भोपाल। किसी अपराध की तह तक जाने में सिर्फ पुलिस अधिकारी ही महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाते, बल्कि पुलिस विभाग के ट्रेंड डॉग भी मदद करते हैं. कई बार इन ट्रेंड डॉग की मदद से पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगते हैं. पुलिस की सेवा करने वाले ऐसे ही 10 डॉग का जब रिटायरमेंट हुआ, तो पुलिस अधिकारियों ने इनके लिए एक समारोह किया. पुलिस अधिकारियों ने इन डॉग्स के गले में हार पहनाकर उन्हें विदाई दी.
अनोखा रहा विदाई समारोहः पुलिस फोर्स के डॉग के विदाई समारोह में इनके हैंडलर्स के अलावा विशेष सशस्त्र बल के एडीजी साजिद फरीद सापू, मध्य क्षेत्र के डीआईजी नवनीत भसीन उपस्थित थे. उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि "इन डॉग्स की भूमिका को कभी भुलाया नहीं जा सकता, क्योंकि पुलिस की सक्रियता और सफलता इनके बिना असंभव है. पुलिस की सफलता में इनका योगदान किसी से छिपा नहीं है." पुलिस अधिकारियों के मुताबिक रिटायर्ड किए गए डॉग्स ने कई अपराधों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कुछ मामले तो ऐसे थे, जिनका खुलासा इनके संकेतों की मदद से ही हो सका.
9 माह में होते हैं ट्रेंडः पुलिस विभाग के इन डॉग्स की ट्रेनिंग एक साल की उम्र पूरी होने के बाद शुरू होती है. पुलिस विभाग की 25वीं बटालियन में इन डॉग्स की 9 माह तक ट्रेनिंग चलती है. इस दौरान इन डॉग्स को कई तरह की ट्रेनिंग दी जाती है, इन्हें नशीले पदार्थ, किसी व्यक्ति को उसकी खुशबू से ढूंढने, विस्फोटक सामग्री को खोजने की ट्रेनिंग दी जाती है. इसके अलावा इन्हें शिष्टाचार भी सिखाया जाता है.
ये भी पढ़ें :- |
सिर्फ ट्रेनर की ही बात मानते हैं डॉग्सः इसमें खास बात यह है कि इन डॉग्स को उनके ट्रेनर के द्वारा ही ट्रेंड किया जाता है. इसके बाद यह डॉग्स अपनी पूरी सर्विस इन्हीं ट्रेनर के साथ ही रहते हैं. जिस जिले में डॉग्स को भेजा जाता है, वहीं उनके ट्रेनर का भी तबादला किया जाता है, क्योंकि यह डॉग्स सिर्फ अपने ट्रेनर के ही इंस्ट्रक्शन का पालन करते हैं.