भोपाल। जेल प्रबंधन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार, जेल में फांसी की सजा का इंतजार कर रहे आरोपी बंदी रजत सैनी को 12 अक्टूबर 2023 को खून की उल्टी होने से, खून की अत्यधिक कमी पाई जाने से, पल्स एवं रक्तचाप सामान्य से अधिक कम होने के कारण उसे जेल सिक्याेरिटी में इलाज के लिए शासकीय हमीदिया अस्पताल भोपाल भेजा गया था. यहां पहुंचते संबंधित डॉक्टर्स ने रजत को भर्ती करने के लिए कह दिया, उसका इलाज शुरू हो गया और उसकी निगरानी के लिए जेल प्रहरी अत्यवचन जाट और जेल प्रहरी राज अमले को तैनात कर दिया गया था. इसी बीच अभिरक्षा में बंदी रजत सैनी शनिवार यानी 14 अक्टूबर 2023 को सुबह लगभग 5.55 बजे हथकड़ी खोलकर शासकीय हमीदिया अस्पताल भोपाल से फरार हो गया, इसके बाद जेल प्रबंधन ने कोहेफिजा थाना प्रभारी को रजत सैनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उसे तलाश करने के लिए लेटर लिखा. जेल प्रबंधन ने बताया कि फरार कैदी की दाहिने हाथ के पंजे में आरके गुदा हुआ है, वहीं बाई हंसली के पास तिल का निशान है और दाएं हाथ की कलाई पर रजत सैनी लिखा हुआ है.
इन मामलों में भुगत रहा है सजा: दंडित बंदी रजत सैनी पुत्र सुरेश कुमार सैनी वार्ड नंबर 11, सरस्वती ज्ञान मंदिर के पास बरबटपुर रेस्ट हाउस के पास, थाना राघौगढ़ जिला गुना में मकान नंबर 586 का रहने वाला है और वर्तमान में अमलतास गोल्डन माइल कॉलोनी थाना खजूरी सड़क भोपाल में रहता था. अभी वह केंद्रीय जेल भोपाल में सजा भुगत रहा था, उसके खिलाफ के खिलाफ 3183/22 के मामला दर्ज है. सबसे पहले न्यायालय 11 अपरसत्र न्यायाधीश भोपाल द्वारा दिनांक 9 जनवरी 2019 को दिए गए फैसले क्रमांक 226/18 में आईपीसी धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत एक वर्ष, तीन वर्ष, 7 वर्ष, 5 वर्ष, 7 वर्ष की सश्रम कारावास एवं अर्थदंड 2500 रुपए अदा न कर पाने की स्थिति में 9 माह का अतिरिक्त कारावास और दिया गया था.
इसके बाद चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश गुना द्वारा दिनांक 29 जुलाई 2019 को फैसला सुनाया. भादवि की धारा 364 के आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 3 माह अतिरिक्त कारावास दिया गया है. माननीय न्यायालय सप्तम अपरसत्र न्यायाधीश भोपाल द्वारा दिनांक 8 मई 2023 को निराकृत सत्र प्रकरण क्रमांक 707/22 में आईपीसी की धारा 302, 201, 489क, 489ख, 489ग, 489घ के तहत मृत्युदंड, 7 वर्ष आजीवन आजीवन, 7 वर्ष आजीवन सश्रम कारावास और 6 हजार रुपए जुर्माना नहीं देने पर 1 वर्ष 6 माह का अतिरिक्त कारावास दिया गया था.
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6 महीने पहले भी हुई थी लापरवाही: हमीदिया अस्पताल में करीब छह महीने पहले भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिटायर्ड सब-इंस्पेक्टर विश्वंभर सिंह सेंगर (62) को 13 मार्च 2023 को सजा सुनाई थी. सजा वारंट जारी होने पर पुलिस ने उसका मेडिकल कराया, जिसमें कैंसर पीडि़त होने की पुष्टि हुई. इसके बाद आरोपी को उपचार के अस्पताल में भर्ती कराया गया, 13 मार्च से 12 अप्रैल तक जिला जेल सिहोर में इलाज चला. 12 अप्रैल को सिहोर जेल में पदस्थ डॉक्टर ने उसे हमीदिया अस्पातल भोपाल के लिए रेफर कर दिया. अस्पताल में उसकी निगरानी, सुरक्षा के लिए प्रधान आरक्षक सुरेन्द्र शर्मा, आरक्षक अमित सिंह, विकास शर्मा, नरेश वर्मा को भेजा गया. आरोपी को हमीदिया अस्पताल के सातवीं मंजिल पर बने मेडिकल वॉर्ड में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा था. इसके बाद अचानक विश्वंभर सिंह सेंगर फरार हो गया, बाद में वह बाहर टलहता मिला था.