भोपाल। सामूहिक आत्महत्या के मामले में थाना रातीबड़ और साइबर क्राइम भोपाल की टीम ने फ्रॉड के लिए फर्जी बैंक खाता उपलब्ध कराने वाले खाता धारक को जयपुर से गिरफ्तार किया है. आरोपी ने यह खाता किराये पर उपलब्ध कराने के लिए खोला था. आरोपी द्वारा अपना फर्जी बैंक खाता और किन किन लोगों को दिया है इसके संबंध में विवेचना की जा रही है. आरोपी के बैंक खाते से 10 दिन में लगभग 2 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है. पुलिस आरोपी के साथियों की गहन तलाश कर रही है.
पुलिस उपायुक्त कीर्ति सोमवंशी ने क्या बताया: क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि "पुलिस रातिबड़ में मृतक भूपेन्द्र रितु ऋतुराज और ऋषिराज की डेडबॉडी मिलने पर गहन जांच कर रही है. इस पूरे मामले में आरोपी मोहम्मद खलील जिला टोंक, राजस्थान का मूल निवासी है जो वर्तमान में जयपुर में पता बदल-बदल कर रहता है. फर्जी इंटरप्राइजेज तैयार कर उनके नाम पर करंट बैंक खाता खुलवाकर फ्रॉडस्टरों को फ्रॉड के लिए उपलब्ध कराता है. जिसके एवज में यह फ्रॉडस्टरों से प्रतिमाह फिक्स कमीशन प्राप्त करता है.
आरोपी को जिस नाम से बैंक खाता खुलवाना होता है. उसका छोटा सा बैनर तैयार करवा कर कोई भी किराये से कमरा लेकर वहां का पता बैंक वालों से वेरिफाई करवा देता था. जिसके बाद उस पते पर कभी नहीं रहता था. इस सुसाइड मामले में SIT की टीम ने मृतक के बैंक खातों की जानकारी बैंक से प्राप्त की और बारीकी से डेट-बाय-डेट ट्राजेक्शन के संबंध में एनालिसिस किया गया.
बैंक स्टेटमेंट के एनालिसिस पर पाया गया कि मृतक को कुछ रुपये एसएच इंटरप्रायजेज के IDFC खाता से प्राप्त हुआ. बाद बैंक से उपरोक्त एसएच इंटरप्राइजेज के IDFC खाता की जानकारी प्राप्त की गयी. जानकारी में कई किस्म की गड़बड़ियां मिली. इसके बाद एक शख्स पर संदेह हुआ जिसका पता जयपुर में मिला. SIT टीम ने जयपुर में दबिश देकर आरोपी मोहम्मद खलील को जयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया. उसके पास से एक मोबाइल फोन जब्त किया गया.
साइबर क्राइम ने जारी की एडवायजरी: फोन पर कोई अज्ञात व्यक्ति आपसे क्रेडिट कार्ड, बैंक खाता, एटीएम कार्ड या अन्य कोई फायनेंशियल जानकारी मांगता है तो उसके साथ अपनी बहुमूल्य जानकारी बिल्कुल भी साझा न करें और अपनी स्थानीय बैंक शाखा में जाकर सम्पर्क करें.