भोपाल। (Bhopal Gas Tragedy) मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल गैस त्रासदी के 37 साल (37th anniversary of gas tragedy) पूरे हो रहे हैं, लेकिन इस गैस पीड़ित के जहन में इसके जख्म इस कदर ताजा है, मानो कल की बात रहे. 37 सालों बाद भी गैस कांड का खतरा अभी भी बना हुआ है. गैस पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए गैस पीड़ित संगठनों ने सरकार से संभावित खतरे से बचाने और गैस पीड़ितों (Bhopal Gas victims) को न्याय दिलाने के लिए रोज सवाल पूछती है. 37 साल पर 37 सवाल की मुहिम की शुरूआत 26 अक्टूबर से कर दी गई है और यह सिलसिला 1 दिसंबर तक जारी रहेगा. 37 साल-37 सवाल (37 questions from government on 37 years) को लेकर ये गैस पीड़ित रोज डीआईजी बंगला बैरसिया रोड पर दोपहर 12 से 4 बजे तक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
37 सालों बाद भी मुश्किल भरा है जीवन
गैस पीड़ित संगठन की प्रमुख रचना ढींगरा ने बताया कि 37 साल (37th anniversary of gas tragedy) बाद भी गैस प्रभावितों को जीवन मुश्किल में है, इनका आर्थिक और सामाजिक पुनर्वास जरूरी है, जिसकी सरकारों को चिंता नहीं है. समय पर सरकारों ने इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया. रचना ढींगरा ने कहा कि इतने साल बाद भी केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर जहरीले कचरे को नहीं हटवा पाई है. दुनिया की बड़ी गैस त्रासदी में हुए नुकसान के बावजूद सरकार कचरे को अनदेखा कर रही है.
'पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने कभी क्यों नहीं की मुलाकात'
इसके साथ ही ढींगरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 5 बार के भोपाल दौरों में से एक भी बार भोपाल गैस पीड़ितों (Bhopal Gas victims) से मुलाकात क्यों नहीं की या उनके बारे में बात करने के लिए समय क्यों नहीं निकाला है. इसके साथ प्रदेश के मंत्री भी गैस प्रभावितों की अनदेखी कर रहे हैं.
Bhopal Gas Tragedy के 37 साल पर 37 सवाल
1. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ गैस कांड की वजह से हुई विधवाओं की संख्या 5000 है, फिर भोपाल गैस काण्ड की वजह से हुई कुल मौतों की संख्या 5295 कैसे हो सकती है ?
2. भोपाल में यूनियन कार्बाइड व डाव केमिकल द्वारा मिट्टी व पानी को प्रदूषित करने के लिए आज तक मध्य प्रदेश सरकार ने इन कम्पनियों से मुआवजे की मांग क्यों नहीं की है?
3. मुआवजा बढ़ाने की लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर सुधार याचिका की जल्द सुनवाई के लिए केंद्र और मध्य प्रदेश की सरकारों ने पिछले 11 सालो में एक भी आवेदन अदालत में क्यों पेश नहीं किया है ?
4. गैस पीड़ितों को आज तक सिर्फ लाक्षणिक इलाज ही क्यों मिल रहा है ? प्रदेश व केंद्र सरकार बताए कि आज तक गैस पीड़ितों के इलाज का सही तरीका क्यों नहीं बनाया गया है ?
5. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ गुर्दे को गंभीर नुकसान पहुंचने पर करीब 2000 गैस पीड़ितों को मुआवजा दिया गया है. सरकारी तौर पर यह माना गया है कि गैस पीड़ितों के गुर्दो की खराबी के लिए अस्पतालों में दी जा रही दर्दनाशकों का गलत इस्तेमाल भी बड़ी वजह है, फिर भी गैस राहत अस्पतालों में गुर्दों को नुकसान पहुंचाने वाली दवाए क्यों दी जा रही हैं?
6. गैस राहत अस्पतालों में डाक्टरों के 40% और विशेषज्ञों के 56% प्रतिशत पद पिछले 10 सालों से खाली क्यों पड़े हैं?
7. मध्य प्रदेश सरकार के पास पिछले 10 सालों से 85 करोड़ की राशि होने के बावजूद आज तक वह किसी गैस पीड़ित या उनकी संतान को रोजगार क्यों नहीं दे पाई है ?
8. वर्तमान प्रधानमंत्री ने अपने 5 भोपाल दौरों में से किसी में भी भोपाल गैस पीड़तों से या उनके बारे में बात करने के लिए समय क्यों नहीं निकाला है ?
9. गैस पीड़ितों को बिना बताए उन पर अलग-अलग दवा कम्पनियों की दवाओं के परीक्षण करने और इस दौरान 13 गैस पीड़ितों की मृत्यु घटाने के लिए जिम्मेदार भोपाल मेमोरियल अस्पताल के चिकित्सकों को आज तक सज़ा क्यों नहीं दी गई है ?
10. यूनियन कार्बाइड व डाव केमिकल द्वारा भोपाल कीमिट्टी और भूजल के जहरीले प्रदूषण के बारे में सरकारी वैज्ञानिक संस्थानों की रिपोर्टो को केन्द्र तथा मध्य प्रदेश की सरकारें नज़रअंदाज़ क्यों कर रही हैं?
11. गैस कांड के आपराधिक मामले में CBI ने यूनियन कार्बाइड कम्पनी के कानूनी नुमाइंदे को हाज़िर करने के लिए आज तक कोई कदम क्यों नहीं उठाया है ?
12. भारतीय विष विज्ञान शोध संस्थान, लखनऊ द्वारा भोपाल में कार्बाइड कारखाने के आस पास प्रदूषित क्षेत्र के लगातार फैलते रहने के प्रमाण प्रस्तुत करने के बाद भी मध्य प्रदेश सरकार ने जहरीले प्रदूषण के फैलाव की निगरानी के लिए आज तक कोई व्यवस्था क्यों नहीं की है ?
13. भोपाल में कार्बाइड कारखाने के पास की प्रदूषित जमीन में ऐसे रसायन मिले हैं जिनका जहरीलापन सैकड़ों सालों तक बना रहता है | इस जहर को साफ़ करने की कानूनी जिम्मेदारी डाव केमिकल की है. फिर गैस राहत मंत्री इस प्रदूषित जमीन पर स्मारक के नाम पर सीमेंट क्यों डलवाना चाहते हैं?
14. इस बात के वैज्ञानिक सबूत हैंकि यूनियन कार्बाइड की जहरीली गैसों की वजह से गैस काण्ड के बाद पैदा हुए पीड़ितों के बच्चों के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा है. गैस पीड़ितों की अगली पीढ़ी को यूनियन कार्बाइड व डाव केमिकल से मुआवजा पाने का कानूनी हक़ दिलाने के लिए आज तक केंद्र व प्रदेश की सरकारों ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया है ?
15. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गैस कांड की 27 वीं बरसी, दिनांक 3/12/2011 को गैस पीड़ित संगठनों से तीन वादे किए थे. पिछले 10 सालों में उन्होंने उनमें से एक भी पूरा क्यों नहीं किया है?
16. भोपाल मेमोरियल अस्पताल में आज तक स्त्री रोग, बाल्य रोग और जनरल मेडिसन के विभाग क्यों नहीं है ?
17. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा संचालित 6 गैस राहत अस्पतालों में किसी में भी एक भी मानसिक रोग चिकित्सक क्यों नहीं है ?
18. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित मुआवजे की याचिका में केंद्र व प्रदेश सरकारें यह झूठ क्यों बोल रहे है कि 93% गैस पीड़ितों को अस्थाई क्षति पहुंची है ?
19. मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने गैस कांड की वजह से हुई मौतों की संख्या के दो अलग-अलग आंकड़े: 5,295 और 15,342 क्यों पेश किए हैं ?
20. गैस पीड़ितों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए 4 करोड़ रुपये से निर्मित 7 योग केंद्र पिछले 9 सालों से खाली क्यों पड़े हैं?
21. 2011 में यूनियन कार्बाइड के जहरों से पीड़ितों के स्वास्थ्य पर शोध करने के लिए बना राष्ट्रीय पर्यावरणीय स्वास्थ्य शोध संस्थान (NIREH) ने भोपाल के पीड़ितों के स्वास्थ्य पर पड़े नुकसान पर वैज्ञानिक अध्ययन क्यों बन्द कर दिए हैं ?
22. NIREH के 2017 के एक अध्ययन में यह बताया गया कि अपीड़ितों की तुलना में गैस पीड़ितों के बच्चों में जन्मजात विकृतियां की दर 9 गुनाज्यादा है| बाद में इस आंकड़े को यह कहकर दबाया गया कि शोध में सुधार की जरुरत है. इस महत्वपूर्ण अध्ययन में क्या सुधार किया गया और क्या नतीजा निकला ?
23. दो वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञों की स्पष्ट सलाह के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार ने गैस पीड़ितों के इलाज में योग को शामिल क्यों नहीं किया है ?
24. भोपाल गैस कांड की वजह से विधवा हुई 500 से ज्यादा महिलाओं को मुख्यमंत्री द्वारा घोषित पेंशन से वंचित क्यों रखा गया है ?
25. भोपाल में यूनियन कार्बाइड कारखाने और उसके आस पास की प्रदूषित मिट्टी पानी की वैज्ञानिक जांच करने के संयुक्त राष्ट्र संघ के पर्यावरणीय कार्यक्रम के प्रस्ताव को केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री ने आज तक स्वीकार क्यों नहीं किया है ?
26. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि कोरोना की वजह से भोपाल की अन्य आबादी की अपेक्षा गैस पीड़ितों में मृत्युदर 5 गुना से ज्यादा है. यूनियन कार्बाइड व डाव केमिकल से अतिरिक्त मुआवजा लेने के लिए मध्य प्रदेश सरकार इस जानकारी को सुप्रीम कोर्ट में पेश क्यों नहीं कर रही है ?
27. कार्बाइड कारखाने के पीछे स्थित जहरीले तालाब में सिंघाड़े उगाने और मछली पालने के सालों से चल रहे जहरीले व्यवसाय के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार ने आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की है ?
28. 2010 में आपराधिक प्रकरण में कम्पनी और उसके अधिकारियों के खिलाफ त्वरित न्यायायिक कार्यवाही के बारे में किए गए वादे को आज तक पूरा क्यों नहीं किया है ?
29. गैस पीड़ितों को सामाजिक सुरक्षा समर्थन के लिए आवंटित 45 करोड़ रुपयों को पिछले 10 सालों से मध्य प्रदेश सरकार क्यों इस्तेमाल नहीं कर पाई है ?
30. मध्य प्रदेश सरकार के भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग में पिछले 2 सालों से क्यों ऐसे एक भी IAS अधिकारी नियुक्त नहीं हुए हैं जो साथ में दूसरा विभाग नसंभालता हो ?
31. 2004 में प्रदूषित भूजल की वजह से स्वास्थ्य को पहुंची क्षति के बारे में सरकारी शोध प्रकाशित होने के बावजूद आज तक प्रदूषित भूजल से पीड़ित इंसानो को गैस राहत अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा से वंचित क्यों रखा जा रहा है ?
32. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा गैस कांड के बाद जन्मे 1 लाख बच्चों का चिकित्सीय बीमा करवाने के सम्बन्ध में 3 अक्टूबर 1991 को जारी अपने आदेश के उल्लंघन का आज तक संज्ञान क्यों नहीं लिया है ?
33. 2014 से भोपाल जिला अदालत द्वारा अब तक 6 सम्मन जारी करने के बावजूद CBI डाव केमिकल को गैस काण्ड के आपराधिक प्रकरण में हाजिर क्यों नहीं करा पाई है ?
34. भोपाल पीड़ितों के चिकित्सीय पुनर्वास के लिए 2004 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित निगरानी समिति द्वारा आज तक की गई अधिंकांश अनुशंसाओं का मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पालन क्यों नहीं किया गया है ?
35. 2014 से भोपाल जिला अदालत द्वारा डाव केमिकल कम्पनी को 6 बार हाज़िर होने का आदेश जारी किया गया है और हर बार कम्पनी ने उसे पालन करने से मना किया है. भारतीय अदालत के आदेश का पालन न करने वाली अमरीकी कम्पनी को केंद्र और प्रदेश की सरकारे भारत में व्यापार क्यों करने दे रही हैं?
36. गैस कांड की वजह से 30% पीड़ितों में अवसाद, घबराहट और अनिद्रा जैसी मानसिक बीमारियाँ होने के वैज्ञानिक सबूत होने के बावजूद गैस काण्ड की वजह से एक भी इंसान को मानसिक स्वास्थ्य में क्षति के लिए मुआवजा क्यों नहीं मिला है ?