भोपाल। राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर बालासरस्वती के सुसाइड का मामला थमा ही नहीं था कि गुरुवार को एक और डॉक्टर ने आत्महत्या का प्रयास किया है. डॉक्टर का नाम कार्तिक बताया जा रहा है जो हमीदिया के बाहर ही आउटसाइड में रहा करता था. उसने इसी साल एमबीबीएस की डिग्री कंप्लीट की थी. जिसे आनन-फानन में ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था. बताया जा रहा है कि आत्महत्या की कोशिश करने वाले कार्तिक की हालत अभी भी ठीक नहीं है. आत्महत्या करने से पहले उसने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर सरस्वती को न्याय दिलाने के लिए स्टेटस भी लगाया था. कार्तिक ने अपने व्हाट्सएप के स्टेटस में लिखा था कि बदलाव के लिए हम सब को एकजुट होना है. सरस्वती के लिए न्याय, 2 सुसाइड्स इन 7 मंथ #GMC, भोपाल #shame.
डिप्रेशन में था कार्तिक: हमीदिया अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, कार्तिक कई समय से डिप्रेशन में चल रहा था. जिसके चलते उसने उसने आत्महत्या की कोशिश की. हालत बिगड़ने पर साथियों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. इस बारे में अभी कोई भी कुछ बोलने से मना कर रहा है. क्योंकि अधिकतर जूनियर डॉक्टर स्ट्राइक पर हैं.
जूनियर डॉक्टरों को किया जा रहा मानसिक प्रताड़ित: जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष संकेत का कहना है कि ''उनको भी यह जानकारी मिली है कि एमबीबीएस पोस्ट ग्रेजुएट कार्तिक ने आत्महत्या की कोशिश की है.'' फिलहाल बाकी सारे स्टूडेंट्स और जूनियर डॉक्टर स्ट्राइक में है. संकेत कहते हैं कि ''लगातार जिस तरह से जूनियर डॉक्टरों पर मानसिक प्रताड़ना की जा रही है यह उसका ही कारण है कि जूनियर डॉक्टर प्रेशर में आ रहे हैं.''
एचओडी को विभाग से दूर किया जाए: इधर दूसरी और जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल गुरुवार को भी जारी रखी. उनका कहना था कि ''गायनिक विभाग की एचओडी अरुणा कुमार को हटाना सिर्फ खानापूर्ति है. उन्हें विभाग से दूर भी किया जाना चाहिए. जिससे कि यहां चल रही जांच प्रभावित ना हो.'' जूनियर डॉक्टरों ने इस मामले में डीन से भी बात की है. लेकिन अभी भी कोई रास्ता निकल कर नहीं आया है जिस वजह से यह सभी हड़ताल पर बैठे हुए हैं.
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अस्पताल कैंपस में मौन जुलूस: जूनियर डॉक्टरों ने इसको लेकर पूरे अस्पताल कैंपस में मौन जुलूस भी निकाला और एक बार फिर डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग की है. उनका कहना है कि लगातार जूनियर डॉक्टर मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं. वहीं जूनियर डॉक्टरों ने एक सभा भी की जिसमें तमाम डॉक्टर से मौजूद रहे यहां सभी ने स्ट्राइक आगे भी जारी रखने की बात कही.
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का असर, टले 35 से अधिक ऑपरेशन: गायनिक विभाग की हैड अरुणा कुमार के इस्तीफा की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर हड़ताल जारी रखे हुए हैं. देर शाम उन्होंने गेट मीटिंग की और अपने आगे की रणनीति बनाई. वहीं सीनियर डॉक्टरों का भी इन्हें समर्थन मिल रहा है. वहीं दूसरी ओर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के चलते हमीदिया अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं लगातार बिगड़ती जा रही है. गुरुवार शाम तक लगभग 35 से अधिक ऑपरेशनों को टाल दिया गया. जिसमें जिसमें प्रसूति एवं महिला रोग विभाग में आने वाली मरीजों की संख्या ज्यादा रही. वहीं दूसरी ओर जिन महिला मरीजों को डिलीवरी के लिए गुरुवार की डेट दी गई थी. वो खुद दूसरे अस्पतालों में रेफर हो गए हैं. सीहोर के रहने वाले हरिनारायण की पत्नी को डिलीवरी के लिए गुरुवार की तारीख दी गई थी, लेकिन जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के चलते, उन्हें प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट कराने की व्यवस्था करनी पड़ी. हरिनारायण का कहना था कि यहां आकर देखा तो भर्ती करने के लिए कोई बड़े डॉक्टर मौजूद नहीं थे. कंपाउंडर और अन्य स्टाफ ही देखरेख में मौजूद था. ऐसे में उन्होंने प्राइवेट अस्पताल की ओर रुख कर लिया.