भोपाल। भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने वाले पांच गैर सरकारी संगठनों ने मंगलवार को केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार से पीड़ित लोगों को अतिरिक्त मुआवजा देने के अपने वादे को पूरा करने का आग्रह किया और इस मुद्दे पर एक महीने के अभियान की घोषणा की है. संगठनों ने कहा कि वे तीन दिसंबर को इस त्रासदी की 38वीं वर्षगांठ के अवसर पर नयी दिल्ली में एक शांतिपूर्ण रैली आयोजित भी करेंगे.(Bhopal Gas Tragedy)
एमपी और केंद्र सरकार को मनाएंगे पीड़ित: भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी ने यहां संवाददाताओं को बताया, "आज हम मध्यप्रदेश और केंद्र की सरकारों को भोपाल गैस त्रासदी के लिए अतिरिक्त मुआवजे पर उनके द्वारा किए गए वादों को पूरा करवाने के लिए अपना अभियान शुरू कर रहे हैं. हम नवंबर का महीना राज्य सरकार को समझाने में बिताएंगे और तीन दिसम्बर को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर भोपाल गैस पीड़ितों के शांतिपूर्ण रैली के जरिए केंद्र सरकार से वादे पूरे करवाएंगे." उन्होंने कहा कि भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने जनवरी 2012 में वर्तमान मुख्यमंत्री द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे गए एक पत्र की प्रतियां प्रस्तुत कीं, जिसमें गैस कांड की वजह से हुई मौतों की संख्या 15,342 बताई गई थी, न कि 5295, जैसा कि सुधार याचिका में पेश किया गया है."
वह कौन सी बात जो सीएम को पत्र भेजने से रोक रही: रशीदा बी ने सवाल किया, "अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने हर एक गैस पीड़ित को मुआवजा के तौर पर पांच लाख रूपये देने का आग्रह किया था, वह कौन सी बात है जो हमारे मुख्यमंत्री को ऐसा ही एक पत्र वर्तमान प्रधानमंत्री को भेजने से रोक रही है?" बता दें कि, भोपाल शहर के बाहरी इलाके में स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के कीटनाशक संयंत्र से दो-तीन दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव होने से 15,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जहरीले रिसाव से पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित भी हुए.