भोपाल। एक समय मध्यप्रदेश की सियासत में खासा रसूख रखने वाले पूर्व गृह मंत्री उमा शंकर फिर से वजूद हासिल करने की तैयारी में जुटे हैं. वह भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं. इसी इलाके में वह विकास यात्रा निकाल रहे हैं. धरने का ये पूरा सीन उस सड़क पर हुआ जो विधानसभा भवन से काफी नजदीक है. विधानसभा सत्र के दौरान जहां धारा 144 लागू रहती है. हालांकि उमाशंकर गुप्ता ने बाकायदा कलेक्टर से विकास यात्रा की अनुमति पहले ही ले ली थी. लेकिन विकास यात्रा यहां रोके जाने से गुप्ता का सब्र जवाब दे गया.
विकास यात्रा की अनुमति ली थी : जानकारी के मुताबिक विकास यात्रा की पूर्व में अनुमति ली जा चुकी थी. लेकिन विधासनभा सत्र चलने और क्षेत्र में धारा 144 लगी होने की वजह से यात्रा को पुलिस ने रास्ते में ही रोक दिया. जिसके विरोध में उमाशंकर गुप्ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. असल में उनकी ये दलील थी कि जब कलेक्टर से यात्रा की अनुमति ली जा चुकी है तो उन्हें क्यों रोका जा रहा है. बाद में अनुमति भी दी गई तो झुग्गियों के रास्ते विकास यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए कहा गया. इससे नाराज़ होकर धरने पर बैठ गए उमाशंकर गुप्ता. हालांकि कलेक्टर अविनाश लवानिया ने पुलिस प्रशासन से भी इस संबंध में बात की. लेकिन उमाशंकर गुप्ता तब तक धरने पर बैठ चुके थे.
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मंत्री भूपेंद्र सिंह का आया फोन : इसके बाद जब उनसे इसी रास्ते से आगे विकास यात्रा ले जाने को कहा भी गया तो वे तैयार नहीं हुए. उनका कहना था कि अधिकारियों तक सही सूचना नहीं होने की वजह से कार्यकर्ता भी परेशान हुए हैं और जो जनता उनकी प्रतीक्षा कर रही थी वो भी परेशान हुई. इसका खामियाजा कौन भुगतेगा. उमाशंकर गुप्ता को मनाने मंत्री भूपेन्द्र सिंह का भी फोन गया. उसी के बाद पूर्व मंत्री धरने से उठे. धरना स्थल पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक उमाशंकर गुप्ता ने जैसे ही उठने की कोशिश की तो उन्हें चक्कर आ गए और वे वहीं गिर गए. ब्लड प्रेशर बढ़ने और शुगर लो होने की वजह से संभवतः ये हुआ होगा. चार-पांच घंटे विकास यात्रा के बाद गर्म सड़क पर धूप में बैठे रहने की वजह से उमा शंकर गुप्ता की हालत बिगड़ी.