्द से जल्द अहमदाबाद पहुंचाना था. उनके लिए अस्पताल से लेकर एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. जिसके बाद एयरपोर्ट से सीधे फ्लाइट से हार्ट अहमदाबाद पहुंचेगा और वहां जिस अस्पताल में जाना है, वहां तक भी कॉरिडोर रहेगा. इधर दूसरा कॉरिडोर भोपाल से इंदौर तक के लिए बनाया गया है. लगभग 200 किलोमीटर के इस कॉरिडोर के माध्यम से लीवर इंदौर भेजा गया है. वहीं तीसरा कॉरिडोर किडनी के लिए बनाया गया है. जिसमें सिद्धांता और चिरायु अस्पताल के लिए किडनी को भेजा गया. अनमोल दो भाइयों में छोटे थे लेकिन उनके परिवार ने उनके अंगों का दान कर कर उन्हें पुनः जीवित कर दिया और हर किसी की निगाह में बड़ा बना दिया. (Gave new life to 5 people together)

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